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सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन देश के लिए चुनौती और मौका : स्वामी अग्निवेश

सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन जारी हैं. इस विषय पर ईटीवी भारत ने समाजसेवी स्वामी अग्निवेश से बातचीत की. इन प्रदर्शनों को लेकर उनका मानना है कि यह देश के लिए एक चुनौती और मौका है. पढ़ें पूरी खबर...

Swami Agnivesh
स्वामी अग्निवेश
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Published : Jan 23, 2020, 4:56 PM IST

Updated : Feb 18, 2020, 3:15 AM IST

बेंगलुरु : संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन हो रहा है. असम से शुरू हुआ यह प्रदर्शन पूरे देश में फैल गया और इसमें 20 से ज्यादा लोगों की जान चली गई.

इसके बावजूद देश में सीएए, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. देश के ताजा हालातों पर ईटीवी भारत ने सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश से बातचीत की.

स्वामी अग्निवेश

स्वामी अग्निवेश ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों पर कहा कि यह बहुत बड़ी चुनौती होने के साथ बहुत बड़ा मौका भी है. इस चुनौती को देश के छात्रों ने स्वीकार किया. जामिया मिलिया इस्लामिया से शांतिपूर्ण प्रदर्शन शुरू हुआ और पुलिस द्वारा बल का प्रयोग किए जाने के बावजूद वहां के छात्र डटे रहे.

पढ़ें : थरूर बोले- सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करना सिर्फ 'राजनीतिक कदम'

उन्होंने शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन को लेकर कहा कि जिस तरह से माताएं और बहनें हाड़ कंपाने वाली ठंड में नवजात बच्चों को लेकर डटी रहीं, वह महिलाओं और युवाओं की ताकत को दर्शाता है.

अग्निवेश ने कहा, 'फिलहाल हमें संविधान के मूल्यों को बरकरार रखने की जरूरत है.'

स्वामी अग्निवेश ने कहा कि ऐसा पहली बार है कि आंदोलन किसी मजहबी जमात और किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़ा है. यह एक जन आंदोलन है.

बेंगलुरु : संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन हो रहा है. असम से शुरू हुआ यह प्रदर्शन पूरे देश में फैल गया और इसमें 20 से ज्यादा लोगों की जान चली गई.

इसके बावजूद देश में सीएए, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. देश के ताजा हालातों पर ईटीवी भारत ने सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश से बातचीत की.

स्वामी अग्निवेश

स्वामी अग्निवेश ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों पर कहा कि यह बहुत बड़ी चुनौती होने के साथ बहुत बड़ा मौका भी है. इस चुनौती को देश के छात्रों ने स्वीकार किया. जामिया मिलिया इस्लामिया से शांतिपूर्ण प्रदर्शन शुरू हुआ और पुलिस द्वारा बल का प्रयोग किए जाने के बावजूद वहां के छात्र डटे रहे.

पढ़ें : थरूर बोले- सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करना सिर्फ 'राजनीतिक कदम'

उन्होंने शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन को लेकर कहा कि जिस तरह से माताएं और बहनें हाड़ कंपाने वाली ठंड में नवजात बच्चों को लेकर डटी रहीं, वह महिलाओं और युवाओं की ताकत को दर्शाता है.

अग्निवेश ने कहा, 'फिलहाल हमें संविधान के मूल्यों को बरकरार रखने की जरूरत है.'

स्वामी अग्निवेश ने कहा कि ऐसा पहली बार है कि आंदोलन किसी मजहबी जमात और किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़ा है. यह एक जन आंदोलन है.

Intro:سوامی اگنی ویش جی کے ساتھ خصوصی گفتگو ملک کے حالات پر


Body:سوامی اگنی ویش جی کے ساتھ خصوصی گفتگو ملک کے حالات اور سی اے اے کے خلاف ہونے والے احتجاج پر. ریاست کر ناٹک کے گلبرگہ شہر میں سی اے اے کے خلاف احتجاجی اجلاس کے لئے آئے دہلی کے سماجی کارکن سوامی آگنی ویش سے کے ساتھ ای ٹی وی بھارت کے جانب سے خصوصی گفتگو کیاگیا. اس دوران سوامی اگنی ویش نے بتاتے ہوئے کہا. ملک بھر سی اے اے کے خلاف انقلاب پیدا ہواہے. یہ سب سے پہلے جامعہ کے طلب علم کی وجہ سےآج ان ہی کی وجہ نوجوان اور بزرگ خواتین میں ملک کے دستور ہند کی حفاظت میں سبھی مذاہب کے عوام اتحاد کے ساتھ اس طرح کی لڑائی لڑتے ہوئے دیکھنے کو پہلی بار مل رہا ہے. اس طرح کے انقلاب سے ملک میں بھر سیکولر زم کا نیا سورج اگتے کی آشا دکھائی دے رہی ہے. ملک وزیر اعظم نریند موجود اور امت شاہ نے مذہب کی گندی سیاست کر تے ہوئے ملک بھر نفرت کی دیواریں کھڑی کردی ہیں. ملک اس دور کے نوجوان آئی یس یس آفسر تک اپنے نوکریوں کو استفا دیکر اس ملک کے دستور بچانے کے لئے کھڑے ہیں. ملک بھر میں آر یس یس اور بی جے پی حکومت ملک کی ترقی کے بجائے ہند، مسلم کے درمیان نفرت پھیلانے کے سوا کچھ نہیں کر رہے ہیں. ملک بھر میں سی اے اے کو جاری کر کے عوام گمراہ کر نے کی کوشش کر رہے ہیں. اس ملک کے مسلمانوں کو جب ہندوستان،اور پاکستان کی تقسیم کیاگیا تھا. اس وقت مسلمانوں کے لیے محمد علی جینا نے ہندوستان کے مسلمانوں کو پاکستان میں رہنے کے لئے دوگنا جائیداد دینے کا اعلان کیاتھا. مگر ہندوستان کے مسلمانوں نے لالچ کی آس نہیں کی خود بائے چویس اس ملک کو پسند کیا. ہندوستان کے سچے دیش بھکت مسلمان ہیں. ملک کے آزادی میں سب سے زیادہ مسلمان نوجوانوں نے اپنی جان کی قربانی دی ہیں. مگر آر یس اور بی جے پی میں کے لوگوں میں ایک بھی ایسا شخص نہیں کہ آزادی میں اپنی جان کی قربانی نہیں دیا ہے. ملک کی ترقی کے سبھی مذاہب کے عوام کو اس ملک کا دستور سبھی کو برابر کا جنے کا حق دیتا ہے. یہ ملک سیکولر ملک ہے. یہاں ہر مذہب کے عوام رہتے ہیں. اس ملک کی کئ سالوں سے ایک اس ملک میں کئ مذاہب کے عوام رہتے ہیں. بی جے پی حکومت اپنی سیاسی مفاد کے لئے ملک بھر نفرت پھیلانے کا کام کر رہی ہے. بار بار مسلمانوں کوہی کبھی بیف کے نام سے کبھی طلاق، اور اب سی اے اے کے تعلق سے نشانہ بنایا جارہا ہے. اس لئے آج ملک بھر بڑی تعداد تمام. مذاہب کے عوام اور نوجوان خواتین راستوں پر اتر کر احتجاج کر تے ہوئے دکھائی دیے رہے. ملک میں اب نیا انقلاب دکھائی دیے رہا ہے... 1..0بایٹ...سوامی اگنی ویش جی سماجی کارکن دہلی


Conclusion:
Last Updated : Feb 18, 2020, 3:15 AM IST
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