नई दिल्ली : कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कैबिनेट के उस फैसले का समर्थन किया, जिसके तहत यह कहा गया है कि प्रधानमंत्री, मंत्रियों और सांसदों के वेतन में एक साल के लिए 30 फीसदी की कटौती होगी तथा सांसद निधि को दो साल के लिए निलंबित किया जाएगा.
पत्र में सोनिया ने प्रधानमंत्री को पांच सुझाव दिए हैं. सोनिया ने कहा है कि अगले दो साल तक के लिए कोविड-19 से जुड़ी जानकारी के अलावा टीवी चैनलों और अन्य मीडिया विज्ञापनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया जाए.
दूसरे सुझाव में उन्होंने कहा है कि नई संसद के निर्माण कर्या को फिलहाल स्थगित किया जा सकता है.
तीसरे सुझाव में उन्होंने कहा है कि सरकार के बजट में भी 30 प्रतिशत की कटौती की जानी चाहिए. इससे प्रवासी मजदूरों, एमएसएमई और असंगठित क्षेत्र में कार्यरत लोगों को वित्तीय सुरक्ष प्रदान की जा सकती है.
चौथे सुझाव में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों व अन्य लोगों के विदेश दौरे को स्थगित कर दिया जाए.
पांचवे सुझाव में उन्होंने कहा कि पीएम केयर्स फंड से राशि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में स्थानांतरित कर दी जाए.
केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के मद्देनजर यह फैसला किया है. सरकार के मुताबिक इसकी पेशकश प्रधानमंत्री, मंत्रियों और सांसदों ने कोरोना संकट के मद्देनजर खुद की थी, जिसके बाद कैबिनेट ने इस निर्णय पर मुहर लगाई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने बताया कि सांसदों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती के संदर्भ में अध्यादेश को मंजूरी दी गई. जावड़ेकर ने कहा कि यह कटौती एक अप्रैल 2020 से लागू होगी.
उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और कई राज्यों के राज्यपालों ने भी स्वेच्छा से वेतन में 30 फीसदी में कटौती के लिए पत्र लिखा है.