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अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस खासः इस थीम के साथ आगे बढ़ेगा भारत

युवा शक्ति देश और समाज की रीढ़ होती है. युवा ही हैं जो देश और समाज को नये शिखर, नई उपलब्धियों तक ले जाते हैं. समाज को बेहतर बनाने और राष्ट्र के निर्माण में सर्वाधिक योगदान युवाओं का ही होता है. युवाओं के उचित मार्गदर्शन के लिए अति आवश्यक है कि उनकी क्षमता का सदुपयोग किया जाए. उनकी सेवाओं को प्रौढ़ शिक्षा और अन्य सरकारी योजनाओं के तहत चलाए जा रहे अभियानों में प्रयुक्त किया जा सकता है.

INTERNATIONAL YOUTH  DAY
अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस
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Published : Aug 12, 2020, 9:01 AM IST

Updated : Aug 12, 2020, 11:55 AM IST

नई दिल्ली: हमारे देश को युवाओं का देश कहा जाता है. भारत में 35 वर्ष की आयु तक के 65 करोड़ युवा हैं. इसका मतलब की हमारे देश में अधिक जनशक्ति है, लेकिन उन्हें उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता है. ऐसे में युवाओं के लिये अच्छी शिक्षा और सुविधाओं की जरूरत है, ताकि समाज का कल्याण हो सके. देश के निर्माण के लिये, देश की प्रगति के लिये, युवाओं को दुनिया के विकसित राष्ट्रों के साथ खड़े होने के लिये, मेधावी और मेहनती बनना होगा.

अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 17 दिसंबर 1999 को निर्णय लिया था कि, 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाएगा. अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन पहली बार वर्ष 2000 में किया गया. 1985 में संयुक्त राष्ट्र को अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया गया.

जानें, कैसे मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस
संयुक्त राष्ट्र हर साल अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के लिये थीम चुनता है. इस दिन, दुनियाभर में विभिन्न युवा दिवस से संबंधित कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. आमतौर पर ये आयोजन परेड, संगीत, मेले, त्योहार, प्रदर्शनियां आदि होते हैं. संयुक्त राष्ट्र ने संदेश फैलाने के लिये एक संरचित दृष्टिकोण विकसित किया है. इस दिन कई शैक्षिक रेडियो शो, सार्वजनिक बैठकें या फिर विचार-विमर्श किए जाते हैं.

अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस 2020 का संदेश
2020 के अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस की थीम 'यूथ इंगेजमेंट ऑफ ग्लोबल एक्शन' है. ये दिन उन तरीकों को उजागर करने का लक्ष्य है, जिनमें स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विकस्तर पर युवा राष्ट्रीय और बहुपक्षीय संस्थानों और प्रक्रियाओं को समृद्ध कर रहे हैं. इसके साथ ही इस बात का पाठ पढ़ाते हैं कि, औपचारिक संस्थागत राजनीति में उनके प्रतिनिधित्व और योगदान को कैसे बढ़ाया जा सकता है.

आईवायडी 2020 का उद्देश्य
आईवायडी 2020 का उद्देश्य वैश्विक कार्रवाई को प्राप्त करने की अपनी क्षमता को मजबूत करने के उद्देश्य से युवाओं के योगदान को और अधिक सक्षम बनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डालना है. ये तीन परस्पर संबंधित धाराओं के माध्यम से युवा व्यवस्था पर प्रकाश डालता है.

  • स्थानीय/सामुदायिक स्तर पर युवाओं का योगदान.
  • राष्ट्रीय स्तर पर युवा योगदान कानून, नीतियों के निर्माण और उनके कार्यान्वयन की तरह.
  • वैश्विक स्तर पर युवाओं का योगदान.

पढ़ें: केरल के शोधकर्ता के नाम पर श्रीलंका में खोज की गई ट्वीग हॉपर प्रजाति का नाम

सामाजिक मीडिया कैंपिंग
#31DaysfYOUth, एक सोशल मीडिया अभियान है जो अगस्त के महीने में युवाओं के योगदान और उनके शब्दों के प्रसार समेत वैश्विक कार्रवाई के लिए उनके आपस की बातचीत में मदद करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस का नेतृत्व और पालन करेगा.

