हैदराबाद : तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) के कर्मचारियों की हड़ताल को 30 दिन पूरे हो चुके हैं. इसके एक दिन पहले मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कर्मचारियों के काम पर लौटने की अंतिम समय सीमा तय की थी.
मुख्यमंत्री ने टीएसआरटीसी के 5,100 मार्गों के निजीकरण की घोषणा की. इसके साथ ही उन्होंने कर्मचारियों से पांच नवम्बर की आधी रात तक काम पर लौटने के लिए कहा था, और ऐसा न होने पर बाकी बचे 5000 मार्गों का भी निजीकरण कर दिए जाने की बात कही थी.
हड़ताली कर्मचारियों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने कहा है कि जब तक उनकी मांगें सरकार नहीं मान लेती, हड़ताल वापस नहीं ली जाएगी.
जेएसी के संयोजक अश्वथाम रेड्डी ने कर्मचारियों से कहा कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कर्मचारियों को साहसी बनने की सलाह दी और कहा कि अपने आत्मसम्मान के साथ समझौता न करें.
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रेड्डी ने कहा कि इसके पहले भी मुख्यमंत्री द्वारा तय की गयी समय सीमा पर कर्मचारी काम पर नहीं लौटे थे, और इस बार भी कोई कर्मचारी काम पर नहीं लौटेगा.
रेड्डी ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास किसी कर्मचारी को बर्खास्त करने का कोई अधिकार नहीं है.
इस बीच, टीएसआरटीसी के एक और कर्मचारी की हृदयाघात के कारण मौत हो गई. जेएसी के नेताओं ने कहा कि वारंगल जिले के कंडक्टर रविंदर की अवसाद के कारण मौत हो गई. पांच अक्टूबर को हड़ताल शुरू होने के बाद से लगभग 10 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है. इनमें से तीन ने आत्महत्या की थी.
एक अन्य घटनाक्रम के तहत तेलंगाना उच्च न्यायालय ने मुख्य सचिव एस.के. जोशी, टीएसआरटीसी के प्रभारी प्रबंध निदेशक सुनील शर्मा और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के आयुक्त लोकेश कुमार को सात नवम्बर को अदालत में तलब किया है, जिस दिन हड़ताल पर सुनवाई होनी है.