नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संक्रमण के इलाज को लेकर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने पूछा है कि निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमण का मुफ्त या कम कीमत पर इलाज क्यों नहीं कराया जा सकता ?
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले की सुनवाई तीन जजों की पीठ में की गई. चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और हृषिकेश रॉय की पीठ ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि उन अस्पतालों की सूची मुहैया कराई जाए जहां या तो कम से कम कीमतों पर या मुफ्त में कोरोना संक्रमण का इलाज कराया जा सकता है.
तमिलनाडु में नहीं तोड़ा जाएगा अस्पताल
कोरोना वायरस (COVID-19) संक्रमित रोगियों के इलाज से जुड़े एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज तमिलनाडु सरकार को अनुमति प्रदान की. तमिलनाडु सरकार ने COVID-19 के रोगियों के इलाज के लिए चेन्नई के बिलरोथ अस्पताल की शीर्ष 4 मंजिलों का उपयोग करने की अनुमति दी. अदालत ने राज्य सरकार को डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ के साथ अन्य सेवाओं के लिए अस्पताल में व्यवस्था करने का निर्देश भी दिया.
अस्पताल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कोरोना रोगियों के लिए इन मंजिलों का उपयोग करने की अनुमति मांगी थी और उनके लिए 150 बेड भी आवंटित किए थे.
इससे पहले मद्रास उच्च न्यायालय ने निर्माण मानदंडों के कथित उल्लंघन के लिए अस्पताल के पांच ऊपरी मंजिलों ध्वस्त करने का आदेश दिया था, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने लगभग एक साल पहले जून, 2019 में हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी.