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अमेरिका में मोदी का ये है एजेंडा

पत्रकार स्मिता शर्मा ने अपने आलेख में नरेंद्र मोदी के पूरे अमेरिका दौरे का जिक्र किया है. उन्होंने बताया है कि नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे से दोनों देशों पर क्या प्रभाव होंगे. जानें पूरा विवरण

पीएम मोदी की फाइल फोटो
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Published : Sep 20, 2019, 7:32 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 8:59 AM IST

अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अगले कुछ दिनों में काफी व्यस्त कार्यक्रम है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ साझा मंच, ऊर्जा की बड़ी कंपनियों के साथ बातचीत, जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा आयोजित शिखर सम्मेलन में नीतिगत भाषण और पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा का संबोधन जैसे प्रमुख कार्यक्रमों पर सबकी नजरें टिकी होंगी.

शुक्रवार को पीएम मोदी अमेरिका के लिए रवाना हो रहे हैं. अमेरिका के दो प्रमुख शहरों ह्युस्टन और न्यूयॉर्क में उनका बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. ह्युस्टन को दुनिया का ऊर्जा की राजधानी (एनर्जी कैपिटल) भी कहा जाता है. यहां पहुंचने पर शनिवार को मोदी एक्सोकोनोबिल और बीपी समेत 16 प्रमुख ऊर्जा फर्मों के सीईओ के साथ बैठक करेंगे. पीएम के तौर पर मोदी का यह चौथा अमेरिकी दौरा है.

बैठक से पहले विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा, 'भारत और अमेरिका के बीच बढ़ रहे व्यापार में ऊर्जा प्रमुख घटक के रूप में सामने आया है. हम अमेरिका से लगभग चार बिलि. डॉलर तेल और गैस का आयात करते हैं. और यहां इन कंपनियों के साथ बैठक होने का मतलब है कि हम दिखाना चाहते हैं कि भारत ना सिर्फ एक महत्वपूर्ण बाजार है, बल्कि निवेश और अन्य आर्थिक अवसरों पर भी चर्चा करेंगे.'

22 सितंबर यानि रविवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पीएम मोदी के साथ बहुप्रतीक्षित हाउडी मोदी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. इसका आयोजन प्रवासी भारतीय समुदाय ने किया है. तकरीबन 50 हजार भारतीय-अमेरिकी इसमें हिस्सा लेंगे. पहली बार कोई वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति किसी भारतीय पीएम की रैली में शामिल हो रहा है. यह भारतीय समुदाय के बढ़ते राजनीति प्रभाव को दर्शाता है.

वैसे पीएम मोदी जब भी बाहर जाते हैं, तो भारतीय समुदाय को संबोधित करते हैं. यह उनका ट्रेडमार्क बन चुका है. ह्युस्टन से पहले मोदी मैडिसन स्कॉयर (2014) और सन जोस (2015) में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित कर चुके हैं.

विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने मीडिया को बताया, 'मैं इसे भारतीय अमेरिकी समुदाय की एक बड़ी उपलब्धि के रूप में मानता हूं कि यदि आज इतने बड़े पैमाने पर वहां कार्यक्रम हो रहा है और इसमें राष्ट्रपति ट्रंप जैसे व्यक्ति आ रहे हैं, मुझे लगता है कि यह वास्तव में दिखाता है कि हमारा समुदाय कहां तक पहुंच चुका है.'

2015 के बाद दूसरी बार पीएम मोदी जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे. इसका आयोजन संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस कर रहे हैं.

भारत का सतत विकास लक्ष्य, जलवायु परिवर्तन, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आकांक्षाएं और अपेक्षाएं प्रमुख विषय होंगे. इसके बाद पीएम मोदी यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज शिखर सम्मेलन में आयुष्मान भारत योजना पर प्रकाश डालेंगे. इसका भी आयोजन एंटोनियो गुटेरेस ने ही किया है.

मोदी आतंकवादियों और हिंसक चरमपंथी कथाओं के लिए रणनीतिक प्रतिक्रियाओं पर भी अपनी राय रखेंगे. इस बैठक को संयुक्त रूप से होस्ट किया गया है. इसमें जॉर्डन के राजा, फ्रांसीसी राष्ट्रपति, न्यूजीलैंड के पीएम और संयुक्त राष्ट्र महासचिव भी हिस्सा ले रहे हैं. साथ ही जर्मन चांसलर मैर्केल, केन्या और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी शिरकत करेंगे.

गौरतलब है कि मोदी ने मालदीव और श्रीलंका के हाले के दौरे पर आतंकवाद निरोध पर वैश्विक नेतृत्व शिखर सम्मेलन को संबोधित किया था.

