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TSRTC कर्मचारियों का हड़ताल वापस लेने से इनकार - 5,100 मार्गो के निजीकरण की घोषणा

तेलंगाना में टीएसआरटीसी के कर्मचारियों की हड़ताल को 30 दिन पूरे हो चुके हैं. लेकिन अब भी कर्मचारी हड़ताल खत्म करने का नाम नहीं ले रहे. उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मानती, तब तक वे हड़ताल खत्म नहीं करेंगे. पढ़ें पूरी खबर...

TSRTC के कर्मचारियों ने किया हड़ताल वापस लेने से इनकार.
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Published : Nov 3, 2019, 11:59 PM IST

हैदराबाद : तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) के कर्मचारियों की हड़ताल को 30 दिन पूरे हो चुके हैं. इसके एक दिन पहले मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कर्मचारियों के काम पर लौटने की अंतिम समय सीमा तय की थी.

मुख्यमंत्री ने टीएसआरटीसी के 5,100 मार्गों के निजीकरण की घोषणा की. इसके साथ ही उन्होंने कर्मचारियों से पांच नवम्बर की आधी रात तक काम पर लौटने के लिए कहा था, और ऐसा न होने पर बाकी बचे 5000 मार्गों का भी निजीकरण कर दिए जाने की बात कही थी.

हड़ताली कर्मचारियों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने कहा है कि जब तक उनकी मांगें सरकार नहीं मान लेती, हड़ताल वापस नहीं ली जाएगी.

जेएसी के संयोजक अश्वथाम रेड्डी ने कर्मचारियों से कहा कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कर्मचारियों को साहसी बनने की सलाह दी और कहा कि अपने आत्मसम्मान के साथ समझौता न करें.

पढ़ें : TSRTC चालक श्रीनिवास की मौत पर उबाल, खम्मम में आज बंद का आह्वान

रेड्डी ने कहा कि इसके पहले भी मुख्यमंत्री द्वारा तय की गयी समय सीमा पर कर्मचारी काम पर नहीं लौटे थे, और इस बार भी कोई कर्मचारी काम पर नहीं लौटेगा.

रेड्डी ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास किसी कर्मचारी को बर्खास्त करने का कोई अधिकार नहीं है.

इस बीच, टीएसआरटीसी के एक और कर्मचारी की हृदयाघात के कारण मौत हो गई. जेएसी के नेताओं ने कहा कि वारंगल जिले के कंडक्टर रविंदर की अवसाद के कारण मौत हो गई. पांच अक्टूबर को हड़ताल शुरू होने के बाद से लगभग 10 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है. इनमें से तीन ने आत्महत्या की थी.

एक अन्य घटनाक्रम के तहत तेलंगाना उच्च न्यायालय ने मुख्य सचिव एस.के. जोशी, टीएसआरटीसी के प्रभारी प्रबंध निदेशक सुनील शर्मा और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के आयुक्त लोकेश कुमार को सात नवम्बर को अदालत में तलब किया है, जिस दिन हड़ताल पर सुनवाई होनी है.

हैदराबाद : तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) के कर्मचारियों की हड़ताल को 30 दिन पूरे हो चुके हैं. इसके एक दिन पहले मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कर्मचारियों के काम पर लौटने की अंतिम समय सीमा तय की थी.

मुख्यमंत्री ने टीएसआरटीसी के 5,100 मार्गों के निजीकरण की घोषणा की. इसके साथ ही उन्होंने कर्मचारियों से पांच नवम्बर की आधी रात तक काम पर लौटने के लिए कहा था, और ऐसा न होने पर बाकी बचे 5000 मार्गों का भी निजीकरण कर दिए जाने की बात कही थी.

हड़ताली कर्मचारियों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने कहा है कि जब तक उनकी मांगें सरकार नहीं मान लेती, हड़ताल वापस नहीं ली जाएगी.

