नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा ने सुझाव दिया कि शीर्ष अदालत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 20 मामलों के बजाए 40 मामलों की आसानी से सुनवाई कर सकती है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान आने वाली समस्याओं को लेकर उन्होंने सुझाव दिया कि संबंधित मामले के प्रत्येक वकील बहस करें फिर सुनवाई के बाद अदालत कक्ष छोड़ दें.
जस्टिस मल्होत्रा ने कहा कि पीठ को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में तकनीकी खराबी के कारण व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से एक वकील से जुड़ना पड़ा. न्यायमूर्ति आर भानुमति ने कहा कि वह इस मुद्दे पर मुख्य न्यायाधीश से बात करेंगी.
लॉकडाउन के बाद से अदालत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामलों की ऑनलाइन सुनवाई कर रही है. इन दिनों सीमित मामलों को सीमित पीठों के समक्ष सूचीबद्ध किया गया है.
अक्सर तकनीकी खराबी के कारण सुनवाई बाधित हो जा रही है और न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं को व्हाट्सएप पर निर्भर रहना पड़ रहा है. कुछ दिनों पहले न्यायमूर्ति रवींद्र भट ने सुनवाई में व्यवधान के कारण फोन पर एक मामला सुना था.