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एशिया के सबसे बड़े कपड़ा मार्केट का क्या है हाल, देखिए ग्राउंड रिपोर्ट

गांधीनगर रामनगर मार्केट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष संजय जैन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि लॉकडाउन 4 में ऑड-ईवन के आधार पर 50 प्रतिशत दुकानों को खोलने की इजाजत दी गई है, लेकिन कोरोना का खौफ और खरीददारों की कमी की वजह से ज्यादातर व्यापारी अपनी दुकान नहीं खोल रहे.

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एशिया के सबसे बड़े कपड़ा मार्केट का क्या है हाल
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Published : May 31, 2020, 2:03 PM IST

नई दिल्ली : लॉकडाउन चार में बाजारों को खोले जाने की इजाजत के बावजूद एशिया के सबसे बड़े कपड़ा बाजार गांधीनगर मार्केट की रौनक नहीं लौटी है. ऑड-ईवन के आधार पर दुकानें खोलने की छूट के बाद भी गांधीनगर कपड़ा मार्केट की ज्यादातर दुकानें बंद हैं.

गांधीनगर रामनगर मार्केट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष संजय जैन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि लॉकडाउन-4 में ऑड-ईवन के आधार पर 50 प्रतिशत दुकानों को खोलने की इजाजत दी गई है, लेकिन कोरोना का खौफ और खरीददारों की कमी की वजह से ज्यादातर व्यापारी अपनी दुकान नहीं खोल रहे. जो दुकान खोल भी रहें हैं, उनके यहां 2-3 दिन में शायद ही कोई एक ग्राहक पहुंचता है.

राज्यों की सीमा बंद होने से भी नुकसान
संजय जैन के मुताबिक गांधीनगर कपड़ा मार्केट में पूरे देश के दुकानदार रेडीमेड कपड़ा खरीदने के लिए पहुंचते हैं, लेकिन राज्यों की सीमा सील होने और सार्वजनिक परिवहन बंद होने की वजह से गांधीनगर मार्केट में खरीददार नहीं पहुंच पा रहे हैं और न ही यहां से माल भेजा जा सकता है.

उपाध्यक्ष ने बताया कि मजदूरों के पलायन का असर कपड़ा कारोबार पर पड़ेगा. ज्यादातर मजदूर पलायन कर चुके हैं. ऐसे में जब मार्केट में ग्राहक आने लगेंगे, तो मजदूरों की भारी कमी का सामना करना पड़ेगा. सिलाई करने वाले 90 प्रतिशत मजदूर गांव लौट चुके हैं, जिससे कपड़े की भी कमी हो सकती है.

पढ़ें : गुजरात : एक जून से जनता के लिए खोला जा सकता है सोमनाथ मंदिर

अचानक लॉकडाउन से भारी नुकसान
संजय जैन ने बताया कि अचानक लॉकडाउन लगने से कारोबारियों का बहुत नुकसान हुआ है, करोड़ों का माल रास्ते में फंस गया है. साथ ही गांधीनगर मार्केट में ज्यादातर माल सीजन के मुताबिक बनता है, जिसकी वजह से व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

संजय जैन ने बताया कि बहुत से किराएदारों की मांग है कि मकान मालिक लॉकडाउन के दौरान का किराया न लें, इस पर एसोसिएशन का कहना है कि यह मामला मकान मालिक और दुकानदार के बीच का है, इसे दोनों मिलकर सुलझाएं तो ज्यादा बेहतर है. जरूरत पड़ेगी तभी इसमें एसोसिएशन दखल देगी.

कोरोना से बचने के लिए किए सभी उपाय
जैन ने कहा कि गांधीनगर मार्केट में कोरोना संक्रमण न फैले, इसके लिए सरकार की सभी गाइडलाइन को फॉलो किया जा रहा है. मार्केट को रोजाना सुबह शाम सैनिटाइज किया जा रहा है. साथ ही दुकानों में सैनिटाइजर रखा गया है, सभी स्टाफ को मास्क लगाना जरूरी है.