भारतीय युवाओं पर कोविड19 का प्रभाव
देशव्यापी लॉकडाउन छूट के बावजूद भारत में बेरोजगारी की दर में वृद्धि जारी है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के मुताबिक, 17 मई के आखिर तक बेरोजगारी दर 24 प्रतिशत थी, ये लगभग अप्रैल जैसा ही है यानी 20 अप्रैल से लॉकडाउन की छूट के बावजूद, बेरोजगारी दर प्रभावित नहीं हुई.
सीएमआईई के एक अध्ययन के मुताबिक, देश में बेरोजगारी के आंकड़े भी तेजी से बढ़े हैं. भारत में 21 मार्च को बेरोजगारी दर 7.4 प्रतिशत थी, जो कि 5 मई को बढ़कर 25.5 प्रतिशत हो गई है. अध्ययन के अनुसार, 20 से 30 वर्ष की आयु के 2 करोड़ 70 लाख युवाओं ने अप्रैल में अपनी नौकरी खो दी है. रिपोर्ट के अनुसार, लॉकडाउन के कारण भारत की शहरी बेरोजगारी दर 30.9 प्रतिशत बढ़ सकती है.

युवाओं के लिए केंद्रीय सरकार की पहल (स्कीम)
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना: सरकार ने 2015 में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की शुरुआत की थी. इसे 2020 तक एक करोड़ों लोगों को कुशल बनाने के लक्ष्य के साथ 2016 में सुधार किया गया था. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2016 से 2020 तक, 73 लाख 47 हजार युवाओं ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त किया है. इन युवाओं में से 16 लाख 61 हजार युवाओं को नौकरी प्रदान की गई है. इसके अलावा, लंबी अवधि के लिए 137 विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण प्राप्त करने की तैयारी की जा रही है.

प्रधानमंत्री मुद्दा योजना
सरकार प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए कम दरों पर ऋण प्रदान करती है. इस योजना में तीन श्रेणियों के तहत ऋण दिए गए हैं. शिशु, किशोर और तरुण. मुद्रा योजना के तहत 50 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक के ऋण उपलब्ध हैं. शिशु ऋण के तहत 50,000 रुपये तक के ऋण उपलब्ध हैं. वहीं, किशोर ऋण के तहत 50 हजार से 5 लाख रुपये तक और तरुण ऋण के तहत 5 लाख से 10 लाख रुपये तक के ऋण दिए जाते हैं. सरकार की महत्वाकांक्षी मुद्रा योजना के तहत अब तक लगभग 11 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं.

कौशल भारत मिशन (5 साल पूरे)
मिशन को कौशल प्रशिक्षण गतिविधियों के संदर्भ में क्षेत्रों और राज्यों में अभिसरण बनाने के लिए विकसित किया गया है. इसके अलावा 'स्किल्ड इंडिया' की दृष्टि को प्राप्त करने के लिए, राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन न केवल कौशल प्रयासों को समेकित और समन्वित करेगा, बल्कि गति और मानकों के साथ स्केलिंग प्राप्त करने के लिए सभी क्षेत्रों में निर्णय लेने में तेजी लाएगा. कौशल भारत मिशन के पीएमकेवीवाई के तहत देश भर में 69.03 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है. पीएमकेवीवाई के तहत 2020 तक एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है. प्रशिक्षित युवाओं में 9,28,884 अनुसूचित जाति (एससी) के हैं और 2,69,054 अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी के हैं.