जेएसी के संयोजक अश्वथाम रेड्डी ने कर्मचारियों से कहा कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कर्मचारियों को साहसी बनने की सलाह दी और कहा कि अपने आत्मसम्मान के साथ समझौता न करें.

पढ़ें : TSRTC चालक श्रीनिवास की मौत पर उबाल, खम्मम में आज बंद का आह्वान

रेड्डी ने कहा कि इसके पहले भी मुख्यमंत्री द्वारा तय की गयी समय सीमा पर कर्मचारी काम पर नहीं लौटे थे, और इस बार भी कोई कर्मचारी काम पर नहीं लौटेगा.

रेड्डी ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास किसी कर्मचारी को बर्खास्त करने का कोई अधिकार नहीं है.

इस बीच, टीएसआरटीसी के एक और कर्मचारी की हृदयाघात के कारण मौत हो गई. जेएसी के नेताओं ने कहा कि वारंगल जिले के कंडक्टर रविंदर की अवसाद के कारण मौत हो गई. पांच अक्टूबर को हड़ताल शुरू होने के बाद से लगभग 10 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है. इनमें से तीन ने आत्महत्या की थी.

एक अन्य घटनाक्रम के तहत तेलंगाना उच्च न्यायालय ने मुख्य सचिव एस.के. जोशी, टीएसआरटीसी के प्रभारी प्रबंध निदेशक सुनील शर्मा और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के आयुक्त लोकेश कुमार को सात नवम्बर को अदालत में तलब किया है, जिस दिन हड़ताल पर सुनवाई होनी है.

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.HYDERABAD MES7
TL-RTC-STRIKE
Telangana RTC strike: Unions want govt to hold talks
Hyderabad, Nov 3 (PTI) A day after Telangana Chief
Minister K Chandrasekhar Rao set November 5 as the deadline
for TSRTC workers to give up their stir and join duty, the
employees' unions on Sunday insisted that the Telangana
government first hold talks to resolve the issue.
With the indefinite strike over a slew of demands
entering the 30th day, TSRTC-JAC leader EAshwathamaReddy
said the Chief Minister could not instil confidence among
workers, rather he was "trying to provoke" them.
"Talks should first be held to resolve the issue. It
could be a committee of ministers or RTC management... but
Chief Minister is seeking to dictate terms to courts and
taking unilateral decisions. Nobody has the right to remove
anyone from jobs," Reddy told reporters here.
Rao had on Saturday said the state cabinet decided to
allot 5,100 of 10,400 routes to private operators and warned
that the other routes would also be given to them if those on
strike don't join duty by the midnight of November 5.
"If 5,100 routes are privatised, then 27,000 staff are
required. Why did he (Rao) not talk about the remaining 23,000
staff? What will be the future of those 23,000 people? If the
number of depots is halved from 90 to 45, what will be the
fate of depot managers?" Reddy asked.
Expressing willingness to wind up the unions if their
demands were conceded, Reddy said, "first discuss on demands
should be held."
Reacting to CM's statement, Union Minister of State for
Home GKishan Reddy said Rao was acting hastily on the RTC
issue.
The state government should hold parleys with drivers and
conductors, who hail from poor families, and arrive at a
solution.
"The government should not treat employees as enemies or
anti-government. RTC is a public service organisation," the
Union Minister said adding it was not good to adopt a
"vindictive" attitude towards employees.
In a related development, Hyderabad Police Commissioner
Anjani Kumar on Sunday appealed to all RTC employees who are
willing to join duty that their safety and security would be
taken care of.
Adequate security has been provided to all depots, he
said and warned of action against anyone who takes law into
their hands.
On Sunday, the protesting employees held demonstrations
at different places and raised slogans against the government.
The leader of the Join Action Committee of RTC unions had
on Saturday said they were planning to meet Union Home
Minister Amit Shah to seek Centre's intervention into the
issue.
Employees and unions of the bus corporation started
the indefinite strike from October 5 across Telangana
demanding merger of the RTC with the government and
recruitment to various posts, among others. PTI VVK
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