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लॉकडाउन : दिहाड़ी मजदूरों पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर कल फिर सुनवाई - याचिका पर कोर्ट में सुनवाई जारी

उच्चतम न्यायालय ने कोरोनावायरस महामारी के प्रकोप से उत्पन्न दहशत और लॉकडाउन की वजह से बड़ी संख्या में कामगारों के शहरों से अपने पैतृक गांवों की ओर पलायन की स्थिति से निबटने के उपायों पर सोमवार को केन्द्र से स्थिति रिपोर्ट मांगी.

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Mar 30, 2020, 12:56 PM IST

Updated : Mar 30, 2020, 1:52 PM IST

नई दिल्ली : कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन है. इधर आज दिहाड़ी मजदूरों के पलायन को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अब मंगलवार को सुनवाई करेगा.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव द्वारा दायर याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. इस मामले की अब अगली सुनवाई 31 मार्च को होगी.

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र और सभी राज्य सरकार स्थिति को काबू करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही हैं.

वहीं, कोर्ट ने कहा कि सरकार द्वारा पहले से ही जिन दिशा-निर्देशों का ध्यान रखा जा रहा है, उन्हें जारी करके हम भ्रम की स्थिति में नहीं जा सकते हैं. उन्हें स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने दें. कोर्ट ने सरकार को कल तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.

आलोक श्रीवास्तव ने अपनी याचिका में अपने-अपने गांवों में पैदल जा रहे प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों की दुर्दशा के लिए भोजन, पानी और आश्रय दिलाए जाने से संबंधित एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी.

शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की कि दहशत और भय की वजह से बहुत संख्या में कामगारों का पलायन कोरोनावायरस से कहीं ज्यादा बड़ी समस्या बन रहा है.

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने इस मामले की वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से सुनवाई के दौरान कहा कि वह इस स्थिति से निबटने के लिये सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों के बीच कोई निर्देश देकर भ्रम पैदा नहीं करना चाहती.

पीठ ने कामगारों के पलायन से उत्पन्न स्थिति को लेकर जनहित याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव और रश्मि बंसल से कहा कि इस मामले में वह केन्द्र की स्थिति रिपोर्ट का इंतजार करेगी.

केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये इन कामगारों के पलायन को रोकने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र और संबंधित राज्य सरकारों ने इस स्थिति से निबटने के लिये आवश्यक कदम उठाये हैं.

पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इन याचिकाओं को मंगलवार के लिये सूचीबद्ध कर दिया.

पढ़ें- ध्यान लगाकर खुद को व्यस्त रख रहे हैं केंद्रीय मंत्री अठावले

दरअसल, लॉकडाउन की घोषणा के बाद सबकुछ बंद हो गया. इस कारण दिहाड़ी मजदूर पैदल ही घरों की तरफ जाने लगे हैं. कई राज्यों की सरकारें मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए कई कदम उठा रही हैं. हालांकि केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया है.

बता दें कि देश में अब तक कोरोना संक्रमण के एक हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 29 लोगों की मौत हो गई है.

नई दिल्ली : कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन है. इधर आज दिहाड़ी मजदूरों के पलायन को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अब मंगलवार को सुनवाई करेगा.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव द्वारा दायर याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. इस मामले की अब अगली सुनवाई 31 मार्च को होगी.

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र और सभी राज्य सरकार स्थिति को काबू करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही हैं.

वहीं, कोर्ट ने कहा कि सरकार द्वारा पहले से ही जिन दिशा-निर्देशों का ध्यान रखा जा रहा है, उन्हें जारी करके हम भ्रम की स्थिति में नहीं जा सकते हैं. उन्हें स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने दें. कोर्ट ने सरकार को कल तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.

आलोक श्रीवास्तव ने अपनी याचिका में अपने-अपने गांवों में पैदल जा रहे प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों की दुर्दशा के लिए भोजन, पानी और आश्रय दिलाए जाने से संबंधित एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी.

शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की कि दहशत और भय की वजह से बहुत संख्या में कामगारों का पलायन कोरोनावायरस से कहीं ज्यादा बड़ी समस्या बन रहा है.

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने इस मामले की वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से सुनवाई के दौरान कहा कि वह इस स्थिति से निबटने के लिये सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों के बीच कोई निर्देश देकर भ्रम पैदा नहीं करना चाहती.

पीठ ने कामगारों के पलायन से उत्पन्न स्थिति को लेकर जनहित याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव और रश्मि बंसल से कहा कि इस मामले में वह केन्द्र की स्थिति रिपोर्ट का इंतजार करेगी.

केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये इन कामगारों के पलायन को रोकने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र और संबंधित राज्य सरकारों ने इस स्थिति से निबटने के लिये आवश्यक कदम उठाये हैं.

पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इन याचिकाओं को मंगलवार के लिये सूचीबद्ध कर दिया.

पढ़ें- ध्यान लगाकर खुद को व्यस्त रख रहे हैं केंद्रीय मंत्री अठावले

दरअसल, लॉकडाउन की घोषणा के बाद सबकुछ बंद हो गया. इस कारण दिहाड़ी मजदूर पैदल ही घरों की तरफ जाने लगे हैं. कई राज्यों की सरकारें मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए कई कदम उठा रही हैं. हालांकि केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया है.

बता दें कि देश में अब तक कोरोना संक्रमण के एक हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 29 लोगों की मौत हो गई है.

Last Updated : Mar 30, 2020, 1:52 PM IST
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