ETV Bharat / bharat

ब्रू रियांग शरणार्थी समझौता, समस्या का स्थायी समाधान : स्वराज कौशल

ब्रू-रियांग शरणार्थियों को लेकर सरकार के फैसले पर मिजोरम के पूर्व गवर्नर स्वराज कौशल ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि यह तदर्थ नहीं बल्कि समस्या का स्थाई समाधान है और यह समझौता राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में देश की दूरदर्शिता को दर्शाता है. जानें रियांग शरणार्थियों को लेकर उन्होंने क्या कुछ कहा...

swaraj-kaushal-on-agreements-of-bru-reang
ब्रू रियांग शरणार्थी समझौते को लेकर मिजोरम के पुर्व गवर्नर का बयान
author img

By

Published : Jan 19, 2020, 9:14 PM IST

नई दिल्ली : मिजोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल ने कहा है कि त्रिपुरा में लगभग 34,000 ब्रू-रियांग शरणार्थियों को बसाने के लिए ब्रू-रियांग समझौता राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में देश की दूरदर्शिता को दर्शाता है.

स्वराज कौशल ने ब्रू-रियांग शरणार्थियों को लेकर सरकार के फैसले खुशी जाहिर की और कहा कि यह तदर्थ नहीं बल्कि समस्या का स्थाई समाधान है

कौशल ने कहा कि रियांग भारतीय नागरिक हैं. उनकी रणनीतिक स्थिति देखें. उनकी कुल आबादी लगभग दो लाख है. एक लाख रियांग त्रिपुरा में रहते हैं, वहीं मिजोरम में इनकी संख्या 65,000 है.

मिजोरम के पूर्व राज्यपाल का बयान

पूर्व विदेश मंत्री व भाजपा नेत्री दिवंगत सुषमा स्वराज के पति कौशल ने कहा, 'ये ब्रू-रियांग नहीं, ये भारतीय नागरिक हैं. ये सभी जनजातियां बांग्लादेश के साथ भारत की सीमा के पार हैं, ये आपकी रक्षा की पहली पंक्ति हैं. आप उनकी अनदेखी नहीं कर सकते. इसके लिए मानवीय करुणा और राष्ट्रीय सुरक्षा कोष है. यह एक बड़ा संदेश है कि देश उनकी परवाह करता है.'

उन्होंने आगे कहा, 'मुझे इस बात की खुशी है कि सरकार ने इस बारे में सोचा.'

पढ़ें : त्रिपुरा में बसाए जाएंगे 30 हजार ब्रू शरणार्थी, 600 करोड़ रुपये का पैकेज : अमित शाह

आपको बता दें कि स्वराज कौशल 1990 से 1993 तक मिजोरम में राज्यपाल के रूप में कार्यरत रहे हैं. उन्होंने रेखांकित किया कि यह समझौता राष्ट्रीय सुरक्षा और सरकार की करुणा के बारे में देश के संकल्प को दर्शाता है. प्रत्यावर्तन समझौता एक तदर्थ व्यवस्था नहीं है बल्कि एक समाधान है, जो चलेगा.

गौरतलब है कि हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय और ब्रू शरणार्थियों के प्रतिनिधियों ने मिजोरम से ब्रू शरणार्थियों के संकट को समाप्त करने और त्रिपुरा में अपने सेटलमेंट के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस मौके पर गृह मंत्री अमित शाह के अलावा त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा भी मौजूद रहे.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उस दौरान कहा था कि त्रिपुरा में लगभग 30,000 ब्रू शरणार्थियों को बसाया जाएगा. इसके लिए 600 करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया है.

अमित शाह ने कहा था कि ब्रू शरणार्थियों को 4 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट के साथ 40 से 30 फीट का प्लॉट मिलेगा. इसके अलावा 2 साल के लिए 5000 रुपये प्रति माह की नकद सहायता और मुफ्त राशन भी दिए जाएंगे.

ज्ञातव्य हो कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में धर्म परिवर्तन कर ईसाई बन चुके मिजो जनजाति ने ब्रू (रियांग) जनजाति के लोगों के, जो अभी हिन्दू हैं, घर जलाकर उन्हें मिजोरम से भगा दिया था. साथ ही उनकी सामूहिक रूप से हत्याएं भी की गईं.

