पटना/नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल में सबकुछ ठीक ठाक नहीं है. शुक्रवार को राजद स्थापना दिवस पर हुई बैठक में भी इसे महसूस किया गया. तेजस्वी यादव पहले दिन की इस बैठक से नदारद रहे. तेज प्रताप यादव और राबड़ी देवी ने बैठक को संबोधित किया. इसे लेकर तरह-तरह की चर्चा की जा रही है.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो तेजस्वी यादव पार्टी में नया सुधार लाना चाहते हैं. उनकी इच्छा है कि उन्हें इसके लिए खुली छूट दी जाए. वो किसी का भी हस्तक्षेप नहीं चाहते हैं.
कहा जाता है कि तेज प्रताप और मीसा भारती अपने तरीके से पार्टी में बदलाव चाहते हैं. इसी को लेकर तेज बंधुओं के बीच आपसी खींचतान है. हालांकि, खुले तौर पर तेज प्रताप ने इसे कभी भी स्वीकार नहीं किया है.
कल हुई पार्टी स्थापना दिवस की बैठक में भी तेज प्रताप ने अपनी पुरानी बातें दोहराई हैं. उन्होंने कहा कि जो भी दोनों भाइयों के बीच में आएगा, उसकी खैर नहीं. तेज प्रताप अपने को कृष्ण और तेजस्वी को अर्जुन बताते रहे हैं.
आपको बता दें कि तेजस्वी यादव लंबे अंतराल के बाद पटना पहुंचे. लेकिन वह बिहार विधानसभा की कार्यवाही से भी दूर रहे. कुछ देर के लिए वह आए, लेकिन जल्द ही चले गए.
राजद अध्यक्ष पद से उनके इस्तीफे की मांग भी आने लगी है. लेकिन शुक्रवार को स्थापना दिवस के मौके पर राबड़ी देवी ने जिस तरह से उनका बचाव किया उससे यह साफ जाहिर हो गया है कि तेजस्वी यादव इस्तीफा नहीं देंगे.
और क्या कुछ कहा तेजप्रताप यादव ने
तेजप्रताप यादव ने कहा, 'सोशल मीडिया में भी कृष्ण-अर्जुन जोड़ी को लेकर तरह-तरह की बातें कर रहे हैं कि अब दाल नहीं गल रही है, अलग हो गए...धर के चीर देंगे. जो तेज और तेजस्वी और जो कृष्णा और अर्जुन के बीच आएगा उसके ऊपर सुदर्शन चक्र चलेगा श्री कृष्णा का.'
क्या कहा शिवानंद तिवारी ने
राजद नेता शिवानंद तिवारी ने तेजस्वी की अनुपस्थिति पर उनका नाम लिए बिना कहा कि आप केवल एक हार के कारण लोगों से दूर नहीं भाग सकते, क्योंकि जनता चाहती है कि आप अगले मुख्यमंत्री बनें और आपको अपने पिता से सीखना चाहिए और वापस लड़ना चाहिए.
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