नई दिल्ली : संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप ने सरकार और राजनेताओं को महात्मा गांधी की याद दिलाते हुए कहा कि यह गांधी के सपनों का भारत नहीं है. महात्मा गांधी की बात को याद करते हुए सुभाष कश्यप ने कहा कि गांधी झोपड़ी और संसद के बीच की दूरी को कम करना चाहते थे लेकिन आज की सरकार तो एक दूसरी ही नई दिल्ली की परिकल्पना कर रही है, जिसमें नया संसद भवन होगा कई बड़ी नई इमारतें बनेंगी और पुरानी तोड़ी जाएंगी. इस तरह से जनता की गाढ़ी कमाई के हजारों करोड़ रुपए खर्च दिए जाएंगे जिसकी अभी आवश्यकता नहीं है. ऐसा करने से झोपड़ी में रहने वाले और संसद के बीच की दूरी और बढ़ेगी. अगर आज गांधी होते तो वह ऐसा बिल्कुल नहीं चाहते.
सुभाष कश्यप ने राजनेताओं पर भी तंज कसते हुए कहा कि आज के नेता निश्चित रूप से गांधीवादी विचारधारा के नहीं हो सकते महात्मा गांधी जहां सादा जीवन की बात करते थे वहीं आज के राजनेता तो आलीशान जीवन जीने में विश्वास रखते हैं.
संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप आज दिल्ली स्थित गांधी स्मृति स्मारक परिसर में महात्मा गांधी पर लिखी गई एक किताब के विमोचन कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे. यह बातें उन्होंने इस मौके पर पहुंचे सैकड़ों लोगों के बीच अपने संबोधन में कही. कई केंद्रीय मंत्री और सांसद भी इस मौके पर वहां मौजूद थे.
सुभाष कश्यप ने कहा कि आज के राजनेता गांधीजी के संकल्पनाओं के नेता नहीं है.
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उन्होंने अपने संबोधन के दौरान राजनेताओं और सरकार को कई नसीहतें भी दी और जमकर लताड़ भी लगाई. वहीं कार्यक्रम में उपस्थित लोग तालियों के साथ सुभाष कश्यप के द्वारा कही गई बातों का स्वागत करते दिखे.