ETV Bharat / bharat

एक साल और बढ़ा तस्लीमा नसरीन का रेजीडेंस परमिट

विवादों में बनी रहने वाली बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन को एक बार फिर गृह मंत्रालय की ओर से रेजीडेंस परमिट मिल गया. अब एक साल और उनका भारत में रहना तय हो गया है.

तस्लीमा नसरीन.
author img

By

Published : Jul 21, 2019, 2:17 PM IST

नई दिल्ली: विवादित बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन के रेजीडेंस परमिट को गृह मंत्रालय ने एक साल के लिए बढ़ा दिया है. इसका साफ मतलब है कि अब वे एक साल और भारत में रहेंगी.

अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. स्वीडन की नागरिक तस्लीमा को साल 2004 से लगातार भारत में रहने की अनुमति मिल रही है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि उनके रेजीडेंस परमिट को एक और साल के लिए जुलाई 2020 तक बढ़ा दिया गया है.

बता दें, तस्लीम ने ट्वीट करते हुए लिखा कि माननीय अमित शाह जी, मैं तहे दिल से आपको मेरा रेजीडेंस परमिट बढ़ाने के लिए धन्यवाद कहती हूं. मेरे लिए, लेकिन ये हैरान करने वाली बात ही कि इस बार ये सिर्फ तीन महीने के लिए ही बढ़ाया गया है. मैं 5 साल के लिए दर्ख्वास्त करती थी, लेकिन एक साल के लिए ही बढ़ाया जाता था. माननीय राजनाथ सिंह ने मुझे आश्वस्त किया था कि 50 साल का परमिट मिल जाएगा. भारत ही मेरा एक घर है. मैं जानती हूं कि आप मेरी बात को संज्ञान में लेंगे.

tasleema nasreen
तस्लीमा नसरीन का ट्वीट.

दूसरे ट्वीट में वे लिखती हैं कि हर बार मैं पांच साल के रेजीडेंस परमिट के लिए गुजारिश करती हूं और मुझे एक साल का परमिट मिलता है. इस बार मैंने पांच साल के लिए मांग की और मुझे सिर्फ 3 महीने का ही परमिट मिला है. आशा करती हूं कि माननीय गृह मंत्री मेरी परेशानी को समझते हुए कम से कम इसे एक साल के लिए बढ़ा देंगे.

tasleema nasreen
तस्लीमा नसरीन का ट्वीट.

एक और ट्वीट के माध्यम से तसलीमा ने कहा कि ट्विटर बहुत शक्तिशाली है! 16 जुलाई को मैंने ट्वीट किया, उस समय मेरा परमिट बढ़ाया नहीं गया था. 17 जुलाई को परमिट बढ़ा दिया गया, मगर सिर्फ तीन महीनों के लिए. कई ट्विटर पर दोस्तों ने भी आग्रह किया और आज यह एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है. गृह मंत्रालय का धन्यवाद, जो उन्होंने अपना निर्णय बदला. ट्वीटर मित्रों को मेरा प्यार.

ये बना तसलीमा के घर छोड़ने का कारण
तसलीमा नसरीन का साल 1993 में एक उपन्यास प्रकाशित हुआ, जिसका नाम था 'लज्जा'. लज्जा के बजार में आने के साथ ही बवाल खड़ा हो गया. इस मसले के उठने के बाद तसलीमा को देश छोड़ना पड़ा, जिसके बाद से वे निर्वासित जीवन जी रही हैं.

नई दिल्ली: विवादित बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन के रेजीडेंस परमिट को गृह मंत्रालय ने एक साल के लिए बढ़ा दिया है. इसका साफ मतलब है कि अब वे एक साल और भारत में रहेंगी.

अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. स्वीडन की नागरिक तस्लीमा को साल 2004 से लगातार भारत में रहने की अनुमति मिल रही है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि उनके रेजीडेंस परमिट को एक और साल के लिए जुलाई 2020 तक बढ़ा दिया गया है.

