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तेलंगाना : इस बार मंदिर में ही पुजारी करेंगे बोनालु उत्सव के सभी अनुष्ठान - बोनालु उत्सव के सभी अनुष्ठान

तेलंगाना के हैदराबाद और रंगारेड्डी जिलों में मनाया जाने वाला बोनालु उत्सव इस बार कुछ हटकर होगा. कोरोना महामारी के दौर में सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए तेलंगाना सरकार ने फैसला लिया है कि इस बार बोनालु उत्सव से संबंधित सभी अनुष्ठान और रीति रिवाज मंदिर के भीतर पुजारियों द्वारा ही किए जाएंगे.

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मंदिर में पुजारियों द्वारा ही मनाया जाएगा बोनालु उत्सव
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Published : Jun 23, 2020, 1:58 PM IST

हैदराबाद : तेलंगाना सरकार ने फैसला किया है कि इस साल बोनालु उत्सव से संबंधित अनुष्ठान और रीति-रिवाज पुजारियों द्वारा मंदिर के अंदर ही किए जाएंगे.

गृह राज्य मंत्री महमूद अली ने बताया कि हर साल राज्य सरकार इस त्योहार को भव्य तरीके से मनाती है और राज्य के गठन के बाद इस त्योहार को राजकीय त्योहार घोषित किया गया है. पिछले साल, राज्य सरकार ने त्योहार के संचालन के लिए 15 करोड़ रुपये जारी किए थे.

हालांकि, कोविड-19 के प्रसार के कारण, भारत सरकार और राज्य सरकार ने जुलूसों और सभाओं की अनुमति नहीं देने के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं.

श्रम और रोजगार मंत्री ने बताया कि बोनालु त्योहार हर साल हैदराबाद और रंगा रेड्डी दोनों जिलों में 3,020 मंदिरों में मनाया जाता है, लेकिन कोविड-19 के प्रसार के चलते इस साल सरकार ने बहुत कुछ बदलाव किए हैं.

पढ़ें : पुरी रथ यात्रा LIVE : श्रीमंदिर से बाहर आए भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा, भक्तों में दिख रहा उत्साह

श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे अपने घरों में देवी को बोनम चढ़ाएं और मंदिरों में इकट्ठा न हों. 'घताला उगरिम्पु' (Ghatala Uregimpu) के लिए अनुमति नहीं दी गई है. आयुक्त, बंदोबस्ती यह सुनिश्चित करेंगे कि पत्तु वश्थारम्स पहले से ही मंदिरों में भेजा जाए.

बता दें कि बोनालु का लाइव टेलीकास्ट भी होगा, ताकि भक्त इस उत्सव को वर्चुअल देख सकें.

गृह मंत्री ने सभी समिति के सदस्यों और अन्य अधिकारियों से सरकार के साथ सहयोग करने का अनुरोध किया है.

हैदराबाद : तेलंगाना सरकार ने फैसला किया है कि इस साल बोनालु उत्सव से संबंधित अनुष्ठान और रीति-रिवाज पुजारियों द्वारा मंदिर के अंदर ही किए जाएंगे.

गृह राज्य मंत्री महमूद अली ने बताया कि हर साल राज्य सरकार इस त्योहार को भव्य तरीके से मनाती है और राज्य के गठन के बाद इस त्योहार को राजकीय त्योहार घोषित किया गया है. पिछले साल, राज्य सरकार ने त्योहार के संचालन के लिए 15 करोड़ रुपये जारी किए थे.

हालांकि, कोविड-19 के प्रसार के कारण, भारत सरकार और राज्य सरकार ने जुलूसों और सभाओं की अनुमति नहीं देने के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं.

श्रम और रोजगार मंत्री ने बताया कि बोनालु त्योहार हर साल हैदराबाद और रंगा रेड्डी दोनों जिलों में 3,020 मंदिरों में मनाया जाता है, लेकिन कोविड-19 के प्रसार के चलते इस साल सरकार ने बहुत कुछ बदलाव किए हैं.

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श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे अपने घरों में देवी को बोनम चढ़ाएं और मंदिरों में इकट्ठा न हों. 'घताला उगरिम्पु' (Ghatala Uregimpu) के लिए अनुमति नहीं दी गई है. आयुक्त, बंदोबस्ती यह सुनिश्चित करेंगे कि पत्तु वश्थारम्स पहले से ही मंदिरों में भेजा जाए.

बता दें कि बोनालु का लाइव टेलीकास्ट भी होगा, ताकि भक्त इस उत्सव को वर्चुअल देख सकें.

गृह मंत्री ने सभी समिति के सदस्यों और अन्य अधिकारियों से सरकार के साथ सहयोग करने का अनुरोध किया है.

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