वायनाड : केरल के वायनाड जिले में बुधवार को स्कूल की कक्षा में सांप के डसने से 10 वर्षीया छात्रा की मौत हो गयी. इस मामले में सरकार ने एक शिक्षक को निलंबित कर दिया. शिक्षक पर छात्रा को अस्पताल ले जाने में कथित रूप से लापरवाही बरतने का आरोप लगा है. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
वायनाड के सुल्तान बथेरी जिले के सर्वजन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के छात्रों ने बताया कि पांचवी कक्षा की छात्रा शहला को बुधवार दोपहर तीन बजे हुई घटना के एक घंटे बाद अस्पताल ले जाया गया.
अधिकारियों ने बताया कि छात्रा के परिजन उसे चार अस्पतालों में ले गये, जहां प्रबंधन ने विषरोधी दवा नहीं होने की बात कही और उन्हें बच्ची को सुल्तानपुर बथेरी से लगभग 90 किलोमीटर दूर कोझिकोड़ मेडिकल कॉलेज ले जाने को कहा गया.
शहला के पिता ने कहा कि मेडिकल कॉलेज पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गयी. उन्होंने कहा कि स्कूल के अधिकारियों ने उन्हें घटना की सूचना नहीं दी.
वहीं मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा, 'ऐसी परिस्थितियों में क्या करना चाहिए, इस बारे में शिक्षकों को बच्चों को शिक्षित करना चाहिए. लेकिन इस मामले में, छात्रों के बार-बार अनुरोध करने के बावजूद शिक्षक बच्चे को अस्पताल ले जाने में विफल रहे.'
उन्होंने कहा कि छात्रों का दावा है कि बच्ची को उसके परिजन के स्कूल पहुंचने के बाद अस्पताल ले जाया गया.
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विजयन ने कहा, 'उसकी मौत दुर्भाग्यपूर्ण है. हम उसके परिवार के साथ खड़े हैं. अपने कर्तव्य के निर्वहन में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
वहीं घटना के बारे में पता चलते ही कांग्रेस नेता और वायनाड से लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने विजयन को पत्र लिखकर कहा कि राज्य सरकार को स्कूल की 'खस्ताहालत अवसंरचना' पर तत्काल ध्यान देने जरूरत है.'
संदेह जताया जा रहा है कि सांप ने बच्ची को तब डसा होगा, जब उसका पैर दुर्घटनावश कक्षा की फर्श पर बने छोटे से बिल में फंस गया होगा.
केरल के शिक्षा मंत्री सी रवीन्द्रनाथ ने कहा कि प्रारंभिक जांच के बाद कथित लापरवाही के लिए शिक्षक शिजिल को निलंबित कर दिया गया.
केरल मानवाधिकार आयोग और बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने अलग अलग मामले दर्ज किये हैं.
वहीं स्कूल के प्रधानाचार्य ने कहा कि छात्रा को प्राथमिक उपचार दिया गया था और उसके पिता को भी घटना के बारे में सूचित किया गया था. उन्होंने कहा कि उनकी ओर से कोई लापरवाही नहीं बरती गयी.
शहला की मौत से क्षुब्ध और गुस्साए उसके सहपाठियों ने कहा कि उन्होंने शिक्षकों से जल्द से जल्द उसे अस्पताल ले जाने की गुहार लगाई थी, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया.