हैदराबाद: फॉरेस्ट ऑफिसर सी अनीता को आज हैदराबाद के KIMS अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. दरअसल, टीआरएस वर्करों द्वारा किए गए हमले में घायल अनीता का इलाज यहां चल रहा था. गत 29 जून को पौधा रोपण के दौरान उनपर हमला किया गया था.
दरअसल, शनिवार को महिला अधिकारी पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया, जिसमें वो बुरी तरह जख्मी हो गईं. फिलहाल, घायल महिला अधिकारी का अस्पताल में इलाज चल रहा है. आरोप टीआरएस के कार्यकर्ताओं पर है. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद टीआरएस के एक विधायक के भाई को गिरफ्तार किया गया है.
इस मामले पर तेलंगाना के कैबिनेट मंत्री तालासानी श्रीनिवास ने कहा है कि विपक्ष के पास कोई काम नहीं है, उनके घरों पर भी कुछ होता है, तो वे मुख्यमंत्री को दोष देते हैं. उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस ने कार्रवाई कर प्राथमिकी दर्ज की है. लापरवह लोगों को सस्पेंड कर दिया गया है.
वन अधिकारी सी अनीता ने इस पर कहा कि हम सिर्फ अपनी ड्यूटी निभा रहे थे. हम लोक सेवक हैं. पार्टी के विधायक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि ये हमला हम पर नहीं, बल्कि वर्दी पर था.
वन अधिकारी की पिटाई को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी निंदनीय घटना बताया और कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की बात कही.
वीडियो में दिख रहा है कि भीड़ वन अधिकारियों पर लाठी डंडों से अचानक हमले कर देती है. इसी दौरान एक महिला अधिकारी पर कई लोग बेरहमी से लाठी मारने लगते हैं और महिला अधिकारी ट्रैक्टर पर गिर जाती हैं.
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वहीं, इस मामले में जिला परिषद के उपाध्यक्ष के. कृष्णा राव और उनके समर्थकों पर हत्या का प्रयास, वाहन को क्षति पहुंचाने और सरकारी अधिकारी को ड्यूटी करने से रोकने का मुकदमा दर्ज किया गया है.
यह घटना कागजनगर प्रखंड के गांव सरसाला में उस वक्त हुई, जब राज्य सरकार के पौधरोपण कार्यक्रम 'हरिताहरम' की तैयारियों के लिए वन विभाग की एक टीम वहां पहुंची. टीम का नेतृत्व करने के लिए फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर (एफआरओ) सी. अनीता जब ट्रैक्टर से वहां पहुंचीं तो टीआरएस नेता, उनके समर्थक और कुछ किसानों ने अनीता पर लाठियों की बौछार शुरू कर दी.
वन अधिकारी मैदान को समतल करवाने के लिए एक ट्रैक्टर के साथ गांव में पहुंचीं तो कृष्णा राव और उनके समर्थकों ने उन्हें रोकने की कोशिश की. नहीं मानने पर उनके साथ राव की बहस हो गई.
अनीता ने जब यह बताने की कोशिश की कि वे लोग सरकारी आदेश का पालन कर रहे हैं, उन्हें काम करने से न रोका जाए, तब उन पर लाठियों से हमला कर दिया गया. इससे पहले कि दूसरे अधिकारी और पुलिस बीच बचाव कर पाते, वन अधिकारी अनीता को काफी चोटें आईं. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.