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करतारपुर गलियारा : भारत-पाक के बीच तकनीकी पहलुओं पर बातचीत

करतारपुर गलियारे को लोकर भारत पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच हुई बैठक में दोनों देशों को करीब 15 अधिकारियों ने हिस्सा लिया. बैठक में गलियारे के तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की गई.

करतारपुर ( फाइल फोटो)
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Published : Aug 30, 2019, 7:55 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 9:39 PM IST

इस्लामाबाद/गुरदासपुर: जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच में दोनों देशों के अधिकारियों ने करतारपुर गलियारे के तकनीकी पहलुओं पर शुक्रवार को चर्चा की.

केंद्र सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली बैठक है.

अधिकारियों ने बताया कि यह बैठक 'जीरो प्वाइंट' पर हुई. जीरो प्वाइंट वह बिंदु है, जहां गलियारे का भारतीय हिस्सा और पाकिस्तानी हिस्सा मिलते हैं. इस बैठक में प्रत्येक पक्ष के 15 अधिकारियों ने हिस्सा लिया.

बैठक में भाग लेने वाले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि यह बैठक दो घंटे तक चली जिसमें गलियारे संबंधी विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर बातचीत की गई.

बैठक स्थल पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी और परिसर के निकट किसी भी मीडिया कर्मी को जाने की अनुमति नहीं थी.

भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण के अधिकारियों ने भी इस बैठक में भाग लिया. यह प्राधिकरण अत्याधुनिक यात्री टर्मिनल इमारत का निर्माण कर रहा है.

हालांकि इस बारे में पाकिस्तान की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.

यह गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा और भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को वीजा मुक्त आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगा.सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब जाने के लिए केवल अनुमति लेनी होगी.

बता दें कि करतारपुर साहिब की स्थापना गुरू नानक देव ने 1522 में की थी.

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान पांच अगस्त को निरस्त कर दिए थे और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था. इसके बाद दोनों देशों के बीच यह पहली बैठक है.

पढ़ें- करतारपुर कॉरिडोर को लेकर होने वाली बैठक के लिए पाकिस्तान ने भारतीय मीडिया को किया आमंत्रित

पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैसल ने बृहस्पतिवार को कहा था, 'पाकिस्तान करतारपुर साहिब गलियारे को पूरा करने और उसका उद्घाटन करने के लिए प्रतिबद्ध है जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री (इमरान खान) ने घोषणा की थी.'

पाकिस्तान और भारत गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर 12 नवंबर को लाहौर से करीब 125 किलोमीटर दूर नारोवाल में गलियारे के उद्घाटन के संबंध में तौर-तरीकों पर विचार कर रहे हैं.

करतारपुर गलियारे को लेकर पिछले कुछ महीनों में कई दौर की बैठकें हुई हैं जिनमें दोनों पक्षों के विशेषज्ञों ने प्रस्तावित क्रॉसिंग बिंदुओं के संरेखण, समन्वय और अन्य तकनीकी पहलुओं पर बात की है.

दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने जुलाई में अटारी-वाघा सीमा पर पाकिस्तान की ओर एक बैठक की थी जिसमें करतारपुर गलियारे के तौर-तरीकों पर बातचीत की गई थी.

यह गलियारा 1947 में भारत की आजादी के बाद से दोनों पड़ोसी देशों के बीच पहला वीजा मुक्त गलियारा भी होगा.

पढ़ें- करतारपुर कॉरिडोर : वार्ता के दौरान पाकिस्तान ने मानी भारत की अहम मांगें

पाकिस्तान भारतीय सीमा से लेकर गुरुद्वारा दरबार साहिब तक गलियारे का निर्माण कर रहा है. जबकि डेरा बाबा नानक से लेकर सीमा तक दूसरे हिस्से का निर्माण भारत करेगा.

जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. कश्मीर पर भारत के कदम को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान ने नयी दिल्ली के साथ राजनयिक संबंधों का दर्जा कम करते हुए भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया था.

इस्लामाबाद/गुरदासपुर: जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच में दोनों देशों के अधिकारियों ने करतारपुर गलियारे के तकनीकी पहलुओं पर शुक्रवार को चर्चा की.

केंद्र सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली बैठक है.

अधिकारियों ने बताया कि यह बैठक 'जीरो प्वाइंट' पर हुई. जीरो प्वाइंट वह बिंदु है, जहां गलियारे का भारतीय हिस्सा और पाकिस्तानी हिस्सा मिलते हैं. इस बैठक में प्रत्येक पक्ष के 15 अधिकारियों ने हिस्सा लिया.

बैठक में भाग लेने वाले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि यह बैठक दो घंटे तक चली जिसमें गलियारे संबंधी विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर बातचीत की गई.

बैठक स्थल पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी और परिसर के निकट किसी भी मीडिया कर्मी को जाने की अनुमति नहीं थी.

भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण के अधिकारियों ने भी इस बैठक में भाग लिया. यह प्राधिकरण अत्याधुनिक यात्री टर्मिनल इमारत का निर्माण कर रहा है.

हालांकि इस बारे में पाकिस्तान की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.

यह गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा और भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को वीजा मुक्त आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगा.सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब जाने के लिए केवल अनुमति लेनी होगी.

