मुबंई: महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में पर्वतीय इलाके के एक दूरदराज के गांव में छात्रों को नदी से होकर स्कूल जाने में खतरे का सामना करना पड़ता था. लिहाजा स्कूल के शिक्षकों और छात्रों के माता-पिता ने मिलकर नदी पर बांस के पुल का निर्माण किया है.
इस बारे में एक शिक्षक ने बताया कि अजंता सतमाला पर्वत श्रृंखला में बसे निम चौकी खोरे गांव में स्थित प्राथमिक स्कूल की शुरुआत 2001 में हुई थी और लगभग 15 छात्र दो किलोमीटर की दूरी से आते हैं.
उन्होंने ने बताया कि मानसून के दौरान, स्कूल के पिछले हिस्से में बह रही नदी के पानी का स्तर तीन फुट तक बढ़ जाता है, जिससे बच्चों के उसमें बहने का खतरा बना रहता है.
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वहीं स्कूल के अध्यापक दत्ता देवरे ने कहा, 'मानसून के दिनों में छात्रों की कमी के कारण स्कूल में शायद ही पढ़ाई होती है. हमने हाल ही में औरंगाबाद जिला परिषद मुख्यालय में एक 'डिजाइन फॉर चेंज' कार्यक्रम शुरू किया था. यहां कई शिक्षकों ने पुल बनाने के लिए उस सीख को लागू करने का फैसला किया.
उन्होंने कहा, 'एक सहयोगी, संघपाल इंगले और मैंने उन माता-पिता से संपर्क किया जो मदद के लिए उत्सुक थे. हमने बांस इकट्ठा किया, तार खरीदे और एक सप्ताह में पुल का निर्माण कर दिया.'