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राजस्थान की राजनीति का सियासी ड्रामा, जानें पूरा घटनाक्रम

राजस्थान में पिछले तीन दिन से चल रहे सियासी घटनाक्रम ने मंगलवार को नया मोड़ ले लिया. गहलोत सरकार ने सचिन पायलट समेत तीन मंत्रियों को पद मुक्त कर दिया. इसके अलावा पायलट को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद से भी हाथ धोना पड़ा. देखिए राजस्थान के सियासी घटनाक्रम पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट...

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राजनीति का सियासी ड्रामा
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Published : Jul 14, 2020, 9:50 PM IST

जयपुर : राजस्थान कांग्रेस में पिछले चार दिन से चले आ रहे घमासान ने मंगलवार को नया मोड़ ले लिया. कभी राजस्थान कांग्रेस में 'नंबर दो' का रुतबा रखने वाले सचिन पायलट को न केवल उपमुख्यमंत्री पद से हाथ धोना पड़ा है, बल्कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से भी उनकी अप्रत्याशित विदाई हो गई है. जानें- पूरा घटनाक्रम..

'पावर सेंटर' बनने की लड़ाई..
सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की दुश्मनी नई नहीं है. 'राजनीतिक महत्वाकांक्षा' और 'पावर सेंटर' बनने की दोनों ही नेताओं की चाहत ने कभी उन्हें 'करीब' नहीं आने दिया. दोनों एक साथ तो खड़े दिखाई दिए, लेकिन इनके 'मन' कभी नहीं मिले.

राजस्थान के सियासी संग्राम पर ETV Bharat की पैनी नजर

'घर की लड़ाई' कैसे पहुंची 'सड़क' तक..
अब बड़ा सवाल यही है कि आखिर इस बार ऐसा क्या हुआ कि 'घर की लड़ाई' घर से निकलकर 'सड़क' तक आ गई. इस वजह को जानने के लिए हमें लगभग एक महीने पीछे झांकना होगा. राज्यसभा चुनाव के दौरान गहलोत ने भाजपा पर उनके विधायकों को तोड़ने के लिए खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया था. इस मामले को लेकर मुख्य सचेतक महेश जोशी ने एसओजी में शिकायत दर्ज कराई. कुछ दिन इस मामले पर कोई चर्चा नहीं हुई.

मुख्यमंत्री गहलोत का बयान (पार्ट-1)

...और पायलट ने कर दी बगावत
10 जुलाई को एसओजी ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को नोटिस जारी कर बयान दर्ज करवाने के लिए कहा. इस बात से पायलट खफा हो गए. उनका मानना है कि यह सब गहलोत के इशारे पर उन्हें नीचा दिखाने के लिए किया जा रहा है. इस बात से नाराज होकर पायलट 11 जुलाई को दिल्ली चले गए. इस बीच खबर आई कि पायलट ने पार्टी के साथ बगावत कर दी है.

मुख्यमंत्री गहलोत का बयान (पार्ट-2)

पायलट पर कार्रवाई...
इसके बाद 13 और 14 जुलाई को अशोक गहलोत ने विधायक दल की बैठक बुलाई. दोनों ही दिन सचिन पायलट और उनके करीबी लोग इन बैठकों में शामिल नहीं हुए. 13 जुलाई को पायलट और पार्टी में सुलह के कयास लगाए जाते रहे. इस बीच 14 जुलाई को कांग्रेस पार्टी ने एकदम से तैश में आकर सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया.

राजस्थान की बदलती राजनीति पर अविनाश राय खन्ना से खास बातचीत

पायलट के करीबियों पर भी गिरी गाज...
पार्टी ने पायलट के अलावा उनके करीबी नेताओं विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया. इसके अलावा मुकेश भाकर को यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष पद से और राकेश पारीक को सेवा दल के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. इसी बीच एनएसयूआई के अध्यक्ष पद से अभिमन्यु पूनिया ने खुद ही पद छोड़ दिया.

डोटासरा नए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष
पार्टी ने बिना देर किए राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा कमान सौंप दी. साथ ही डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा को यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष और हेम सिंह शेखावत को सेवा दल का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया.

कार्रवाई के बाद रमेश मीणा का बयान

पढ़ें : गहलोत का आरोप- पायलट ही नहीं, पूरा कुनबा भाजपा के हाथों में खेल रहा


ताजा घटनाक्रम पर किसने क्या कहा..

सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं.

-सचिन पायलट, पूर्व उपमुख्यमंत्री और पूर्व पीसीसी चीफ

आज जो कुछ निर्णय लिया गया है. चाहे उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को बर्खास्त करने का या फिर पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और खाद्य मंत्री रमेश मीणा को पद मुक्त करने का, यह मेरी शिकायत पर नहीं बल्कि आलाकमान की ओर से लिया गया निर्णय है.

-अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार

तमाम कोशिशों के बावजूद सचिन पायलट और अन्य बाघी विधायकों के अपरिवर्तनीय निर्णय को मद्दे नज़र रखते हुए, बड़े दुःख के साथ हम ये घोषणा करते है की सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद पर उनकी सभी वर्तमान ज़िम्मेदारियों से मुक्त किया जाता है.

-अविनाश पांडे, राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी

गहलोत विधानसभा के फ्लोर पर बहुमत साबित करें, होटल और रिसोर्ट में नहीं.

-अविनाश राय खन्ना, राजस्थान भाजपा के प्रभारी

पढ़ें : गहलोत की राजनीतिक कहानी, जो अपने विरोधियों को पछाड़ने में कामयाब रहा

ये देखकर दुखी हूं कि मेरे पुराने सहयोगी सचिन पायलट को भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दरकिनार कर दिया गया, ये दिखाता है कि, कांग्रेस में प्रतिभा और क्षमता पर कम ही भरोसा किया जाता है.

-ज्योतिरादित्य सिंधिया, भाजपा नेता

पायलट के समर्थन से सरकार बनती है तो CM का फैसला जो केंद्रीय आलाकमान करेगा उसे प्रदेश इकाई पालन करेगी.

-सतीश पूनिया, राजस्थान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष

कांग्रेस अपने घर के झगड़े से ही डूबने जा रही है. मैं राज्यपाल जी से भी निवेदन करना चाहता हूं कि आज की तारीख में यह अल्पमत की सरकार है.

-गुलाबचंद कटारिया, नेता प्रतिपक्ष

ये भी पढ़ें- मंत्रिमंडल विस्तार से पहले विधानसभा में बहुमत साबित करें गहलोत : कटारिया

विधायक के घर पर पुलिस का पहरा बैठा रखा है, यह लोकतंत्र का अपमान है. सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है, इस सरकार का गिरना निश्चित.

-राजेंद्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष

यदि आज हो फ्लोर टेस्ट तो अशोक गहलोत होंगे फेल. इस सरकार को गिराने के लिए हम एकजुट.

-हनुमान बेनीवाल, नागौर सांसद और RLP के राष्ट्रीय अध्यक्ष

मैं तो चुनाव जीतकर यूथ कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बना हूँ. अशोक गहलोत कौन होते है मुझे हटाने वाले.

-मुकेश भाकर, यूथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष

मैं कांग्रेस का निष्ठावान कार्यकर्ता हूं. मैं आज से संगठन में कार्य करना शुरू कर रहा हूं. कांग्रेस ने हमेशा जन हित के लिए काम किया.

-हेम सिंह शेखावत, कांग्रेस सेवादल के नए अध्यक्ष

जयपुर : राजस्थान कांग्रेस में पिछले चार दिन से चले आ रहे घमासान ने मंगलवार को नया मोड़ ले लिया. कभी राजस्थान कांग्रेस में 'नंबर दो' का रुतबा रखने वाले सचिन पायलट को न केवल उपमुख्यमंत्री पद से हाथ धोना पड़ा है, बल्कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से भी उनकी अप्रत्याशित विदाई हो गई है. जानें- पूरा घटनाक्रम..

'पावर सेंटर' बनने की लड़ाई..
सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की दुश्मनी नई नहीं है. 'राजनीतिक महत्वाकांक्षा' और 'पावर सेंटर' बनने की दोनों ही नेताओं की चाहत ने कभी उन्हें 'करीब' नहीं आने दिया. दोनों एक साथ तो खड़े दिखाई दिए, लेकिन इनके 'मन' कभी नहीं मिले.

राजस्थान के सियासी संग्राम पर ETV Bharat की पैनी नजर

'घर की लड़ाई' कैसे पहुंची 'सड़क' तक..
अब बड़ा सवाल यही है कि आखिर इस बार ऐसा क्या हुआ कि 'घर की लड़ाई' घर से निकलकर 'सड़क' तक आ गई. इस वजह को जानने के लिए हमें लगभग एक महीने पीछे झांकना होगा. राज्यसभा चुनाव के दौरान गहलोत ने भाजपा पर उनके विधायकों को तोड़ने के लिए खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया था. इस मामले को लेकर मुख्य सचेतक महेश जोशी ने एसओजी में शिकायत दर्ज कराई. कुछ दिन इस मामले पर कोई चर्चा नहीं हुई.

मुख्यमंत्री गहलोत का बयान (पार्ट-1)

...और पायलट ने कर दी बगावत
10 जुलाई को एसओजी ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को नोटिस जारी कर बयान दर्ज करवाने के लिए कहा. इस बात से पायलट खफा हो गए. उनका मानना है कि यह सब गहलोत के इशारे पर उन्हें नीचा दिखाने के लिए किया जा रहा है. इस बात से नाराज होकर पायलट 11 जुलाई को दिल्ली चले गए. इस बीच खबर आई कि पायलट ने पार्टी के साथ बगावत कर दी है.

