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रूसी तकनीक की मिसाइल है एस 400, जानें कैसे बढ़ेगी भारत की ताकत

अमेरिका की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए भारत ने एस 400 मिसाइल सिस्टम को लेकर रूस से समझौता किया. 2021 से इसकी आपूर्ति शुरू हो जाएगी. 2021 तक भारत को पांच मिसाइल सिस्टम मिल जाएंगे. इससे भारत की रणनीतिक और सामरिक क्षमता में व्यापक बदलाव आ जाएगा.यह मिसाइल 400 किलोमीटर के दायरे में किसी भी हमले को नाकामयाब करने की क्षमता रखता है. विस्तार से जानें एस 400 के बारे में.

specialty of s400 missile
डिजाइन फोटो
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Published : Feb 6, 2020, 11:05 AM IST

Updated : Feb 29, 2020, 9:24 AM IST

हैदराबाद/लखनऊ : रूस निर्मित एस 400 मिसाइल सिस्टम भारत को 2021 तक मिल जाएगा. इसके शामिल हो जाने से भारत की सामरिक क्षमता में अभूतपूर्व बदलाव आ जाएगा. यह मिसाइल 400 किलोमीटर के दायरे में किसी भी तरह के हमले से निपटने में सक्षम है. पूरी दुनिया में इस मिसाइल सिस्टम की मांग सबसे ज्यादा है. अमेरिका के पास थाड नाम का मिसाइल है, जिसे एस 400 का काउंटर माना जाता है. लेकिन एस 400 की क्षमता इससे बेहतर मानी जाती है.

अमेरिका ने भारत को एस 400 मिसाइल सिस्टम नहीं खरीदने को लेकर दबाव बनाया हुआ है. अमेरिका का कहना है कि इससे भारत के साथ उनके रिश्ते में खटास आ सकती है. उन पर पाबंदी भी लगाई जा सकती है. हालांकि, भारत ने साफ कर दिया है कि उसका हित सर्वोपरि है. वह जो भी निर्णय ले रहा है, यह उसकी सामरिक जरूरत है.

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एस 400

रूस से एस-400 हवाई रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाई पांच अरब डॉलर में खरीदने का करार हुआ था. भारत पिछले साल इस मिसाइल प्रणाली के लिए 80 करोड़ डॉलर की पहली किस्त का भुगतान भी कर चुका है.

सैन्य प्रौद्योगिकी सहयोग की संघीय सेवा (एफएसएमटीसी)के उप निदेशक व्लादिमीर द्रोझझोव ने डिफेंस एक्सपो से इतर बताया, 'एस-400 के करार को पूर्व निर्धारित समय सीमा में लागू किया जाएगा. पहली प्रणाली की आपूर्ति वर्ष 2021 के अंत से शुरू हो जाएगी. हम अपने वादे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'

उन्होंने कहा, 'दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बहुत मजबूत है और हम इसे और बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'

उल्लेखनीय है कि यह मिसाइल रोधी प्रधाली 400 किलोमीटर के दायरे में दुश्मन के विमान, मिसाइल और यहां तक कि ड्रोन को भी नष्ट करने में सक्षम है.

पढ़ें-भारत को एस-400 मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति वर्ष 2021 के अंत में शुरू होगी : रूसी अधिकारी

एक अन्य रूसी अधिकारी ने बताया कि भारत के लिए एस-400 मिसाइल प्रणाली का निर्माण कार्य शुरू हो गया है और पांच इकाई की आपूर्ति वर्ष 2025 तक कर दी जाएगी.

हैदराबाद/लखनऊ : रूस निर्मित एस 400 मिसाइल सिस्टम भारत को 2021 तक मिल जाएगा. इसके शामिल हो जाने से भारत की सामरिक क्षमता में अभूतपूर्व बदलाव आ जाएगा. यह मिसाइल 400 किलोमीटर के दायरे में किसी भी तरह के हमले से निपटने में सक्षम है. पूरी दुनिया में इस मिसाइल सिस्टम की मांग सबसे ज्यादा है. अमेरिका के पास थाड नाम का मिसाइल है, जिसे एस 400 का काउंटर माना जाता है. लेकिन एस 400 की क्षमता इससे बेहतर मानी जाती है.

अमेरिका ने भारत को एस 400 मिसाइल सिस्टम नहीं खरीदने को लेकर दबाव बनाया हुआ है. अमेरिका का कहना है कि इससे भारत के साथ उनके रिश्ते में खटास आ सकती है. उन पर पाबंदी भी लगाई जा सकती है. हालांकि, भारत ने साफ कर दिया है कि उसका हित सर्वोपरि है. वह जो भी निर्णय ले रहा है, यह उसकी सामरिक जरूरत है.

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एस 400

रूस से एस-400 हवाई रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाई पांच अरब डॉलर में खरीदने का करार हुआ था. भारत पिछले साल इस मिसाइल प्रणाली के लिए 80 करोड़ डॉलर की पहली किस्त का भुगतान भी कर चुका है.

सैन्य प्रौद्योगिकी सहयोग की संघीय सेवा (एफएसएमटीसी)के उप निदेशक व्लादिमीर द्रोझझोव ने डिफेंस एक्सपो से इतर बताया, 'एस-400 के करार को पूर्व निर्धारित समय सीमा में लागू किया जाएगा. पहली प्रणाली की आपूर्ति वर्ष 2021 के अंत से शुरू हो जाएगी. हम अपने वादे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'

उन्होंने कहा, 'दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बहुत मजबूत है और हम इसे और बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'

उल्लेखनीय है कि यह मिसाइल रोधी प्रधाली 400 किलोमीटर के दायरे में दुश्मन के विमान, मिसाइल और यहां तक कि ड्रोन को भी नष्ट करने में सक्षम है.

पढ़ें-भारत को एस-400 मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति वर्ष 2021 के अंत में शुरू होगी : रूसी अधिकारी

एक अन्य रूसी अधिकारी ने बताया कि भारत के लिए एस-400 मिसाइल प्रणाली का निर्माण कार्य शुरू हो गया है और पांच इकाई की आपूर्ति वर्ष 2025 तक कर दी जाएगी.

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Last Updated : Feb 29, 2020, 9:24 AM IST
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