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तेलंगाना : बाल दिवस के मौके पर बच्चों के लिए पहला पुलिस थाना खुला

तेलंगाना के मेडिपल्ली में बच्चों के अनुकूल पुलिस थाना खुला है. थाने का आज उद्घाटन किया गया. उद्घाटन समारोह में बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) के संस्थापक नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी भी मौजूद थे.

इक्रो फ्रेंटली पुलिस थाना
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Published : Nov 14, 2019, 10:03 PM IST

Updated : Nov 14, 2019, 11:55 PM IST

हैदराबाद : तेलंगाना के बच्चों को समर्पित पहले पुलिस थाने का यहां गुरुवार को मेडिपल्ली में उद्घाटन किया गया. इस आयोजन में बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) के संस्थापक नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी भी मौजूद थे.

यह थाना बीबीए के साथ संयुक्त तत्वावधान में स्थापित किया गया है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि बीबीए पुलिसकर्मियों को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों से अवगत कराने और बच्चों के अनुकूल पुलिस थाने स्थापित करने के लिए प्रशिक्षण देगा.

बच्चों के अनुकूल पहला पुलिस थाना खुला

बाल संबंधी विषयों में पुलिस की भूमिका को रेखांकित करते हुए संगठन ने हितधारकों को इस बात की जानकारी दी कि सताए हुए बच्चों के साथ व्यवहार करते समय किसी भी प्रक्रियात्मक प्रावधान का उल्लंघन नहीं होना चाहिए.

उद्घाटन समारोह में रचाकोंडा के पुलिस आयुक्त महेश एम भागवत ने राज्य के पहले बच्चों के लिए अनुकूल पुलिस थाने के निर्माण में बीबीए की भूमिका और प्रयासों की प्रशंसा की. बीबीए की सहायता से बने बच्चों के लिए अनुकूल पुलिस थाने की दीवारों को चित्रों से सजाया गया था.

बच्चों को पुलिस थाने में सुविधा हो इसके लिए थाने में वाटर कूलर और बिस्तर उपलब्ध हैं. इसके अलावा पुस्तकें और खिलौने भी उपलब्ध कराए गए हैं.

देखें, काचीगुडा रेलवे स्टेशन के पास दो ट्रेनों की आमने-सामने टक्कर की CCTV फुटेज

बीबीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी समीर माथुर ने कहा, 'बच्चों के लिए अनुकूल पुलिस थाने यह सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाते हैं कि प्रत्येक बच्चे को सही और समय पर न्याय मिल सके. ऐसे पुलिस थाने अनुकूल वातावरण मुहैया कराते हैं और बच्चों से संबंधित अपराध दर्ज किए जाने को प्रोत्साहित करते हैं. '

पुलिस ने कहा कि ऑपरेशन स्माइल और ऑपरेशन मुस्कान के दौरान 2017 से अब तक रचाकोंडा पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत कुल 1,884 बच्चों को बचाया जा चुका है.

हैदराबाद : तेलंगाना के बच्चों को समर्पित पहले पुलिस थाने का यहां गुरुवार को मेडिपल्ली में उद्घाटन किया गया. इस आयोजन में बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) के संस्थापक नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी भी मौजूद थे.

यह थाना बीबीए के साथ संयुक्त तत्वावधान में स्थापित किया गया है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि बीबीए पुलिसकर्मियों को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों से अवगत कराने और बच्चों के अनुकूल पुलिस थाने स्थापित करने के लिए प्रशिक्षण देगा.

बच्चों के अनुकूल पहला पुलिस थाना खुला

बाल संबंधी विषयों में पुलिस की भूमिका को रेखांकित करते हुए संगठन ने हितधारकों को इस बात की जानकारी दी कि सताए हुए बच्चों के साथ व्यवहार करते समय किसी भी प्रक्रियात्मक प्रावधान का उल्लंघन नहीं होना चाहिए.

उद्घाटन समारोह में रचाकोंडा के पुलिस आयुक्त महेश एम भागवत ने राज्य के पहले बच्चों के लिए अनुकूल पुलिस थाने के निर्माण में बीबीए की भूमिका और प्रयासों की प्रशंसा की. बीबीए की सहायता से बने बच्चों के लिए अनुकूल पुलिस थाने की दीवारों को चित्रों से सजाया गया था.

बच्चों को पुलिस थाने में सुविधा हो इसके लिए थाने में वाटर कूलर और बिस्तर उपलब्ध हैं. इसके अलावा पुस्तकें और खिलौने भी उपलब्ध कराए गए हैं.

देखें, काचीगुडा रेलवे स्टेशन के पास दो ट्रेनों की आमने-सामने टक्कर की CCTV फुटेज

बीबीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी समीर माथुर ने कहा, 'बच्चों के लिए अनुकूल पुलिस थाने यह सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाते हैं कि प्रत्येक बच्चे को सही और समय पर न्याय मिल सके. ऐसे पुलिस थाने अनुकूल वातावरण मुहैया कराते हैं और बच्चों से संबंधित अपराध दर्ज किए जाने को प्रोत्साहित करते हैं. '

पुलिस ने कहा कि ऑपरेशन स्माइल और ऑपरेशन मुस्कान के दौरान 2017 से अब तक रचाकोंडा पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत कुल 1,884 बच्चों को बचाया जा चुका है.

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PRI ESPL NAT
.HYDERABAD MES4
TL-CHILDFRIENDLY-POLICE
Telangana gets its first 'child-friendly' police station
         Hyderabad, Nov 14 (PTI): Telangana's first 'child-
friendly' police station was on Thursday inaugurated at
Medipally here, in association with Bachpan Bachao Andolan
(BBA),founded by Nobel laureate Kailash Satyarthi.
         As part of the joint initiative, BBA will also
organise a training session in order to raise awareness,
sensitise and inform police personnel on the guidelines laid
down by the National Commission for Protection of Child Rights
(NCPCR) for establishing child-friendly police stations, an
official release said.
         While highlighting the role of police in child-related
issues, the organisation apprised the stakeholders on the
importance of ensuring that no procedural provisions are
disregarded while dealing with the distressed children, it
said.
         Speaking at the inaugural event, Rachakonda Police
Commissioner Mahesh M Bhagwat appreciated the efforts and role
of BBA in constructing the state's first child-friendly police
station.
         With assistance from BBA, the child-friendly police
station with "child-friendly corners" was decorated with wall
paintings,furnished with beds, water coolers, in order to make
children, visiting the police stations, comfortable and feel
relaxed.
         Apart from this, books, toys and games have been
made available, it said.
         Samir Mathur, CEO BBA, said, "child-friendly police
stations play a vital role in ensuring that every child has
proper and timely access to justice. These police stations
promise a facilitating environment and also encourage higher
reporting of crimes relating to children."
         Police said during the operation Smile and Operation
Muskaan, a total of 1,884 children--1,460 boys and 424 girls,
were rescued in the limits of Rachakonda Commissionerate from
2017 till date.
         Rachakonda Police in association with other
government departments and NGOs have already started'work
site schools' for rescued children from brickilns under
'Brickline School' where children of migrant labourers from
Odisha are imparted education in their mother tongue. PTI VVK
SS
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11141659
NNNN
Last Updated : Nov 14, 2019, 11:55 PM IST
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