नई दिल्ली: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो के सदस्य नीलोत्पल बसु ने कहा है कि देश की सभी भाषाएं राष्ट्रीय भाषाएं हैं. उन्होंने कहा कि संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त है.
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी को भारत की राष्ट्रीय भाषा बनाने का सुझाव दिया था, जिसके बाद नीलोत्पल बसु का ये बयान सामने आया है.
इस बारे में ईटीवी भारत ने माकपा की पोलित ब्यूरो सदस्य नीलोत्पल बसु से बातचीत की. इस दौरान बसु ने कहा कि किसी भी एक भाषा को अलग करना और उसे आठवीं अनुसूची में शामिल अन्य भाषाओं पर थोप कर राष्ट्रीय भाषा का दर्जा देने जैसा कोई सवाल नहीं उठता है.
उन्होंने कहा कि वास्तव में देखा जाए तो संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाएं राष्ट्रीय भाषा हैं. आपको बता दें, भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाओं को राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त है.
पढ़ें: हिंदी पर जंगः 'कोई 'शाह' नहीं तोड़ सकता 1950 का ये वादा'
गौरतलब है कि बीते शनिवार को अमित शाह ने कहा था कि भारत में हिन्दी को राष्ट्रीय भाषा घोषित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे देश में एकजुटता को बढ़ावा मिलेगा. शाह के इस सुझाव के बाद देश में लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं.
वहीं ईटीवी भारत से बात करते हुए बसु ने कहा कि सभी भाषाओं के विकास से देश में राष्ट्रीय एकजुटता का विकास होगा. उन्होंने कहा, 'भारत में कई लोग हैं जिन्हें हिंदी बोलना नहीं आता और उनकी अपनी भाषा के प्रति भावनाएं जुड़ी हुई हैं.'
नीलोत्पल बसु ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए उनकी कड़ी आलोचना की. साथ ही उन्होंने कहा, 'अमित शाह केवल इस देश में आग लगा सकते हैं और 'लोगों का ध्रुवीकरण' कर उन्हें बांट सकते हैं.'