मोदी और ट्रम्प के बीच अलग से बिग ऐप्पल में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक प्रस्तावित है.

इसी साल मोदी और ट्रंप के बीच जी 20 ओसाका शिखर सम्मेलन और जी 7 बियारिज सम्मेलन के दौरान अलग से बैठक हुई थी. दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग के अलावा पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे भी मुद्दे हैं.

यूएन में गांधी की 150 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए गांधी की प्रासंगिकता पर आयोजित एक कार्यक्रम में कोरियाई राष्ट्रपति, सिंगापुर, न्यूजीलैंड, बांग्लादेश और जमैका के प्रधानमंत्रियों के साथ-साथ गुटेरेस भी हिस्सा लेंगे.

संयुक्त राष्ट्र की छत पर एक सौर पैनल की स्थापना की जाएगी. यहां गांधी सोलर पार्क का शुभारंभ होगा. भारत ने एक मि. डॉलर का अनुदान अक्षय ऊर्जा के लिए यूएन को दिया था, उसी पैसे से यह बनेगा.
वेस्टबरी के न्यूयॉर्क कैंपस स्टेट यूनिवर्सिटी में गांधी शांति उद्यान का रिमोट उद्घाटन किया जाएगा. यहां गांधी के सम्मान में 150 पेड़ लगाए गए हैं.
उसी दिन बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन लिंकन में पीएम मोदी को ग्लोबल गोलकीपर के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पुरस्कार प्रदान करेगा. यह अवार्ड हर साल किसी बड़ी हस्ती को दिया जाता है. पिछली बार नॉर्वे के पीएम सोलबर्ग और लाइबेरिया के राष्ट्रपति सिलेफ जॉनसन को यह पुरस्कार दिया गया था.
इस साल गेट्स फाउंडेशन उनके लिए प्रधानमंत्री मोदी को सम्मानित कर रहा है. विजय गोखले ने कहा कि यह सम्मान स्वच्छ भारत अभियान में उनके योगदान के लिए दिया जा रहा है.

25 सितंबर को मोदी ब्लूमबर्ग के उद्घाटन समारोह में मुख्य भाषण देंगे. ब्लूमबर्ग न्यूयॉर्क के तीन बार मेयर रह चुके हैं.

इस कार्यक्रम के बाद 40 प्रमुख कंपनियों के प्रमुख प्रतिनिधियों के साथ निवेश और व्यवसाय योजना पर बातचीत होगी. इन कंपनियों में जेपी मॉर्गन, बैंक ऑफ अमेरिका, मास्टरकार्ड, वॉलमार्ट शामिल हैं. यह निवेश गोलमेज सम्मेलन है.

2014 के बाद दूसरी बार पीएम मोदी 27 सितंबर को उच्च स्तरीय सेगमेंट में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे. वैश्विक राजनीति के केंद्र में बहुपक्षीय सुधार का आह्वान उनके भाषण की कुंजी होगी.

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान भी कश्मीर पर अपना झूठ प्रचारित करने का प्रयास करेंगे. वह घाटी और अनुच्छेद 370 दोनों मुद्दे को उठा सकते हैं. वैसे भारत का इस मुद्दे पर स्टैंड बिल्कुल साफ है. कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है.

विदेश सचिव ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि हमारा फोकस कई मुद्दों में से एक आतंकवाद पर है, लेकिन यह मुद्दा केन्द्र में नहीं होगा. उनके अनुसार फोकस यह होगा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की भूमिका क्या हो सकती है. प्रधान मंत्री इस संबंध में अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे,

यह पूछे जाने पर कि कश्मीर पर पाकिस्तानी बयानबाजी के लिए महासभा में भारत का क्या काउंटर होगा. संयुक्त राष्ट्र में भारतीय स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने जवाब दिया, 'वे किसी भी हद तक नीचे गिर सकते हैं, लेकिन हम ऊंची उड़ान भरते हैं. वे जो भी करना चाहते हैं, वो करें.' उन्होंने कहा कि हमने अतीत में देखा है कि वो कैसे आतंकवाद को मुख्य धारा में ला चुके हैं और अब अभद्र भाषा को भी मुख्यधारा में लाना चाहते हैं.

न्यूयॉर्क में मोदी 24 सितंबर को को इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स स्टेट्स लीडर्स समिट में भाग लेंगे. 14 कैरेबियाई देशों के शीर्ष नेताओं के साथ शिखर बैठक का आयोजन किया गया है. मोदी इसमें भी हिस्सा लेंगे.

भारत आपदा रोधी संरचना के लिए गठबंधन की घोषणा करेगा. इसमें उन देशों को शामिल किया जाएगा, जिनके पास अनुभव, तकनीक, वित्तीय क्षमता है. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन भी इसमें शामिल होंगे.

