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सुषमा स्वराज को 'हिंदुस्तान की बेटी' ने मध्य प्रदेश में श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो - हिंदुस्तान की बेटी गीता

भारत की रहने वाली गीता 11 वर्ष की उम्र में गलती से पाकिस्तान चली गई थीं. तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अथक प्रयासों के बाद 28 अक्टूबर, 2015 को गीता को भारत वापस लाया गया था. गीता को वापस लाने में सुषमा स्वराज की अहम भूमिका रही थी. पढ़ें पूरी खबर...

गीता
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Published : Aug 7, 2019, 5:19 PM IST

नई दिल्ली/भोपालः वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 67 वर्ष की आयु में निधन हो गया. नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री रहते हुए उन्होंने दूसरे देशों में फंसे बहुत से भारतीय नागरिकों की वतन वापसी कराई. सुषमा के प्रयासों के चलते ही भारत की रहने वाली मूक बाधिर गीता को पाक से वापस लाया जा सका. गीता ने भी सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि अर्पित की.

गीता ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें गीता ने सुषमा को श्रद्धांजलि देते हुए अपनी भावनाओं को व्यक्त किया है. सुषमा ने अपने कार्यकाल में न सिर्फ भारतीय लोगों को बचाया बल्कि पूरे दुनिया के लोगों की हर संभव मदद किया.

बता दें, 28 अक्टूबर 2015 को सुषमा स्वराज के अथक प्रयासों के चलते गीता को भारत लाया जा सका था. गीता 10 से 11 वर्ष की उम्र में गलती से भारत-पाक सीमा को पार करके पाकिस्तान चली गई थीं.

गीता ने वीडियो के जरिए दी श्रद्धांजलि

बाद में गीता को कराची स्थित एडी फाउंडेशन में भेज दिया गया. उनकी देखभाल करने वाली बिलकिस ने उन्हें गीता नाम दिया. गीता ने पाकिस्तान में अपने जीवन के 10 से अधिक वर्ष बिताए. जब पाकिस्तान की उच्च समिति ने गीता के बारे में सुषमा को बताया तो सुषमा औपचारिकताएं पूरी कर पाक से गीता को वापस लेकर आईं.

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गीता के साथ सुषमा स्वराज (फाइल फोटो)

पढ़ेंः आज गीता ने भी अपनी मां को खो दिया...

गीता के भारत आने के बाद सुषमा ने गीता को 'हिंदुस्तान की बेटी' के नाम से नवाजा. इसके बाद गीता को पढ़ाई के इंदौर स्थित मूक-बाधिर स्कूल भेज दिया गया. उन्होंने एक वीडियो के माध्यम से लोगों से कहा था कि एक लड़की को उसके परिवार से मिलवाने से अच्छा कुछ नहीं हो सकता है.

सुषमा दुनियाभर में फंसे भारतीयों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहती थीं. उन्होंने गीता के परिवार को एक लाख रुपये देने की घोषणा भी की थी.

नई दिल्ली/भोपालः वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 67 वर्ष की आयु में निधन हो गया. नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री रहते हुए उन्होंने दूसरे देशों में फंसे बहुत से भारतीय नागरिकों की वतन वापसी कराई. सुषमा के प्रयासों के चलते ही भारत की रहने वाली मूक बाधिर गीता को पाक से वापस लाया जा सका. गीता ने भी सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि अर्पित की.

गीता ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें गीता ने सुषमा को श्रद्धांजलि देते हुए अपनी भावनाओं को व्यक्त किया है. सुषमा ने अपने कार्यकाल में न सिर्फ भारतीय लोगों को बचाया बल्कि पूरे दुनिया के लोगों की हर संभव मदद किया.

बता दें, 28 अक्टूबर 2015 को सुषमा स्वराज के अथक प्रयासों के चलते गीता को भारत लाया जा सका था. गीता 10 से 11 वर्ष की उम्र में गलती से भारत-पाक सीमा को पार करके पाकिस्तान चली गई थीं.

गीता ने वीडियो के जरिए दी श्रद्धांजलि

बाद में गीता को कराची स्थित एडी फाउंडेशन में भेज दिया गया. उनकी देखभाल करने वाली बिलकिस ने उन्हें गीता नाम दिया. गीता ने पाकिस्तान में अपने जीवन के 10 से अधिक वर्ष बिताए. जब पाकिस्तान की उच्च समिति ने गीता के बारे में सुषमा को बताया तो सुषमा औपचारिकताएं पूरी कर पाक से गीता को वापस लेकर आईं.

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गीता के साथ सुषमा स्वराज (फाइल फोटो)

पढ़ेंः आज गीता ने भी अपनी मां को खो दिया...

गीता के भारत आने के बाद सुषमा ने गीता को 'हिंदुस्तान की बेटी' के नाम से नवाजा. इसके बाद गीता को पढ़ाई के इंदौर स्थित मूक-बाधिर स्कूल भेज दिया गया. उन्होंने एक वीडियो के माध्यम से लोगों से कहा था कि एक लड़की को उसके परिवार से मिलवाने से अच्छा कुछ नहीं हो सकता है.

सुषमा दुनियाभर में फंसे भारतीयों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहती थीं. उन्होंने गीता के परिवार को एक लाख रुपये देने की घोषणा भी की थी.

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Sushma Swaraj's contribution is bringing 'Daughter of Hindustan' to India





Bhopal: In the first term of the government led by Prime minister Narendra Modi, Sushma Swaraj left behind a deep impression while assuming the office as the External Affairs Minister in the year 2014. She not only helped the Indians but also the rescued the foreigners in help in other countries.



Former External minister Sushma Swaraj played a great role in bringing Geeta, who has speech and hearing impairments, back to India from Pakistan on October 28, 2015.



Geeta was just 10-11 years old when she wandered to the neighboring country Pakistan and was found near the India- Pakistan border by the Pakistan Rangers. Later, she was sent to a shelter home under the 'Edhi Foundation' in Karachi.



Bilkis Edi, popularly known as the "Mother of Pakistan" named her as 'Geeta' and also took care of her. Geeta spent more than 10 years in Pakistan.



When Pakistan High Commission informed the then Ministry of External Affairs, Sushma Swaraj about Geeta, she immediately asked to complete all the formalities required to bring her back to the country.



After Geeta's return to India, Sushma Swaraj designated her as the "Daughter of Hindustan"by holding a press conference.



Later,Geetawas sent to an institute of deaf and dumb by Sushma Swaraj in Indore of Madhya Pradesh to study and train her.



Swaraj appealed to the people through a video that nothing could be better than introducing a girl to her family. She also announced a reward of Rs 1 lakh for helping Geeta to unite with her parents.




Conclusion:
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