मेक इन इंडिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निवेश को बढ़ावा देने, नवाचार को बढ़ावा देने, कौशल विकास को बढ़ावा देने, बौद्धिक संपदा की रक्षा करने और वर्ग निर्माण के बुनियादी ढांचे में सर्वश्रेष्ठ निर्माण के लिए 'मेक इन इंडिया' अभियान की शुरुआत की. 'मेक इन इंडिया' ने विनिर्माण, बुनियादी ढांचे और सेवा गतिविधियों में 25 क्षेत्रों की पहचान की है और विस्तृत जानकारी इंटरैक्टिव वेब-पोर्टल और पेशेवर रूप से विकसित ब्रोशर के माध्यम से साझा की जा रही है. एफडीआई को रक्षा उत्पादन, निर्माण और रेलवे के बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर खोला गया है.

मेक इन इंडिया पहल के तहत कुछ प्रमुख उपलब्धियां हैं:
देश के विभिन्न क्षेत्रों में छह औद्योगिक गलियारे विकसित किए जा रहे हैं. इन गलियारों के साथ औद्योगिक शहर भी आएंगे.
भारत 2017-18 के दौरान नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार को निर्यात किए गए बिजली के 7203 एमयू का शुद्ध निर्यातक बन गया है.
तमिलनाडु में सबसे बड़े 648 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र में से एक को 21 सितंबर 2016 को चालू किया गया था.
डब्ल्यूएजीसी3 और डब्ल्यूएजी11 वर्ग के 10,000 और 12,000 एचपी के क्रमशः दो ब्रेकिंग प्रोटोटाइप इंजनों को मौजूदा डीजल लोकोमोटिव को अपग्रेडेड लोकोमोटिव में परिवर्तित करके स्वदेशी रूप से विकसित किया गया था.

आंध्र प्रदेश में एशिया का सबसे बड़ा मेडटेक ज़ोन (एएमटीजेट) स्थापित किया गया है.
जून 2014 से अगस्त 2018 के दौरान 88 कोल्ड चेन प्रोजेक्ट शुरू किए गए, जिससे 3.9 लाख टन की खाद्य प्रसंस्करण क्षमता पैदा हुई.
बरेली, लखनऊ और कच्छ में तीन कपड़ा मेगा क्लस्टर स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे 14505 कारीगरों को लाभ मिल रहा है.

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
इस योजना का लक्ष्य शिक्षा के माध्यम से सामाजिक और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओे भारत सरकार का एक अभियान है, जिसका उद्देश्य भारत में लड़कियों के लिए जागरुकता पैदा करना और कल्याणकारी सेवाओं की दक्षता में सुधार करना है. ये योजना 100 करोड़ की प्रारंभिक निधि के साथ शुरू की गई थी. सरकार ने 2014-15 से 2018-19 तक बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना पर कुल 648 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. इसमें से केवल 159 करोड़ रुपये जिलों और राज्यों को भेजे गए हैं. जन्म के समय लिंग अनुपात (एसआरबी) एफ.वाय के बीच की समय अवधि के लिए पिछले तीन वर्षों के दौरान एमओएचएफडब्ल्यू के एचएमआईएस के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर 926 से 931 हो गया है.

डिजिटल इंडिया मिशन
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसमें भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने की दृष्टि है. नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (एनओएफएन) परियोजना के तहत देश भर में लगभग 2,50,000 ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए उपलब्ध कराई गई कुल 1,34,248 ग्राम पंचायतों को 24.01.2020, राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के अनुसार सेवा के लिए तैयार किया गया है.

स्टार्टअप इंडिया
स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य स्टार्टअप संस्कृति को उत्प्रेरित करना और भारत में नवाचार के साथ-साथ उद्यमिता के लिए एक मजबूत और समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है. 31 दिसंबर 2019 को 555 जिलों में 26,804 स्टार्टअप को डीपीआईआईटी द्वारा स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी गई है. प्रति स्टार्टअप 12 कर्मचारियों की औसत संख्या के साथ 24,848 स्टार्टअप द्वारा 3,06,848 नौकरियों के रोजगार की सूचना दी गई है.

