नई दिल्ली: साध्वी प्रज्ञा को भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार बनाए जाने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है. राजनीतिक कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला ने प्रज्ञा के खिलाफ चुनाव आयोग (EC) से अनुरोध किया कि मध्य प्रदेश की भोपाल संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा को चुनाव लड़ने से रोका जाए क्योंकि उन पर आतंकवाद संबंधी आरोप हैं.
आयोग को लिखे एक पत्र में उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने पाया कि साल 2008 में हुये मालेगांव बम धमाके में ठाकुर 'मुख्य षड्यंत्रकर्ता' हैं. इस घटना में छह लोगों की मौत हो गई थी.
उन्होंने कहा कि अजमेर दरगाह बम धमाके में उनका नाम सामने आया है.
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उन्होंने इस खत में लिखा, 'मैं भारत के चुनाव आयोग से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करूंगा कि वह आदर्श आचार संहिता 2019 को लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाये और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई करते हुये उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाये.'
ज्ञातव्य है कि ठाकुर नौ साल जेल में रही हैं और 2017 में उन्हें खराब सेहत के चलते जमानत पर रिहा किया गया. उन पर गैर कानूनी गतिविधिया (निरोधक) कानून के तहत आरोप लगाये गये हैं.
गौरतलब है कि तहसीन पूनावाला को कांग्रेस के नजदीक माना जाता है.
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हालांकि, कानून के अनुसार, 25 साल की आयु से अधिक का कोई व्यक्ति चुनाव लड़ने का अधिकार रखता है बशर्ते उसे किसी ऐसे अपराध में दोषी न ठहराया गया हो जिसमें सजा की अवधि दो साल से अधिक की हो.
इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी साध्वी प्रज्ञा की जमानत रद्द करने की मांग थी.
भाजपा ने बुधवार को भोपाल संसदीय सीट से उन्हें टिकट देने का ऐलान किया था, जहां उनका मुख्य मुकाबला कांग्रेसी दिग्गज एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से होगा.