संजय जैन ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से गांधीनगर कपड़ा कारोबारियों को भारी नुकसान हुआ है, ऐसे में व्यापारियों को टैक्स में रियायत देनी चाहिए, ताकि व्यापारी एक बार फिर खड़े हो सकें.

नई दिल्ली : लॉकडाउन चार में बाजारों को खोले जाने की इजाजत के बावजूद एशिया के सबसे बड़े कपड़ा बाजार गांधीनगर मार्केट की रौनक नहीं लौटी है. ऑड-ईवन के आधार पर दुकानें खोलने की छूट के बाद भी गांधीनगर कपड़ा मार्केट की ज्यादातर दुकानें बंद हैं.

गांधीनगर रामनगर मार्केट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष संजय जैन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि लॉकडाउन-4 में ऑड-ईवन के आधार पर 50 प्रतिशत दुकानों को खोलने की इजाजत दी गई है, लेकिन कोरोना का खौफ और खरीददारों की कमी की वजह से ज्यादातर व्यापारी अपनी दुकान नहीं खोल रहे. जो दुकान खोल भी रहें हैं, उनके यहां 2-3 दिन में शायद ही कोई एक ग्राहक पहुंचता है.

राज्यों की सीमा बंद होने से भी नुकसान
संजय जैन के मुताबिक गांधीनगर कपड़ा मार्केट में पूरे देश के दुकानदार रेडीमेड कपड़ा खरीदने के लिए पहुंचते हैं, लेकिन राज्यों की सीमा सील होने और सार्वजनिक परिवहन बंद होने की वजह से गांधीनगर मार्केट में खरीददार नहीं पहुंच पा रहे हैं और न ही यहां से माल भेजा जा सकता है.

उपाध्यक्ष ने बताया कि मजदूरों के पलायन का असर कपड़ा कारोबार पर पड़ेगा. ज्यादातर मजदूर पलायन कर चुके हैं. ऐसे में जब मार्केट में ग्राहक आने लगेंगे, तो मजदूरों की भारी कमी का सामना करना पड़ेगा. सिलाई करने वाले 90 प्रतिशत मजदूर गांव लौट चुके हैं, जिससे कपड़े की भी कमी हो सकती है.

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अचानक लॉकडाउन से भारी नुकसान
संजय जैन ने बताया कि अचानक लॉकडाउन लगने से कारोबारियों का बहुत नुकसान हुआ है, करोड़ों का माल रास्ते में फंस गया है. साथ ही गांधीनगर मार्केट में ज्यादातर माल सीजन के मुताबिक बनता है, जिसकी वजह से व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

संजय जैन ने बताया कि बहुत से किराएदारों की मांग है कि मकान मालिक लॉकडाउन के दौरान का किराया न लें, इस पर एसोसिएशन का कहना है कि यह मामला मकान मालिक और दुकानदार के बीच का है, इसे दोनों मिलकर सुलझाएं तो ज्यादा बेहतर है. जरूरत पड़ेगी तभी इसमें एसोसिएशन दखल देगी.

कोरोना से बचने के लिए किए सभी उपाय
जैन ने कहा कि गांधीनगर मार्केट में कोरोना संक्रमण न फैले, इसके लिए सरकार की सभी गाइडलाइन को फॉलो किया जा रहा है. मार्केट को रोजाना सुबह शाम सैनिटाइज किया जा रहा है. साथ ही दुकानों में सैनिटाइजर रखा गया है, सभी स्टाफ को मास्क लगाना जरूरी है.

संजय जैन ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से गांधीनगर कपड़ा कारोबारियों को भारी नुकसान हुआ है, ऐसे में व्यापारियों को टैक्स में रियायत देनी चाहिए, ताकि व्यापारी एक बार फिर खड़े हो सकें.

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