इस अवधि के दौरान नाम, सार्क, कॉमनवेल्थ देशों के साथ चर्चा होगी.

(लेखक- स्मिता शर्मा)

अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अगले कुछ दिनों में काफी व्यस्त कार्यक्रम है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ साझा मंच, ऊर्जा की बड़ी कंपनियों के साथ बातचीत, जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा आयोजित शिखर सम्मेलन में नीतिगत भाषण और पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा का संबोधन जैसे प्रमुख कार्यक्रमों पर सबकी नजरें टिकी होंगी.

शुक्रवार को पीएम मोदी अमेरिका के लिए रवाना हो रहे हैं. अमेरिका के दो प्रमुख शहरों ह्युस्टन और न्यूयॉर्क में उनका बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. ह्युस्टन को दुनिया का ऊर्जा की राजधानी (एनर्जी कैपिटल) भी कहा जाता है. यहां पहुंचने पर शनिवार को मोदी एक्सोकोनोबिल और बीपी समेत 16 प्रमुख ऊर्जा फर्मों के सीईओ के साथ बैठक करेंगे. पीएम के तौर पर मोदी का यह चौथा अमेरिकी दौरा है.

बैठक से पहले विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा, 'भारत और अमेरिका के बीच बढ़ रहे व्यापार में ऊर्जा प्रमुख घटक के रूप में सामने आया है. हम अमेरिका से लगभग चार बिलि. डॉलर तेल और गैस का आयात करते हैं. और यहां इन कंपनियों के साथ बैठक होने का मतलब है कि हम दिखाना चाहते हैं कि भारत ना सिर्फ एक महत्वपूर्ण बाजार है, बल्कि निवेश और अन्य आर्थिक अवसरों पर भी चर्चा करेंगे.'

22 सितंबर यानि रविवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पीएम मोदी के साथ बहुप्रतीक्षित हाउडी मोदी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. इसका आयोजन प्रवासी भारतीय समुदाय ने किया है. तकरीबन 50 हजार भारतीय-अमेरिकी इसमें हिस्सा लेंगे. पहली बार कोई वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति किसी भारतीय पीएम की रैली में शामिल हो रहा है. यह भारतीय समुदाय के बढ़ते राजनीति प्रभाव को दर्शाता है.

वैसे पीएम मोदी जब भी बाहर जाते हैं, तो भारतीय समुदाय को संबोधित करते हैं. यह उनका ट्रेडमार्क बन चुका है. ह्युस्टन से पहले मोदी मैडिसन स्कॉयर (2014) और सन जोस (2015) में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित कर चुके हैं.

विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने मीडिया को बताया, 'मैं इसे भारतीय अमेरिकी समुदाय की एक बड़ी उपलब्धि के रूप में मानता हूं कि यदि आज इतने बड़े पैमाने पर वहां कार्यक्रम हो रहा है और इसमें राष्ट्रपति ट्रंप जैसे व्यक्ति आ रहे हैं, मुझे लगता है कि यह वास्तव में दिखाता है कि हमारा समुदाय कहां तक पहुंच चुका है.'

2015 के बाद दूसरी बार पीएम मोदी जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे. इसका आयोजन संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस कर रहे हैं.

भारत का सतत विकास लक्ष्य, जलवायु परिवर्तन, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आकांक्षाएं और अपेक्षाएं प्रमुख विषय होंगे. इसके बाद पीएम मोदी यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज शिखर सम्मेलन में आयुष्मान भारत योजना पर प्रकाश डालेंगे. इसका भी आयोजन एंटोनियो गुटेरेस ने ही किया है.

मोदी आतंकवादियों और हिंसक चरमपंथी कथाओं के लिए रणनीतिक प्रतिक्रियाओं पर भी अपनी राय रखेंगे. इस बैठक को संयुक्त रूप से होस्ट किया गया है. इसमें जॉर्डन के राजा, फ्रांसीसी राष्ट्रपति, न्यूजीलैंड के पीएम और संयुक्त राष्ट्र महासचिव भी हिस्सा ले रहे हैं. साथ ही जर्मन चांसलर मैर्केल, केन्या और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी शिरकत करेंगे.

गौरतलब है कि मोदी ने मालदीव और श्रीलंका के हाले के दौरे पर आतंकवाद निरोध पर वैश्विक नेतृत्व शिखर सम्मेलन को संबोधित किया था.

मोदी और ट्रम्प के बीच अलग से बिग ऐप्पल में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक प्रस्तावित है.

इसी साल मोदी और ट्रंप के बीच जी 20 ओसाका शिखर सम्मेलन और जी 7 बियारिज सम्मेलन के दौरान अलग से बैठक हुई थी. दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग के अलावा पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे भी मुद्दे हैं.