फिट इंडिया मूवमेंट
राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'फिट इंडिया कैंपेन' शुरू किया है. ये एक राष्ट्रव्यापी अभियान है, इसका उद्देश्य लोगों को अपने रोजमर्रा के जीवन में शारीरिक गतिविधि और खेल के लिए प्रोत्साहित करना है. यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों को 'फिट इंडिया मूवमेंट' के लिए तैयार करने के लिए सूचित करने के लिए एक पत्र जारी किया. एक समिति जिसमें सरकारी अधिकारी, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के सदस्य, राष्ट्रीय खेल संघ, निजी संस्थाएं और फिटनेस अधिकारी भी शामिल थे.
फिट इंडिया मूवमेंट पर सरकार को सलाह देने के लिए गठित बुनियादी ढांचा विकास, उपकरण सहायता, कोचों की नियुक्ति, प्रशिक्षकों और प्रशिक्षुओं के प्रशिक्षण के लिए वर्ष 2019-20 के लिए 10.85 करोड़ रुपये की कुल राशि मंजूर की गई. कलरीपायट्टु, गतका और थांग-टा को एक वर्ष की अवधि के लिए प्रति एथलीट 10,000/- प्रति माह की छात्रवृत्ति दी जा रही है. वर्तमान में 185 एथलीट एनएसएफ द्वारा अनुशंसित 1 अक्टूबर 2019 से छात्रवृत्ति प्राप्त कर रहे हैं.

दुनिया की 10 सबसे महत्वपूर्ण युवा हस्तियां

  • मलाला यूसुफजई (लड़कियों की शिक्षा के लिए पाकिस्तानी एक्टिविस्ट)
  • ग्रेटा थुनबर्ग (पर्यावरण एक्टिविस्ट)
  • आनंद कुमार (गणितज्ञ)
  • अरन्या जौहर (सोशल मीडिया सेंसेशन, "ब्राउन गर्ल की गाइड सीरीज़","Brown girl's guide series")
  • अयान चावला (सबसे कम उम्र के सीईओ)
  • रितेश अग्रवाल (ओयो रूम्स के सीईओ)
  • अफरोज शाह (पर्यावरण एक्टिविस्ट)
  • पी.वी. सिंधु (बैडमिंटन खिलाड़ी)
  • अदिति गुप्ता (भारतीय लेखक और मेन्स्त्रुपेडिया कॉमिक की सह-संस्थापक)
  • लक्ष्मी अग्रवाल (सोशल एक्टिविस्ट फाइटिंग एसिड सर्वाइवर)

नई दिल्ली: हमारे देश को युवाओं का देश कहा जाता है. भारत में 35 वर्ष की आयु तक के 65 करोड़ युवा हैं. इसका मतलब की हमारे देश में अधिक जनशक्ति है, लेकिन उन्हें उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता है. ऐसे में युवाओं के लिये अच्छी शिक्षा और सुविधाओं की जरूरत है, ताकि समाज का कल्याण हो सके. देश के निर्माण के लिये, देश की प्रगति के लिये, युवाओं को दुनिया के विकसित राष्ट्रों के साथ खड़े होने के लिये, मेधावी और मेहनती बनना होगा.

अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 17 दिसंबर 1999 को निर्णय लिया था कि, 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाएगा. अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन पहली बार वर्ष 2000 में किया गया. 1985 में संयुक्त राष्ट्र को अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया गया.

जानें, कैसे मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस
संयुक्त राष्ट्र हर साल अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के लिये थीम चुनता है. इस दिन, दुनियाभर में विभिन्न युवा दिवस से संबंधित कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. आमतौर पर ये आयोजन परेड, संगीत, मेले, त्योहार, प्रदर्शनियां आदि होते हैं. संयुक्त राष्ट्र ने संदेश फैलाने के लिये एक संरचित दृष्टिकोण विकसित किया है. इस दिन कई शैक्षिक रेडियो शो, सार्वजनिक बैठकें या फिर विचार-विमर्श किए जाते हैं.

अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस 2020 का संदेश
2020 के अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस की थीम 'यूथ इंगेजमेंट ऑफ ग्लोबल एक्शन' है. ये दिन उन तरीकों को उजागर करने का लक्ष्य है, जिनमें स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विकस्तर पर युवा राष्ट्रीय और बहुपक्षीय संस्थानों और प्रक्रियाओं को समृद्ध कर रहे हैं. इसके साथ ही इस बात का पाठ पढ़ाते हैं कि, औपचारिक संस्थागत राजनीति में उनके प्रतिनिधित्व और योगदान को कैसे बढ़ाया जा सकता है.

आईवायडी 2020 का उद्देश्य
आईवायडी 2020 का उद्देश्य वैश्विक कार्रवाई को प्राप्त करने की अपनी क्षमता को मजबूत करने के उद्देश्य से युवाओं के योगदान को और अधिक सक्षम बनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डालना है. ये तीन परस्पर संबंधित धाराओं के माध्यम से युवा व्यवस्था पर प्रकाश डालता है.

  • स्थानीय/सामुदायिक स्तर पर युवाओं का योगदान.
  • राष्ट्रीय स्तर पर युवा योगदान कानून, नीतियों के निर्माण और उनके कार्यान्वयन की तरह.
  • वैश्विक स्तर पर युवाओं का योगदान.

पढ़ें: केरल के शोधकर्ता के नाम पर श्रीलंका में खोज की गई ट्वीग हॉपर प्रजाति का नाम

सामाजिक मीडिया कैंपिंग
#31DaysfYOUth, एक सोशल मीडिया अभियान है जो अगस्त के महीने में युवाओं के योगदान और उनके शब्दों के प्रसार समेत वैश्विक कार्रवाई के लिए उनके आपस की बातचीत में मदद करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस का नेतृत्व और पालन करेगा.

भारतीय युवाओं पर कोविड19 का प्रभाव
देशव्यापी लॉकडाउन छूट के बावजूद भारत में बेरोजगारी की दर में वृद्धि जारी है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के मुताबिक, 17 मई के आखिर तक बेरोजगारी दर 24 प्रतिशत थी, ये लगभग अप्रैल जैसा ही है यानी 20 अप्रैल से लॉकडाउन की छूट के बावजूद, बेरोजगारी दर प्रभावित नहीं हुई.
सीएमआईई के एक अध्ययन के मुताबिक, देश में बेरोजगारी के आंकड़े भी तेजी से बढ़े हैं. भारत में 21 मार्च को बेरोजगारी दर 7.4 प्रतिशत थी, जो कि 5 मई को बढ़कर 25.5 प्रतिशत हो गई है. अध्ययन के अनुसार, 20 से 30 वर्ष की आयु के 2 करोड़ 70 लाख युवाओं ने अप्रैल में अपनी नौकरी खो दी है. रिपोर्ट के अनुसार, लॉकडाउन के कारण भारत की शहरी बेरोजगारी दर 30.9 प्रतिशत बढ़ सकती है.

युवाओं के लिए केंद्रीय सरकार की पहल (स्कीम)
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना: सरकार ने 2015 में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की शुरुआत की थी. इसे 2020 तक एक करोड़ों लोगों को कुशल बनाने के लक्ष्य के साथ 2016 में सुधार किया गया था. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2016 से 2020 तक, 73 लाख 47 हजार युवाओं ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त किया है. इन युवाओं में से 16 लाख 61 हजार युवाओं को नौकरी प्रदान की गई है. इसके अलावा, लंबी अवधि के लिए 137 विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण प्राप्त करने की तैयारी की जा रही है.

प्रधानमंत्री मुद्दा योजना
सरकार प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए कम दरों पर ऋण प्रदान करती है. इस योजना में तीन श्रेणियों के तहत ऋण दिए गए हैं. शिशु, किशोर और तरुण. मुद्रा योजना के तहत 50 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक के ऋण उपलब्ध हैं. शिशु ऋण के तहत 50,000 रुपये तक के ऋण उपलब्ध हैं. वहीं, किशोर ऋण के तहत 50 हजार से 5 लाख रुपये तक और तरुण ऋण के तहत 5 लाख से 10 लाख रुपये तक के ऋण दिए जाते हैं. सरकार की महत्वाकांक्षी मुद्रा योजना के तहत अब तक लगभग 11 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं.

