शिमला : थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को बाधित करने के लिए सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ के प्रयास जारी हैं और वह अंतरराष्ट्रीय सीमा के निचले क्षेत्रों की सुरंगों के जरिए घुसपैठ करने का प्रयास कर रहे हैं. शनिवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनावों का पहला चरण संपन्न हुआ.
उन्होंने कहा कि सीमा पार से आतंकवाद एक गंभीर खतरा बना हुआ है और इसे रोकने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन फिर भी यह खत्म नहीं हो रहा है.
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद से केंद्रशासित प्रदेश में यह पहला चुनाव है और जिला विकास परिषद चुनाव के पहले चरण में शनिवार को करीब 52 फीसदी मतदान हुआ.
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कन्नूर पहुंचे सेना प्रमुख नरवणे ने कहा कि हमारी पश्चिमी सीमाओं पर मौजूदा स्थिति के लिए आतंकवाद एक गंभीर खतरा बना हुआ है और सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को बाधित करने के लिए जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी लगातार घुसपैठ करने का प्रयास कर रहे हैं. सेना प्रमुख ने कहा कि घुसपैठ करने की हर कोशिश को नाकाम करने की कोशिश की जा रही है.
सेना प्रमुख ने आगे कहा कि सर्दियों की शुरुआत में बर्फ के स्तर में वृद्धि से पहले घुसपैठ की कोशिश की जा रही है. इसका एक कारण यह है कि वे (आतंकी) दक्षिण की ओर आगे बढ़ना शुरू कर चुके हैं और अब अंतरराष्ट्रीय सीमा के निचले क्षेत्रों की सुरंगों के जरिए घुसपैठ करने का प्रयास कर रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर के साम्बा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ ने कुछ दिन पहले ही 150 मीटर लंबी सुरंग का पता लगाया था. आशंका है कि इसका इस्तेमाल जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने पाकिस्तान से घुसपैठ के लिए किया. इस घटना के कुछ दिन बाद थल सेना प्रमुख ने कहा कि सर्दियों की शुरुआत के साथ आतंकवादियों ने अब 'दक्षिण की तरफ' बढ़ना शुरू कर दया है