मुख्यमंत्री गहलोत का बयान (पार्ट-2)

पायलट पर कार्रवाई...
इसके बाद 13 और 14 जुलाई को अशोक गहलोत ने विधायक दल की बैठक बुलाई. दोनों ही दिन सचिन पायलट और उनके करीबी लोग इन बैठकों में शामिल नहीं हुए. 13 जुलाई को पायलट और पार्टी में सुलह के कयास लगाए जाते रहे. इस बीच 14 जुलाई को कांग्रेस पार्टी ने एकदम से तैश में आकर सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया.

राजस्थान की बदलती राजनीति पर अविनाश राय खन्ना से खास बातचीत

पायलट के करीबियों पर भी गिरी गाज...
पार्टी ने पायलट के अलावा उनके करीबी नेताओं विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया. इसके अलावा मुकेश भाकर को यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष पद से और राकेश पारीक को सेवा दल के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. इसी बीच एनएसयूआई के अध्यक्ष पद से अभिमन्यु पूनिया ने खुद ही पद छोड़ दिया.

डोटासरा नए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष
पार्टी ने बिना देर किए राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा कमान सौंप दी. साथ ही डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा को यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष और हेम सिंह शेखावत को सेवा दल का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया.

कार्रवाई के बाद रमेश मीणा का बयान

पढ़ें : गहलोत का आरोप- पायलट ही नहीं, पूरा कुनबा भाजपा के हाथों में खेल रहा


ताजा घटनाक्रम पर किसने क्या कहा..

सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं.

-सचिन पायलट, पूर्व उपमुख्यमंत्री और पूर्व पीसीसी चीफ

आज जो कुछ निर्णय लिया गया है. चाहे उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को बर्खास्त करने का या फिर पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और खाद्य मंत्री रमेश मीणा को पद मुक्त करने का, यह मेरी शिकायत पर नहीं बल्कि आलाकमान की ओर से लिया गया निर्णय है.

-अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार

तमाम कोशिशों के बावजूद सचिन पायलट और अन्य बाघी विधायकों के अपरिवर्तनीय निर्णय को मद्दे नज़र रखते हुए, बड़े दुःख के साथ हम ये घोषणा करते है की सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद पर उनकी सभी वर्तमान ज़िम्मेदारियों से मुक्त किया जाता है.

-अविनाश पांडे, राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी

गहलोत विधानसभा के फ्लोर पर बहुमत साबित करें, होटल और रिसोर्ट में नहीं.

-अविनाश राय खन्ना, राजस्थान भाजपा के प्रभारी

पढ़ें : गहलोत की राजनीतिक कहानी, जो अपने विरोधियों को पछाड़ने में कामयाब रहा

ये देखकर दुखी हूं कि मेरे पुराने सहयोगी सचिन पायलट को भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दरकिनार कर दिया गया, ये दिखाता है कि, कांग्रेस में प्रतिभा और क्षमता पर कम ही भरोसा किया जाता है.

-ज्योतिरादित्य सिंधिया, भाजपा नेता

पायलट के समर्थन से सरकार बनती है तो CM का फैसला जो केंद्रीय आलाकमान करेगा उसे प्रदेश इकाई पालन करेगी.

-सतीश पूनिया, राजस्थान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष

कांग्रेस अपने घर के झगड़े से ही डूबने जा रही है. मैं राज्यपाल जी से भी निवेदन करना चाहता हूं कि आज की तारीख में यह अल्पमत की सरकार है.

-गुलाबचंद कटारिया, नेता प्रतिपक्ष

ये भी पढ़ें- मंत्रिमंडल विस्तार से पहले विधानसभा में बहुमत साबित करें गहलोत : कटारिया

विधायक के घर पर पुलिस का पहरा बैठा रखा है, यह लोकतंत्र का अपमान है. सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है, इस सरकार का गिरना निश्चित.

-राजेंद्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष

यदि आज हो फ्लोर टेस्ट तो अशोक गहलोत होंगे फेल. इस सरकार को गिराने के लिए हम एकजुट.

-हनुमान बेनीवाल, नागौर सांसद और RLP के राष्ट्रीय अध्यक्ष

मैं तो चुनाव जीतकर यूथ कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बना हूँ. अशोक गहलोत कौन होते है मुझे हटाने वाले.

-मुकेश भाकर, यूथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष

मैं कांग्रेस का निष्ठावान कार्यकर्ता हूं. मैं आज से संगठन में कार्य करना शुरू कर रहा हूं. कांग्रेस ने हमेशा जन हित के लिए काम किया.

-हेम सिंह शेखावत, कांग्रेस सेवादल के नए अध्यक्ष

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