इस कारण ये लोग पिछले 22 साल से पड़ोस के राज्य त्रिपुरा में बने शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं. ये लोग मिजोरम से भागकर पड़ोसी राज्य त्रिपुरा के कंचनपुर व पानी सागर जिलों में आ गए थे, यहां पर सरकार ने इनके लिए शरणार्थी शिविर लगाए.

नई दिल्ली : मिजोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल ने कहा है कि त्रिपुरा में लगभग 34,000 ब्रू-रियांग शरणार्थियों को बसाने के लिए ब्रू-रियांग समझौता राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में देश की दूरदर्शिता को दर्शाता है.

स्वराज कौशल ने ब्रू-रियांग शरणार्थियों को लेकर सरकार के फैसले खुशी जाहिर की और कहा कि यह तदर्थ नहीं बल्कि समस्या का स्थाई समाधान है

कौशल ने कहा कि रियांग भारतीय नागरिक हैं. उनकी रणनीतिक स्थिति देखें. उनकी कुल आबादी लगभग दो लाख है. एक लाख रियांग त्रिपुरा में रहते हैं, वहीं मिजोरम में इनकी संख्या 65,000 है.

मिजोरम के पूर्व राज्यपाल का बयान

पूर्व विदेश मंत्री व भाजपा नेत्री दिवंगत सुषमा स्वराज के पति कौशल ने कहा, 'ये ब्रू-रियांग नहीं, ये भारतीय नागरिक हैं. ये सभी जनजातियां बांग्लादेश के साथ भारत की सीमा के पार हैं, ये आपकी रक्षा की पहली पंक्ति हैं. आप उनकी अनदेखी नहीं कर सकते. इसके लिए मानवीय करुणा और राष्ट्रीय सुरक्षा कोष है. यह एक बड़ा संदेश है कि देश उनकी परवाह करता है.'

उन्होंने आगे कहा, 'मुझे इस बात की खुशी है कि सरकार ने इस बारे में सोचा.'

पढ़ें : त्रिपुरा में बसाए जाएंगे 30 हजार ब्रू शरणार्थी, 600 करोड़ रुपये का पैकेज : अमित शाह

आपको बता दें कि स्वराज कौशल 1990 से 1993 तक मिजोरम में राज्यपाल के रूप में कार्यरत रहे हैं. उन्होंने रेखांकित किया कि यह समझौता राष्ट्रीय सुरक्षा और सरकार की करुणा के बारे में देश के संकल्प को दर्शाता है. प्रत्यावर्तन समझौता एक तदर्थ व्यवस्था नहीं है बल्कि एक समाधान है, जो चलेगा.

गौरतलब है कि हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय और ब्रू शरणार्थियों के प्रतिनिधियों ने मिजोरम से ब्रू शरणार्थियों के संकट को समाप्त करने और त्रिपुरा में अपने सेटलमेंट के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस मौके पर गृह मंत्री अमित शाह के अलावा त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा भी मौजूद रहे.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उस दौरान कहा था कि त्रिपुरा में लगभग 30,000 ब्रू शरणार्थियों को बसाया जाएगा. इसके लिए 600 करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया है.

अमित शाह ने कहा था कि ब्रू शरणार्थियों को 4 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट के साथ 40 से 30 फीट का प्लॉट मिलेगा. इसके अलावा 2 साल के लिए 5000 रुपये प्रति माह की नकद सहायता और मुफ्त राशन भी दिए जाएंगे.

ज्ञातव्य हो कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में धर्म परिवर्तन कर ईसाई बन चुके मिजो जनजाति ने ब्रू (रियांग) जनजाति के लोगों के, जो अभी हिन्दू हैं, घर जलाकर उन्हें मिजोरम से भगा दिया था. साथ ही उनकी सामूहिक रूप से हत्याएं भी की गईं.

इस कारण ये लोग पिछले 22 साल से पड़ोस के राज्य त्रिपुरा में बने शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं. ये लोग मिजोरम से भागकर पड़ोसी राज्य त्रिपुरा के कंचनपुर व पानी सागर जिलों में आ गए थे, यहां पर सरकार ने इनके लिए शरणार्थी शिविर लगाए.

Intro:Body:

https://www.aninews.in/news/national/general-news/bru-reang-agreement-reflects-countrys-foresight-about-national-security-swaraj-kaushal20200119132316/


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.