नई दिल्ली: सरकार ने वाणिज्यिक वाहन चालक लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता को खत्म कर दिया है. इस पर केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एस वेलमुरुगन ने कहा कि इस कदम के तहत लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले लाभार्थियों को पूरी तरह से परीक्षण से गुजरना होगा.
वेलमुरुगन ने ये बात सरकार के उठाए हुए कदम पर आगाह करते हुए कही. उन्होंने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले इन प्रेरकों की जांच सही तरीके से की जानी चाहिए, तभी इस कदम का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा.
इसके साथ ही डॉ. वेलमुरुगन ने ये स्वीकार किया कि सरकार के इस कदम से निश्चित रूप से उन लोगों के लिए कई कुशल रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जो उचित शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम नहीं हैं.
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गौरतलब है कि सरकार ने ये कदम देश के ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से बड़ी संख्या में बेरोजगारों को लाभ पहुंचाने के लिए उठाया है. ऐसे लोगों की सहायता के लिए लोग जो औपचारिक शिक्षा हासिल नहीं कर सकते. जबकि इसके पहले वाणिज्यिक वाहन चालक को कम से कम 8वीं कक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य होता था.
आपको बता दें, मोदी सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए 8वीं पास की शैक्षणिक योग्यता को समाप्त कर दिया है. इस बात की जानकारी परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी किए गए एक नोटिफिकेशन में दी गई है.
इतना ही नहीं अब 16 वर्ष की आयु के नाबालिग भी ई-बाइक्स चलाने के लिए अपना लाइसेंस बनवा सकते हैं.