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'टेडी डक' ने जवानों में जगाया जोश तब जाकर सफल हो पाया ऑपरेशन 'डेयर डेविल' - Dehradun News

सर्च एन्ड रेस्क्यू ऑपरेशन टीम का नेतृत्व कर रहे आईटीबीपी के द्वितीय कमान अधिकारी रतन सिंह सोनल ऑपरेशन डेयर डेविल से जुड़े अपने अनुभव को लोगों से साझा किया है. इस ऑपरेशन को लेकर टीम के भावुक होने से लेकर कुछ अलग दिखने पर टीम में जोश भरने तक की कहानी रतन सिंह ने की बयां.

डिजाइन फोटो.
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Published : Jul 9, 2019, 10:29 AM IST

पिथौरागढ़: विश्व के सबसे बड़े सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन 'डेयर डेविल' की सफलता का राज कुछ और नहीं बल्कि एक छोटा सा 'टेडी डक' है. नंदा देवी ईस्ट अभियान के दौरान जान गंवाने वाले विदेशी पर्वतारोहियों के समान के साथ एक टेडी डक भी मिला है. 17,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर जब ऑपरेशन टीम के लीडर रतन सिंह सोनाल ने इस टेडी डक को खोजा तो सभी जवानों भावुक हो गए. इसके बाद टीम लीडर ने तय किया कि इस ऑपरेशन को पूरा करना है.

रतन सिंह ने बताया कि टेडी डक ने कैसे जगाया जोश
टीम लीडर रतन सिंह सोनल ने कहा कि एक बहुत ही भावनातमक जुड़ाव है इस खिलौने के साथ. जब मैं शव की तलाश करने निकला था तो उससे पहले कुछ फोटों मिले थे, जिसमें कुछ सामान दिखाई दे रहे थे. इससे लोगों को लगा कि ये शव होंगे, लेकिन असल में शव नहीं थे. उसका कारण है कि इतनी ऊंचाई (3000 फीट) से नीचे गिरने के बाद हल्का सामान ऊपर रह जाता है. शव तो इतने भारी थे कि ये एवलॉन्च के नीचे या केरॉसीन में घुसे होंगे.

रतन सिंह ने सुनाई टेडी डक की कहानी

आगे रतन कहते हैं कि जब हम शवों को ढ़ूड़ रहे थे तो मुझे सबसे पहले एक छोटा सा गुड्डा मिला, जिसे देख मेरा दिल पसीझ गया और ख्याल आया कि ये कितना भावनातमक जुड़ाव था. वे अपने लोगों के करीब थे. ऐसे में मैंने अपने साथियों को बुलाया और बताया कि मुझे टेड्डी मिला है, जिसके बाद सभी भावुक थे.

पढ़ें: नंदा देवी चोटी फतह करने के क्रम में लापता हुए पर्वतारोहियों का वीडियो आया सामने

रतन ने कहा कि ये वाक्या होने के बाद हमने तय किया कि इन शवों की तलाश करनी है और उनके प्रियजनों तक ये शव पहुंचाने हैं, ताकि प्रियजनों को लगे कि ये अपने ही लोग हैं और हमारे करीब थे. इन लोगों की आत्मा की शांती के लिए हमने ये कर दिखाया है.

पूरा मामला
गौरतलब है कि नंदा देवी चाेटी फतह करने गए दल के आठ सदस्‍य लापता हो गए थे. हिमालयन रन एंड ट्रैक प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली द्वारा संचालित नंदा देवी ईस्ट अभियान दस मई को नई दिल्ली से रवाना हुआ था, जिसमें 12 सदस्य शामिल थे. कुछ दिनों बाद चार पर्वातारोही सही सलामत बेस कैंप लौट आए. 8 की तलाश की गई, जिसे ऑपरेशन डेयर डेविल नाम दिया गया. आईटीबीपी की टीम ने अभियान चला कर आठों की तलाश कर ली है.

पिथौरागढ़: विश्व के सबसे बड़े सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन 'डेयर डेविल' की सफलता का राज कुछ और नहीं बल्कि एक छोटा सा 'टेडी डक' है. नंदा देवी ईस्ट अभियान के दौरान जान गंवाने वाले विदेशी पर्वतारोहियों के समान के साथ एक टेडी डक भी मिला है. 17,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर जब ऑपरेशन टीम के लीडर रतन सिंह सोनाल ने इस टेडी डक को खोजा तो सभी जवानों भावुक हो गए. इसके बाद टीम लीडर ने तय किया कि इस ऑपरेशन को पूरा करना है.

रतन सिंह ने बताया कि टेडी डक ने कैसे जगाया जोश
टीम लीडर रतन सिंह सोनल ने कहा कि एक बहुत ही भावनातमक जुड़ाव है इस खिलौने के साथ. जब मैं शव की तलाश करने निकला था तो उससे पहले कुछ फोटों मिले थे, जिसमें कुछ सामान दिखाई दे रहे थे. इससे लोगों को लगा कि ये शव होंगे, लेकिन असल में शव नहीं थे. उसका कारण है कि इतनी ऊंचाई (3000 फीट) से नीचे गिरने के बाद हल्का सामान ऊपर रह जाता है. शव तो इतने भारी थे कि ये एवलॉन्च के नीचे या केरॉसीन में घुसे होंगे.

