ETV Bharat / bharat

अस्पतालों में मरने वाले सभी मरीजों की कोरोना जांच कराना अवैज्ञानिक : मंत्री

सरकारी अस्पतालों में सभी मृतकों की कोरोना वायरस जांच कराने के तेलंगाना उच्च न्यायालय के आदेश के कुछ दिनों बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इतेला राजेंदर ने कहा कि यह 'अवैज्ञानिक' और 'समझ से परे' है तथा राज्य का ऐसा करने का कोई इरादा नहीं है. पढ़ें विस्तार से...

ETV BHARAT
इतेला राजेंदर, स्वास्थ्य मंत्री तेलंगाना
author img

By

Published : Jun 10, 2020, 1:22 PM IST

हैदराबाद : सरकारी अस्पतालों में सभी मृतकों की कोरोना वायरस जांच कराने के तेलंगाना उच्च न्यायालय के आदेश के कुछ दिनों बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इतेला राजेंदर ने कहा कि यह 'अवैज्ञानिक' और 'समझ से परे' है तथा राज्य का ऐसा करने का कोई इरादा नहीं है.

अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वह सरकारी अस्पतालों में सभी शवों की कोरोना वायरस जांच कराए.

तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री राजेंदर ने संवाददाताओं से कहा कि मृत लोगों की कोविड-19 की जांच कराना अवैज्ञानिक है. यह समझ से परे है. आईसीएमआर दिशानिर्देशों में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि शवों का परीक्षण कराया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि इस राज्य में हर दिन लगभग 1,000 लोगों की मौत होती है. देश में हर दिन लगभग 30,000 लोगों की मौत होती है. उन्हें (अदालतों में जनहित याचिका दायर करने वालों) को बताना चाहिए कि आईसीएमआर या डब्ल्यूएचओ के किस दिशा-निर्देश में शवों पर परीक्षण किए जाने की बात की गई है. यह संभव नहीं है और हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है.

इससे पहले मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के कार्यालय द्वारा सोमवार रात जारी बयान में कहा गया था कि अधिकारियों का मत है कि उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने के लिए राज्य सरकार को उच्चतम न्यायालय में अपील करनी चाहिए.

पढ़ें-कोरोना पॉजिटिव डीएमके विधायक अनबझगन की हालत गंभीर

सोमवार को एक समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों ने राव को सूचित किया कि उच्च न्यायालय के उस आदेश का पालन करना कठिन है, जिसमें यह कहा गया है कि अस्पतालों में मरने वाले सभी लोगों की कोरोना वायरस की जांच की जानी चाहिए, चाहे उनकी मौत किसी भी कारण से हुई हो.

अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि प्रदेश में हर रोज विभिन्न कारणों से करीब 900 से एक हजार लोगों की मौत हो रही है.उन सबकी जांच करना संभव नहीं है. अधिकारियों ने बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देश का पालन करना 'असंभव' है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील दायर करनी चाहिए.

हैदराबाद : सरकारी अस्पतालों में सभी मृतकों की कोरोना वायरस जांच कराने के तेलंगाना उच्च न्यायालय के आदेश के कुछ दिनों बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इतेला राजेंदर ने कहा कि यह 'अवैज्ञानिक' और 'समझ से परे' है तथा राज्य का ऐसा करने का कोई इरादा नहीं है.

अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वह सरकारी अस्पतालों में सभी शवों की कोरोना वायरस जांच कराए.

तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री राजेंदर ने संवाददाताओं से कहा कि मृत लोगों की कोविड-19 की जांच कराना अवैज्ञानिक है. यह समझ से परे है. आईसीएमआर दिशानिर्देशों में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि शवों का परीक्षण कराया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि इस राज्य में हर दिन लगभग 1,000 लोगों की मौत होती है. देश में हर दिन लगभग 30,000 लोगों की मौत होती है. उन्हें (अदालतों में जनहित याचिका दायर करने वालों) को बताना चाहिए कि आईसीएमआर या डब्ल्यूएचओ के किस दिशा-निर्देश में शवों पर परीक्षण किए जाने की बात की गई है. यह संभव नहीं है और हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है.

इससे पहले मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के कार्यालय द्वारा सोमवार रात जारी बयान में कहा गया था कि अधिकारियों का मत है कि उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने के लिए राज्य सरकार को उच्चतम न्यायालय में अपील करनी चाहिए.

पढ़ें-कोरोना पॉजिटिव डीएमके विधायक अनबझगन की हालत गंभीर

सोमवार को एक समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों ने राव को सूचित किया कि उच्च न्यायालय के उस आदेश का पालन करना कठिन है, जिसमें यह कहा गया है कि अस्पतालों में मरने वाले सभी लोगों की कोरोना वायरस की जांच की जानी चाहिए, चाहे उनकी मौत किसी भी कारण से हुई हो.

अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि प्रदेश में हर रोज विभिन्न कारणों से करीब 900 से एक हजार लोगों की मौत हो रही है.उन सबकी जांच करना संभव नहीं है. अधिकारियों ने बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देश का पालन करना 'असंभव' है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील दायर करनी चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.