चेन्नई : तमिलनाडु के नादुकट्टूपट्टी में बोरवेल में फंसा दो साल का मासूम सभी को अलविदा कह चुका है. बच्चे को शव यात्रा के बाद नादुकट्टुपट्टी स्थित उसके निवास पर ले जाया गया.
गौरतलब है कि तीन दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद 2 साल के सुजीत विल्सन को मृत अवस्था में पाया गया.
बोरवेल को सीमेंट से किया गया सील
आपको बता दें जिस बोरवेल में गिर कर मासूम को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा, उसमें सीमेंट भरकर सील कर दिया गया है ताकि भविष्य में इस तरह की घटना फिर न हो.
अंतिम संस्कार के लिए लाया गया पुडूर
2 वर्षीय मासूम सुजीत विल्सन के शव को अंतिम संस्कार के लिए पुडूर लाया गया है.
एनडीआरएफ की टीम ने निकाला शव
मृत बच्चे के शव को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम ने बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया.
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बुरी तरह से क्षत विक्षित हुआ मासूम का शरीर
इससे पहले परिवहन विभाग के प्रधान सचिव जे राधाकृष्णन ने कहा था कि सुजीत का शरीर बोरवेल के अंदर बुरी तरह से क्षत विक्षित हो गया था.
राधाकृष्णन ने बताया था कि सुजीत विल्सन दो वर्षीय बच्चे का शरीर अब एक विघटित स्थिति में है. उन्होंने जानकारी दी थी कि बच्चे को जीवित लाने के लिए सभी प्रयास किए गए, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद बोरवेल से बुरी गंध आने लगी थी.
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80 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद मृत अवस्था में मिला बच्चा
आपको बता दें कि सरकारी अधिकारी और बचावकर्मी बच्चे को निकालने के लिए पिछले 80 से अधिक घंटों से लगातार कोशिश कर रहे थे.
25 अक्टूबर को सुजीत यहां लगभग 5:30 बजे अपने घर के पास खेलते समय बोरवेल में गिर गया था. बाद में वह बोरवेल में नीचे फिसल गया.
NDRF, SDRF समेत 6 से ज्यादा दलों ने की कोशिशें
NDRF, समेत राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) के छह से अधिक चालक दल दो साल के मासूम को बचाने के लिए तैनात किए गए थे. तमिलनाडु के उप मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे थे. इसके चलते उन्होंने सोमवार को बच्चे के परिवार जनों से भी मुलाकात की थी.
पथरीली मिट्टी और बारिश के चलते बाधित हो रहा था बचाव अभियान
सुजीत विल्सन 72 घंटों से अधिक समय से 88 फुट की गहरायी में बोरवेल में फंसा हुआ था और पथरीली मिट्टी तथा बारिश के कारण बचाव अभियान बाधित होने से उसकी सलामती को लेकर चिंता भी पहले ही बढ़ गई थी.
जर्मनी की मशीन का हुआ था इस्तेमाल
खुदाई के काम को तेज करने के लिए जर्मनी की मशीन का भी इस्तेमाल किया गया था.
पीएम मोदी और राहुल गांधी ने की थी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी ने उसकी सलामती के लिए दुआ की थी.