यूएन में गांधी की 150 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए गांधी की प्रासंगिकता पर आयोजित एक कार्यक्रम में कोरियाई राष्ट्रपति, सिंगापुर, न्यूजीलैंड, बांग्लादेश और जमैका के प्रधानमंत्रियों के साथ-साथ गुटेरेस भी हिस्सा लेंगे.

संयुक्त राष्ट्र की छत पर एक सौर पैनल की स्थापना की जाएगी. यहां गांधी सोलर पार्क का शुभारंभ होगा. भारत ने एक मि. डॉलर का अनुदान अक्षय ऊर्जा के लिए यूएन को दिया था, उसी पैसे से यह बनेगा.
वेस्टबरी के न्यूयॉर्क कैंपस स्टेट यूनिवर्सिटी में गांधी शांति उद्यान का रिमोट उद्घाटन किया जाएगा. यहां गांधी के सम्मान में 150 पेड़ लगाए गए हैं.
उसी दिन बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन लिंकन में पीएम मोदी को ग्लोबल गोलकीपर के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पुरस्कार प्रदान करेगा. यह अवार्ड हर साल किसी बड़ी हस्ती को दिया जाता है. पिछली बार नॉर्वे के पीएम सोलबर्ग और लाइबेरिया के राष्ट्रपति सिलेफ जॉनसन को यह पुरस्कार दिया गया था.
इस साल गेट्स फाउंडेशन उनके लिए प्रधानमंत्री मोदी को सम्मानित कर रहा है. विजय गोखले ने कहा कि यह सम्मान स्वच्छ भारत अभियान में उनके योगदान के लिए दिया जा रहा है.

25 सितंबर को मोदी ब्लूमबर्ग के उद्घाटन समारोह में मुख्य भाषण देंगे. ब्लूमबर्ग न्यूयॉर्क के तीन बार मेयर रह चुके हैं.

इस कार्यक्रम के बाद 40 प्रमुख कंपनियों के प्रमुख प्रतिनिधियों के साथ निवेश और व्यवसाय योजना पर बातचीत होगी. इन कंपनियों में जेपी मॉर्गन, बैंक ऑफ अमेरिका, मास्टरकार्ड, वॉलमार्ट शामिल हैं. यह निवेश गोलमेज सम्मेलन है.

2014 के बाद दूसरी बार पीएम मोदी 27 सितंबर को उच्च स्तरीय सेगमेंट में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे. वैश्विक राजनीति के केंद्र में बहुपक्षीय सुधार का आह्वान उनके भाषण की कुंजी होगी.

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान भी कश्मीर पर अपना झूठ प्रचारित करने का प्रयास करेंगे. वह घाटी और अनुच्छेद 370 दोनों मुद्दे को उठा सकते हैं. वैसे भारत का इस मुद्दे पर स्टैंड बिल्कुल साफ है. कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है.

विदेश सचिव ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि हमारा फोकस कई मुद्दों में से एक आतंकवाद पर है, लेकिन यह मुद्दा केन्द्र में नहीं होगा. उनके अनुसार फोकस यह होगा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की भूमिका क्या हो सकती है. प्रधान मंत्री इस संबंध में अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे,

यह पूछे जाने पर कि कश्मीर पर पाकिस्तानी बयानबाजी के लिए महासभा में भारत का क्या काउंटर होगा. संयुक्त राष्ट्र में भारतीय स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने जवाब दिया, 'वे किसी भी हद तक नीचे गिर सकते हैं, लेकिन हम ऊंची उड़ान भरते हैं. वे जो भी करना चाहते हैं, वो करें.' उन्होंने कहा कि हमने अतीत में देखा है कि वो कैसे आतंकवाद को मुख्य धारा में ला चुके हैं और अब अभद्र भाषा को भी मुख्यधारा में लाना चाहते हैं.

न्यूयॉर्क में मोदी 24 सितंबर को को इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स स्टेट्स लीडर्स समिट में भाग लेंगे. 14 कैरेबियाई देशों के शीर्ष नेताओं के साथ शिखर बैठक का आयोजन किया गया है. मोदी इसमें भी हिस्सा लेंगे.

भारत आपदा रोधी संरचना के लिए गठबंधन की घोषणा करेगा. इसमें उन देशों को शामिल किया जाएगा, जिनके पास अनुभव, तकनीक, वित्तीय क्षमता है. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन भी इसमें शामिल होंगे.

इस अवधि के दौरान नाम, सार्क, कॉमनवेल्थ देशों के साथ चर्चा होगी.

(लेखक- स्मिता शर्मा)

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Last Updated : Oct 1, 2019, 8:59 AM IST
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