नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहा है कि कोरोना वायरस के संकट के मद्देनजर निर्माण क्षेत्र से जुड़े कामगारों को कुछ निश्चित राशि की मदद दी जाए.
सोनिया ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायाणसामी को पत्र लिखकर कहा कि कोरोना वायरस के संकट से निबटने के लिए उठाए गए कड़े कदमों का असंगठित क्षेत्र के कामगारों पर बुरा असर पड़ा है और ऐसे में उनकी मदद की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि निर्माण क्षेत्र के कामगारों के कल्याण के लिए बने राज्य बोर्ड के तहत पंजीकृत मजदूरों की मदद के लिए कुछ राशि निर्धारित की जाए.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'निर्माण क्षेत्र नोटबंदी और जीएसटी के कदमों से पहले ही कराह रहा है. ऐसे में कोरोना वायरस की नजह से उत्पन्न हालात के कारण यह संकट और गहराएगा.' सोनिया के मुताबिक, कनाडा समेत कई देशों ने कोरोना वायरस के संकट के बीच आर्थिक योजना सामने रखी है. ऐसे में कागमारों के हित में कदम उठाने की जरूरत है.'
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उन्होंने कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से यह भी कहा कि वो निर्माण क्षेत्र के कामगारों की मदद के संदर्भ में हुई प्रगति के बारे में उन्हें सूचित रखें.
सोनिया ने साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा और उनसे राज्य भवन एवं अन्य सन्निर्माण कल्याण बोर्डों को इमरजेंसी कल्याण उपायों, खासतौर से कंस्ट्रक्शन मजदूरों को सही मजदूरी प्रदान करने का अनुरोध किया.
उन्होंने पीएम मोदी से आग्रह किया कि कोरोना संकट के मद्देनजर निर्माण क्षेत्र से जुड़े कामगरों के लिए आपात कदम उठाए जाएं और कुछ निश्चित राशि की मदद उन्हें दी जाए.
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में सोनिया ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि निर्माण क्षेत्र के कामगारों के कल्याण के लिए बने राज्य बोर्डों ने उपकर के माध्यम से 31 मार्च,2019 तक 49,688 करोड़ रुपये की राशि का संग्रह किया था और इसमें सिर्फ 19,380 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कनाडा का एक उदाहरण भी दिया. उन्होंने पीएम से आग्रह किया, 'असाधारण परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि आप राज्य भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्डों को सलाह दें कि वे संकट में फंसे निर्माण श्रमिकों को आपातकालीन कल्याण उपायों, विशेष रूप से मजदूरी सहायता दें.'
उन्होंने कहा कि निर्माण क्षेत्र से जुड़े कामगारों के लिए आपात कदम उठाए जाएं और कुछ निश्चित राशि की मदद उन्हें दी जाए.