कौशल भारत मिशन (5 साल पूरे)
मिशन को कौशल प्रशिक्षण गतिविधियों के संदर्भ में क्षेत्रों और राज्यों में अभिसरण बनाने के लिए विकसित किया गया है. इसके अलावा 'स्किल्ड इंडिया' की दृष्टि को प्राप्त करने के लिए, राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन न केवल कौशल प्रयासों को समेकित और समन्वित करेगा, बल्कि गति और मानकों के साथ स्केलिंग प्राप्त करने के लिए सभी क्षेत्रों में निर्णय लेने में तेजी लाएगा. कौशल भारत मिशन के पीएमकेवीवाई के तहत देश भर में 69.03 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है. पीएमकेवीवाई के तहत 2020 तक एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है. प्रशिक्षित युवाओं में 9,28,884 अनुसूचित जाति (एससी) के हैं और 2,69,054 अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी के हैं.

मेक इन इंडिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निवेश को बढ़ावा देने, नवाचार को बढ़ावा देने, कौशल विकास को बढ़ावा देने, बौद्धिक संपदा की रक्षा करने और वर्ग निर्माण के बुनियादी ढांचे में सर्वश्रेष्ठ निर्माण के लिए 'मेक इन इंडिया' अभियान की शुरुआत की. 'मेक इन इंडिया' ने विनिर्माण, बुनियादी ढांचे और सेवा गतिविधियों में 25 क्षेत्रों की पहचान की है और विस्तृत जानकारी इंटरैक्टिव वेब-पोर्टल और पेशेवर रूप से विकसित ब्रोशर के माध्यम से साझा की जा रही है. एफडीआई को रक्षा उत्पादन, निर्माण और रेलवे के बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर खोला गया है.

मेक इन इंडिया पहल के तहत कुछ प्रमुख उपलब्धियां हैं:
देश के विभिन्न क्षेत्रों में छह औद्योगिक गलियारे विकसित किए जा रहे हैं. इन गलियारों के साथ औद्योगिक शहर भी आएंगे.
भारत 2017-18 के दौरान नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार को निर्यात किए गए बिजली के 7203 एमयू का शुद्ध निर्यातक बन गया है.
तमिलनाडु में सबसे बड़े 648 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र में से एक को 21 सितंबर 2016 को चालू किया गया था.
डब्ल्यूएजीसी3 और डब्ल्यूएजी11 वर्ग के 10,000 और 12,000 एचपी के क्रमशः दो ब्रेकिंग प्रोटोटाइप इंजनों को मौजूदा डीजल लोकोमोटिव को अपग्रेडेड लोकोमोटिव में परिवर्तित करके स्वदेशी रूप से विकसित किया गया था.

आंध्र प्रदेश में एशिया का सबसे बड़ा मेडटेक ज़ोन (एएमटीजेट) स्थापित किया गया है.
जून 2014 से अगस्त 2018 के दौरान 88 कोल्ड चेन प्रोजेक्ट शुरू किए गए, जिससे 3.9 लाख टन की खाद्य प्रसंस्करण क्षमता पैदा हुई.
बरेली, लखनऊ और कच्छ में तीन कपड़ा मेगा क्लस्टर स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे 14505 कारीगरों को लाभ मिल रहा है.

