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कोरोना वायरस कर रहा मस्तिष्क को प्रभावित: अध्ययन

अमेरिका में हुए एक अध्ययन में पता चला है कि कोरोना वायरस मस्तिष्क को प्रभावित कर रहा है. इस अध्ययन 600 से अधिक मरीजों को शामिल किया गया है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Oct 28, 2020, 10:59 PM IST

Updated : Oct 29, 2020, 1:53 PM IST

वॉशिंगटन : कोविड-19 मरीजों पर किए गए 80 से अधिक अध्ययनों में एक तिहाई के मस्तिष्क के अग्रिम हिस्से में कुछ जटिलताएं देखने को मिलीं. यह अध्ययन तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) पर बीमारी के असर पर प्रकाश डाल सकता है.

अध्ययन रिपोर्ट सीजर: यूरोपियन जर्नल ऑफ एपिलेप्सी में प्रकाशित हुई है जो ईईजी (electroencephalogram ) के माध्यम से मस्तिष्क में असामान्यताओं का पता लगाने पर केंद्रित है.

अमेरिका के बेयलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन में तंत्रिका तंत्र विज्ञान के सहायक प्रोफेसर जुल्फी हनीफ ने कहा कि हमें 600 से अधिक ऐसे मरीज मिले जो, इस तरह प्रभावित हुए. जब हमने इसे छोटे समूहों में देखा तो हम इस बात को लेकर सुनिश्चित नहीं थे कि यह महज संयोग है या कुछ और, लेकिन अब हम पक्के तौर पर कह सकते हैं कि इसका कुछ संबंध है.

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन में शामिल लोगों के मस्तिष्क के अग्रिम हिस्से में असामान्यताएं देखने को मिलीं.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 मरीजों के ईईजी से कुछ संकेत ऐसा मिला कि मस्तिष्क को इस हद तक भी नुकसान पहुंच सकता है कि बीमारी से ठीक होने के बाद भी इसकी भरपाई नहीं हो सकती.

पढ़ें- कोरोना के कारण 31 प्रतिशत किशोरों में भारी तनाव : सर्वे

हनीफ ने कहा कि हम जानते हैं कि नाक के जरिए वायरस के प्रवेश करने की सबसे ज्यादा संभावना होती है इसलिए मस्तिष्क के उस हिस्से के बीच संबंध प्रतीत होता है जो प्रवेश बिंदु के नजदीक है.

उन्होंने कहा कि एक और बात यह देखने को मिली कि इस तरह प्रभावित हुए लोगों की औसतन आयु 61 वर्ष थी. इनमें एक तिहाई महिलाएं तथा दो तिहाई पुरुष थे. इससे पता चलता है कि कोरोना वायरस से संबंधित मस्तिष्क असामान्यता बुजुर्ग पुरुषों में आम हो सकती है.

हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि इस संबंध में और अधिक अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है.

वॉशिंगटन : कोविड-19 मरीजों पर किए गए 80 से अधिक अध्ययनों में एक तिहाई के मस्तिष्क के अग्रिम हिस्से में कुछ जटिलताएं देखने को मिलीं. यह अध्ययन तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) पर बीमारी के असर पर प्रकाश डाल सकता है.

अध्ययन रिपोर्ट सीजर: यूरोपियन जर्नल ऑफ एपिलेप्सी में प्रकाशित हुई है जो ईईजी (electroencephalogram ) के माध्यम से मस्तिष्क में असामान्यताओं का पता लगाने पर केंद्रित है.

अमेरिका के बेयलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन में तंत्रिका तंत्र विज्ञान के सहायक प्रोफेसर जुल्फी हनीफ ने कहा कि हमें 600 से अधिक ऐसे मरीज मिले जो, इस तरह प्रभावित हुए. जब हमने इसे छोटे समूहों में देखा तो हम इस बात को लेकर सुनिश्चित नहीं थे कि यह महज संयोग है या कुछ और, लेकिन अब हम पक्के तौर पर कह सकते हैं कि इसका कुछ संबंध है.

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन में शामिल लोगों के मस्तिष्क के अग्रिम हिस्से में असामान्यताएं देखने को मिलीं.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 मरीजों के ईईजी से कुछ संकेत ऐसा मिला कि मस्तिष्क को इस हद तक भी नुकसान पहुंच सकता है कि बीमारी से ठीक होने के बाद भी इसकी भरपाई नहीं हो सकती.

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हनीफ ने कहा कि हम जानते हैं कि नाक के जरिए वायरस के प्रवेश करने की सबसे ज्यादा संभावना होती है इसलिए मस्तिष्क के उस हिस्से के बीच संबंध प्रतीत होता है जो प्रवेश बिंदु के नजदीक है.

उन्होंने कहा कि एक और बात यह देखने को मिली कि इस तरह प्रभावित हुए लोगों की औसतन आयु 61 वर्ष थी. इनमें एक तिहाई महिलाएं तथा दो तिहाई पुरुष थे. इससे पता चलता है कि कोरोना वायरस से संबंधित मस्तिष्क असामान्यता बुजुर्ग पुरुषों में आम हो सकती है.

हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि इस संबंध में और अधिक अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है.

Last Updated : Oct 29, 2020, 1:53 PM IST
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