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कश्मीर मसले पर बोले सुशील पंडित- विफल रही मोदी सरकार - mehbooba mufti

राजनीतिक विश्लेषक सुशील पंडित ने शिवसेना द्वारा बीजेपी को दी गई नसीहत को सही ठहराया है. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर इन पांच सालों में कश्मीर (अनुच्छेद 370 और 35(ए) ) को लेकर किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया.

सुशील पंडित
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Published : Apr 18, 2019, 7:34 PM IST

Updated : Apr 18, 2019, 7:58 PM IST

नई दिल्ली. चुनावी मौसम में जम्मू-कश्मीर राजनीतिक विमर्श के केंद्र में है. इसी विषय पर शिवसेना ने प्रधानमंत्री मोदी को नसीहत दी थी कि अगर बीजेपी सत्ता में आती है तो वह राज्य में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन ना करें. इस पर राजनीतिक विश्लेषक और कार्यकर्ता सुशील पंडित ने अपनी बात रखी.

सुशील पंडित ने कश्मीर मसले पर अपनी बात रखी.


सुशील पंडित ने शिवसेना के तर्क को सही ठहराया है. उन्होंने कहा कि कश्मीरी पार्टियां यह सुनिश्चित कर रही है कि बीजेपी को राज्य में पराजित किया जाए. सुशील पंडित ने एनसी के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला और

पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए कहा कि ये दो पार्टियां जम्मू और उधमपुर सीट पर अपने उम्मीदवारों को नहीं उतार रही है. वह चाहती है कि यहां हिंदू वोट को विभाजित किया जाए.
सुशील पंडित ने कहा कि कश्मीर की राजनीतिक पार्टियां बीजेपी को हराना चाहती है. सुशील पंडित ने अनुच्छेद 370 और 35(ए) पर कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कांग्रेस को पूर्व पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू के वादों की याद दिलाई.

साथ ही सुशील पंडित ने संविधान में जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को निरस्त करने के बीजेपी के इरादे पर भी सवाल उठाया. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बीजेपी पिछले पांच वर्षों में, भारी बहुमत के बावजूद भी जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को निरस्त करने में विफल रही.

नई दिल्ली. चुनावी मौसम में जम्मू-कश्मीर राजनीतिक विमर्श के केंद्र में है. इसी विषय पर शिवसेना ने प्रधानमंत्री मोदी को नसीहत दी थी कि अगर बीजेपी सत्ता में आती है तो वह राज्य में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन ना करें. इस पर राजनीतिक विश्लेषक और कार्यकर्ता सुशील पंडित ने अपनी बात रखी.

सुशील पंडित ने कश्मीर मसले पर अपनी बात रखी.


सुशील पंडित ने शिवसेना के तर्क को सही ठहराया है. उन्होंने कहा कि कश्मीरी पार्टियां यह सुनिश्चित कर रही है कि बीजेपी को राज्य में पराजित किया जाए. सुशील पंडित ने एनसी के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला और

पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए कहा कि ये दो पार्टियां जम्मू और उधमपुर सीट पर अपने उम्मीदवारों को नहीं उतार रही है. वह चाहती है कि यहां हिंदू वोट को विभाजित किया जाए.
सुशील पंडित ने कहा कि कश्मीर की राजनीतिक पार्टियां बीजेपी को हराना चाहती है. सुशील पंडित ने अनुच्छेद 370 और 35(ए) पर कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कांग्रेस को पूर्व पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू के वादों की याद दिलाई.

साथ ही सुशील पंडित ने संविधान में जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को निरस्त करने के बीजेपी के इरादे पर भी सवाल उठाया. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बीजेपी पिछले पांच वर्षों में, भारी बहुमत के बावजूद भी जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को निरस्त करने में विफल रही.

Intro:Kashmir is back at the centre of political discourse in the ongoing election season. Political analyst and activist Sushil Pandit has called Sena's remark logical of making sure to not form anykind of alliance with Kashmiri parties post polls.


Body:Pandit accused Farooq Abdullah's NC and Mehbooba Mufti's PDP of dividing the Hindu votes by not fielding their candidates in Jammu and Udhampur. He said, 'all Kashmiri parties have got together to make sure that the BJP is defeated. The key seats where they are fancing their chances are Jammu and Udhampur. None of these parties have fielded their candidates in these two seats in order to block Muslim votes which accounts to nearly 35-40% of the population.'

He further went on to claim, 'in these places, Hindu votes are getting divided nice and proper. And, Muslim votes are getting transfered to Congress. So, the entire idea is to not allow BJP to have foothold in the state.'

On article 370 and 35 (A), the political analyst slammed the grand old party Congress. He reminded it of the promises made former PM Pt. Jawahar Lal Nehru.






Conclusion:Sushil Pandit even questioned BJP's intent to repeal special status given to Jammu and Kashmir by the constitution. He claimed, 'In the last five years, despite having majority at the centre and their government in J&K, the BJP failed to do so. Rather than removing it, they gave it in writing that they won't remove as part of their alliance deal with the PDP.'
Last Updated : Apr 18, 2019, 7:58 PM IST
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