बता दें कि करतारपुर साहिब की स्थापना गुरू नानक देव ने 1522 में की थी.

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान पांच अगस्त को निरस्त कर दिए थे और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था. इसके बाद दोनों देशों के बीच यह पहली बैठक है.

पढ़ें- करतारपुर कॉरिडोर को लेकर होने वाली बैठक के लिए पाकिस्तान ने भारतीय मीडिया को किया आमंत्रित

पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैसल ने बृहस्पतिवार को कहा था, 'पाकिस्तान करतारपुर साहिब गलियारे को पूरा करने और उसका उद्घाटन करने के लिए प्रतिबद्ध है जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री (इमरान खान) ने घोषणा की थी.'

पाकिस्तान और भारत गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर 12 नवंबर को लाहौर से करीब 125 किलोमीटर दूर नारोवाल में गलियारे के उद्घाटन के संबंध में तौर-तरीकों पर विचार कर रहे हैं.

करतारपुर गलियारे को लेकर पिछले कुछ महीनों में कई दौर की बैठकें हुई हैं जिनमें दोनों पक्षों के विशेषज्ञों ने प्रस्तावित क्रॉसिंग बिंदुओं के संरेखण, समन्वय और अन्य तकनीकी पहलुओं पर बात की है.

दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने जुलाई में अटारी-वाघा सीमा पर पाकिस्तान की ओर एक बैठक की थी जिसमें करतारपुर गलियारे के तौर-तरीकों पर बातचीत की गई थी.

यह गलियारा 1947 में भारत की आजादी के बाद से दोनों पड़ोसी देशों के बीच पहला वीजा मुक्त गलियारा भी होगा.

पढ़ें- करतारपुर कॉरिडोर : वार्ता के दौरान पाकिस्तान ने मानी भारत की अहम मांगें

पाकिस्तान भारतीय सीमा से लेकर गुरुद्वारा दरबार साहिब तक गलियारे का निर्माण कर रहा है. जबकि डेरा बाबा नानक से लेकर सीमा तक दूसरे हिस्से का निर्माण भारत करेगा.

जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. कश्मीर पर भारत के कदम को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान ने नयी दिल्ली के साथ राजनयिक संबंधों का दर्जा कम करते हुए भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया था.

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.ISLAMABAD FGN6
PAK-KARTARPUR-2NDLD MEETING
India, Pak officials discuss technical aspects of Kartarpur corridor
(Eds: Updating wit fresh details)
         Islamabad/Gurdaspur, Aug 30 (PTI) Officials from India and Pakistan on Friday discussed the technical modalities of the Kartarpur corridor for the Sikh pilgrims, the first meeting after New Delhi revoked Jammu and Kashmir's special status leading to fresh tensions between the two countries.
          The meeting at the Zero point, where the Indian and Pakistani side of the proposed corridor converge, was attended by 15 officials from each side, officials said.
          The meeting lasted for close to two hours during which various technical aspects pertaining to the corridor were discussed, an official of the National Highways Authority of India, who attended the meeting, said.
          The area where the meeting took place was heavily guarded and no media personnel was allowed to go near the venue.
          Officials of the Land Port Authority of India, which is constructing a state-of-the-art passenger terminal building, also attended the meeting.
          So far, there is no official word from the Pakistani side.
         The corridor will connect Darbar Sahib in Pakistan's Kartarpur with Dera Baba Nanak shrine in Gurdaspur district and facilitate visa-free movement of Indian Sikh pilgrims, who will have to just obtain a permit to visit Kartarpur Sahib, which was established in 1522 by Sikh faith founder Guru Nanak Dev.
          This was the first meeting after India on August 5 revoked Article 370 of the Constitution, which gave special status to Jammu and Kashmir, and bifurcated the state into two Union Territories.
          Foreign Office Spokesperson Mohammad Faisal, addressing media on Thursday, said Pakistan is committed to completing and inaugurating the Kartarpur Sahib corridor as announced by Prime Minister Imran Khan in November.
          Pakistan and India are discussing the modalities regarding the opening of the corridor at Narowal, some 125-km from Lahore, on the occasion of 550th birth anniversary of Guru Nanak in November.
          Over the past few months many rounds of meetings have been held on the corridor during which the experts from the two sides have discussed its alignment, coordinates and other engineering aspects of the proposed crossing points.
          In July, delegations of the two countries held a meeting on the Pakistani side of the Attari-Wagah border to discuss the modalities of the Kartarpur corridor.
          The corridor will also be the first visa-free corridor between the two neighbours since their independence in 1947.
          Pakistan is building the corridor from the Indian border to the Gurdwara Darbar Sahib, while the other part from Dera Baba Nanak up to the border will be constructed by India.
          India is constructing a bridge at the zero point and has urged Pakistan to build a similar bridge on its side that will provide safe and secure movement of pilgrims and address concerns regarding flooding.
The bridge is over a creek of which the majority part falls in Pakistan.
          Tension between India and Pakistan has escalated after New Delhi revoked Jammu and Kashmir's special status. Reacting to India's move on Kashmir, Pakistan downgraded diplomatic ties with New Delhi and expelled the Indian High Commissioner. PTI SUN VSD AKJ
PMS
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NNNN
Last Updated : Sep 28, 2019, 9:39 PM IST
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