बता दें, तस्लीम ने ट्वीट करते हुए लिखा कि माननीय अमित शाह जी, मैं तहे दिल से आपको मेरा रेजीडेंस परमिट बढ़ाने के लिए धन्यवाद कहती हूं. मेरे लिए, लेकिन ये हैरान करने वाली बात ही कि इस बार ये सिर्फ तीन महीने के लिए ही बढ़ाया गया है. मैं 5 साल के लिए दर्ख्वास्त करती थी, लेकिन एक साल के लिए ही बढ़ाया जाता था. माननीय राजनाथ सिंह ने मुझे आश्वस्त किया था कि 50 साल का परमिट मिल जाएगा. भारत ही मेरा एक घर है. मैं जानती हूं कि आप मेरी बात को संज्ञान में लेंगे.

tasleema nasreen
तस्लीमा नसरीन का ट्वीट.

दूसरे ट्वीट में वे लिखती हैं कि हर बार मैं पांच साल के रेजीडेंस परमिट के लिए गुजारिश करती हूं और मुझे एक साल का परमिट मिलता है. इस बार मैंने पांच साल के लिए मांग की और मुझे सिर्फ 3 महीने का ही परमिट मिला है. आशा करती हूं कि माननीय गृह मंत्री मेरी परेशानी को समझते हुए कम से कम इसे एक साल के लिए बढ़ा देंगे.

tasleema nasreen
तस्लीमा नसरीन का ट्वीट.

एक और ट्वीट के माध्यम से तसलीमा ने कहा कि ट्विटर बहुत शक्तिशाली है! 16 जुलाई को मैंने ट्वीट किया, उस समय मेरा परमिट बढ़ाया नहीं गया था. 17 जुलाई को परमिट बढ़ा दिया गया, मगर सिर्फ तीन महीनों के लिए. कई ट्विटर पर दोस्तों ने भी आग्रह किया और आज यह एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है. गृह मंत्रालय का धन्यवाद, जो उन्होंने अपना निर्णय बदला. ट्वीटर मित्रों को मेरा प्यार.

ये बना तसलीमा के घर छोड़ने का कारण
तसलीमा नसरीन का साल 1993 में एक उपन्यास प्रकाशित हुआ, जिसका नाम था 'लज्जा'. लज्जा के बजार में आने के साथ ही बवाल खड़ा हो गया. इस मसले के उठने के बाद तसलीमा को देश छोड़ना पड़ा, जिसके बाद से वे निर्वासित जीवन जी रही हैं.

ZCZC
PRI GEN NAT
.NEWDELHI DEL5
MHA-LD TASLIMA
Taslima Nasreen gets one-year Indian residence permit

(Eds: Addng details)
         New Delhi, Jul 21 (PTI) ControversialBangladeshi author Taslima Nasreen'sresidence permit has been extended for one year by the Union Home Ministry, officials said on Sunday.
         Taslima, a citizen of Sweden, has been getting residence permit on a continuous basis since 2004.
          A Home Ministry official told PTI that her residence permit has been further extended for one more year till July 2020.
         The 56-year-old writer was last week given a three-month residence permit following which she took to Twitter requesting Home Minister Amit Shah for extending it for one year.
         "Hon'ble @amitshah ji, I sincerely thank u for extending my residence permit. But I'm surprised it's only for 3M. I apply for 5yrs but I've been getting 1yr extension. Hon'ble Rajnathji assured me I wd get an extension for 50yrs. India is my only home. I'm sure u'll come to my rescue (sic).
         "Everytime i apply for the extension of my Indian residence permit for 5years, i get extension for 1year. This time i applied for the extension for 5years, i get for 3 months only. Hope Honourable Home Minister @HMOIndia will reconsider to extend my residence permit for at least 1year,(sic)," she tweeted on July 17.
         Following the extension of the residence permit for one year, Taslima again took to Twitter.
         "Twitter is so powerful ! On July16 I tweeted my residence permit wasn't extended. On July 17 it was extended, but only for 3 months. So many Twitter friends requested MHA to extend it for longer period. It's extended for 1yr today. Thanks MHA to change decision. Love my Twitter friends," she said.
         Taslima had to leave Bangladesh in 1994 in the wake of death threat by fundamentalist outfits for her alleged anti-Islamic views. Since then she has beenliving in exile.
         She has also stayed in the US and Europe during the last two decades.
         However, on many occasions she had expressed her wish to live in India permanently, especially in Kolkata.
         Taslima had also applied for permanent residency in India but no decision has been taken on it by the Home Ministry, another official said.
         The writer also had to leave Kolkata in 2007 following violent street protests by a section of Muslims against her works.
         Taslima had said that if she is not able to stay on in India she will suffer from an identity crisis which will affect her writings and championing the cause of women's rights. PTI ACB
DV
DV
07211128
NNNN
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.