रतन सिंह ने सुनाई टेडी डक की कहानी

आगे रतन कहते हैं कि जब हम शवों को ढ़ूड़ रहे थे तो मुझे सबसे पहले एक छोटा सा गुड्डा मिला, जिसे देख मेरा दिल पसीझ गया और ख्याल आया कि ये कितना भावनातमक जुड़ाव था. वे अपने लोगों के करीब थे. ऐसे में मैंने अपने साथियों को बुलाया और बताया कि मुझे टेड्डी मिला है, जिसके बाद सभी भावुक थे.

पढ़ें: नंदा देवी चोटी फतह करने के क्रम में लापता हुए पर्वतारोहियों का वीडियो आया सामने

रतन ने कहा कि ये वाक्या होने के बाद हमने तय किया कि इन शवों की तलाश करनी है और उनके प्रियजनों तक ये शव पहुंचाने हैं, ताकि प्रियजनों को लगे कि ये अपने ही लोग हैं और हमारे करीब थे. इन लोगों की आत्मा की शांती के लिए हमने ये कर दिखाया है.

पूरा मामला
गौरतलब है कि नंदा देवी चाेटी फतह करने गए दल के आठ सदस्‍य लापता हो गए थे. हिमालयन रन एंड ट्रैक प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली द्वारा संचालित नंदा देवी ईस्ट अभियान दस मई को नई दिल्ली से रवाना हुआ था, जिसमें 12 सदस्य शामिल थे. कुछ दिनों बाद चार पर्वातारोही सही सलामत बेस कैंप लौट आए. 8 की तलाश की गई, जिसे ऑपरेशन डेयर डेविल नाम दिया गया. आईटीबीपी की टीम ने अभियान चला कर आठों की तलाश कर ली है.

Intro:पिथौरागढ़: विश्व के सबसे बड़े सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन "डेयर डेविल" की सफलता का राज कुछ और नही बल्कि एक छोटा सा "टेडी डक" है। नंदा देवी ईस्ट अभियान के दौरान जान गंवाने वाले विदेशी पर्वतारोहियों के समान के साथ एक टेडी डक भी मिला है। 17,000 फ़ीट से अधिक ऊंचाई पर जब इस "टेडी डक" को ऑपरेशन के टीम लीडर रतन सिंह सोनाल ने खोजा तो सभी जवानों की आंखे नम हो गयी और इस अभियान को सफल बनाने का जोश जवानों में भर सा गया। विश्व के सबसे कठिन सर्च एन्ड रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे आईटीबीपी के द्वितीय कमान अधिकारी रतन सिंह सोनल ने कहा कि उनकी टीम को बिल्कुल भी उम्मीद नही थी कि ये खोजी अभियान सफल हो पायेगा मगर जब नंदा देवी अभियान के दौरान उन्हें ये "टेडी डक" मिला तो ये पल बेहद भावुक करने वाला था। ये टेडी डक किसी महिला या अन्य विदेशी पर्वतारोही का हो सकता था। इस टेडी ने ऑपरेशन में शामिल जवानों में नया जोश भरने का काम किया। जिस वजह से हम 5 फ़ीट बर्फ में दबी डैडबॉडी को ढूंढने में कामयाब हुए। रतन सिंह सोनाल ने कहा कि वो इस टेडी को अपने साथ लाये है ताकि इसे मृतक के परिवार तक पहुंचाया जा सके। Byte: रतन सिंह सोनाल, टीम लीडर, ऑपरेशन डेयर डेविल


Body:पिथौरागढ़: विश्व के सबसे बड़े सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन "डेयर डेविल" की सफलता का राज कुछ और नही बल्कि एक छोटा सा "टेडी डक" है। नंदा देवी ईस्ट अभियान के दौरान जान गंवाने वाले विदेशी पर्वतारोहियों के समान के साथ एक टेडी डक भी मिला है। 17,000 फ़ीट से अधिक ऊंचाई पर जब इस "टेडी डक" को ऑपरेशन के टीम लीडर रतन सिंह सोनाल ने खोजा तो सभी जवानों की आंखे नम हो गयी और इस अभियान को सफल बनाने का जोश जवानों में भर सा गया। विश्व के सबसे कठिन सर्च एन्ड रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे आईटीबीपी के द्वितीय कमान अधिकारी रतन सिंह सोनल ने कहा कि उनकी टीम को बिल्कुल भी उम्मीद नही थी कि ये खोजी अभियान सफल हो पायेगा मगर जब नंदा देवी अभियान के दौरान उन्हें ये "टेडी डक" मिला तो ये पल बेहद भावुक करने वाला था। ये टेडी डक किसी महिला या अन्य विदेशी पर्वतारोही का हो सकता था। इस टेडी ने ऑपरेशन में शामिल जवानों में नया जोश भरने का काम किया। जिस वजह से हम 5 फ़ीट बर्फ में दबी डैडबॉडी को ढूंढने में कामयाब हुए। रतन सिंह सोनाल ने कहा कि वो इस टेडी को अपने साथ लाये है ताकि इसे मृतक के परिवार तक पहुंचाया जा सके। Byte: रतन सिंह सोनाल, टीम लीडर, ऑपरेशन डेयर डेविल


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