बेंगलुरु : संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन हो रहा है. असम से शुरू हुआ यह प्रदर्शन पूरे देश में फैल गया और इसमें 20 से ज्यादा लोगों की जान चली गई.
इसके बावजूद देश में सीएए, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. देश के ताजा हालातों पर ईटीवी भारत ने सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश से बातचीत की.
स्वामी अग्निवेश ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों पर कहा कि यह बहुत बड़ी चुनौती होने के साथ बहुत बड़ा मौका भी है. इस चुनौती को देश के छात्रों ने स्वीकार किया. जामिया मिलिया इस्लामिया से शांतिपूर्ण प्रदर्शन शुरू हुआ और पुलिस द्वारा बल का प्रयोग किए जाने के बावजूद वहां के छात्र डटे रहे.
पढ़ें : थरूर बोले- सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करना सिर्फ 'राजनीतिक कदम'
उन्होंने शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन को लेकर कहा कि जिस तरह से माताएं और बहनें हाड़ कंपाने वाली ठंड में नवजात बच्चों को लेकर डटी रहीं, वह महिलाओं और युवाओं की ताकत को दर्शाता है.
अग्निवेश ने कहा, 'फिलहाल हमें संविधान के मूल्यों को बरकरार रखने की जरूरत है.'
स्वामी अग्निवेश ने कहा कि ऐसा पहली बार है कि आंदोलन किसी मजहबी जमात और किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़ा है. यह एक जन आंदोलन है.