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
इस योजना का लक्ष्य शिक्षा के माध्यम से सामाजिक और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओे भारत सरकार का एक अभियान है, जिसका उद्देश्य भारत में लड़कियों के लिए जागरुकता पैदा करना और कल्याणकारी सेवाओं की दक्षता में सुधार करना है. ये योजना 100 करोड़ की प्रारंभिक निधि के साथ शुरू की गई थी. सरकार ने 2014-15 से 2018-19 तक बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना पर कुल 648 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. इसमें से केवल 159 करोड़ रुपये जिलों और राज्यों को भेजे गए हैं. जन्म के समय लिंग अनुपात (एसआरबी) एफ.वाय के बीच की समय अवधि के लिए पिछले तीन वर्षों के दौरान एमओएचएफडब्ल्यू के एचएमआईएस के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर 926 से 931 हो गया है.

डिजिटल इंडिया मिशन
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसमें भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने की दृष्टि है. नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (एनओएफएन) परियोजना के तहत देश भर में लगभग 2,50,000 ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए उपलब्ध कराई गई कुल 1,34,248 ग्राम पंचायतों को 24.01.2020, राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के अनुसार सेवा के लिए तैयार किया गया है.

स्टार्टअप इंडिया
स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य स्टार्टअप संस्कृति को उत्प्रेरित करना और भारत में नवाचार के साथ-साथ उद्यमिता के लिए एक मजबूत और समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है. 31 दिसंबर 2019 को 555 जिलों में 26,804 स्टार्टअप को डीपीआईआईटी द्वारा स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी गई है. प्रति स्टार्टअप 12 कर्मचारियों की औसत संख्या के साथ 24,848 स्टार्टअप द्वारा 3,06,848 नौकरियों के रोजगार की सूचना दी गई है.

फिट इंडिया मूवमेंट
राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'फिट इंडिया कैंपेन' शुरू किया है. ये एक राष्ट्रव्यापी अभियान है, इसका उद्देश्य लोगों को अपने रोजमर्रा के जीवन में शारीरिक गतिविधि और खेल के लिए प्रोत्साहित करना है. यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों को 'फिट इंडिया मूवमेंट' के लिए तैयार करने के लिए सूचित करने के लिए एक पत्र जारी किया. एक समिति जिसमें सरकारी अधिकारी, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के सदस्य, राष्ट्रीय खेल संघ, निजी संस्थाएं और फिटनेस अधिकारी भी शामिल थे.
फिट इंडिया मूवमेंट पर सरकार को सलाह देने के लिए गठित बुनियादी ढांचा विकास, उपकरण सहायता, कोचों की नियुक्ति, प्रशिक्षकों और प्रशिक्षुओं के प्रशिक्षण के लिए वर्ष 2019-20 के लिए 10.85 करोड़ रुपये की कुल राशि मंजूर की गई. कलरीपायट्टु, गतका और थांग-टा को एक वर्ष की अवधि के लिए प्रति एथलीट 10,000/- प्रति माह की छात्रवृत्ति दी जा रही है. वर्तमान में 185 एथलीट एनएसएफ द्वारा अनुशंसित 1 अक्टूबर 2019 से छात्रवृत्ति प्राप्त कर रहे हैं.

दुनिया की 10 सबसे महत्वपूर्ण युवा हस्तियां

  • मलाला यूसुफजई (लड़कियों की शिक्षा के लिए पाकिस्तानी एक्टिविस्ट)
  • ग्रेटा थुनबर्ग (पर्यावरण एक्टिविस्ट)
  • आनंद कुमार (गणितज्ञ)
  • अरन्या जौहर (सोशल मीडिया सेंसेशन, "ब्राउन गर्ल की गाइड सीरीज़","Brown girl's guide series")
  • अयान चावला (सबसे कम उम्र के सीईओ)
  • रितेश अग्रवाल (ओयो रूम्स के सीईओ)
  • अफरोज शाह (पर्यावरण एक्टिविस्ट)
  • पी.वी. सिंधु (बैडमिंटन खिलाड़ी)
  • अदिति गुप्ता (भारतीय लेखक और मेन्स्त्रुपेडिया कॉमिक की सह-संस्थापक)
  • लक्ष्मी अग्रवाल (सोशल एक्टिविस्ट फाइटिंग एसिड सर्वाइवर)
Last Updated : Aug 12, 2020, 11:55 AM IST
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