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दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को मिली 6 महीने कैद की सजा, जानें पूरा मामला

दिल्ली के एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने सभी आरोपियों को 11 अक्टूबर को दोषी करार दिया था. सुनवाई के दौरान रामनिवास गोयल ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया था. जानें पूरा मामला

दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल
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Published : Oct 18, 2019, 4:54 PM IST

नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 2015 में एक बिल्डर के घर में घुसकर हमला करने और उत्पात मचाने के आरोप में दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को 6 महीने की सजा सुनाई है. कोर्ट ने रामनिवास गोयल समेत सभी पांच आरोपियों को हाईकोर्ट में अपील करने तक के लिए जमानत भी दे दी.

आरोप को नकारते रहे गोयल
एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने सभी आरोपियों को 11 अक्टूबर को दोषी करार दिया था. सुनवाई के दौरान रामनिवास गोयल ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया था. गोयल के वकील मोहम्मद इरशाद ने कहा था कि ये एक अनोखा मामला है जहां आरोपियों को छोड़ दिया गया और जिन्होंने शिकायत की उन्हें आरोपी बना दिया गया.

उन्होंने कहा कि असल में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य शराब को नष्ट कर रहे थे और गोयल ने पुलिस से इसकी शिकायत की थी. पुलिस को कई बार कॉल किया गया लेकिन उसने एक बार भी जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा था कि हमारा मकसद था कि शराब को बांटने से रोका जाए. मौके पर पुलिस और एसडीएम मौजूद थे. यहां तक कि घर के सदस्य भी मौजूद थे. तब ये अनाधिकृत प्रवेश कैसे हुआ. मौके से शराब की बोतलों के अलावा बीजेपी की चुनाव प्रचार सामग्री भी मिली है. इससे साबित होता है कि चुनाव के दौरान गलत काम किए गए.

2015 में हुई थी FIR
पुलिस ने विवेक विहार के स्थानीय बिल्डर मनीष घई की शिकायत पर 6 फरवरी 2015 को AAP के शाहदरा के विधायक और वर्तमान विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल और उनके समर्थकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.बता दें कि 7 फरवरी 2015 को दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए थे. एफआईआर के मुताबिक गोयल ने घई को शराब और कंबल रखने के आरोप में घर में अवैध रुप से छापा मारा था. इन आरोपों को गोयल ने ये कहते हुए खारिज किया था कि वे जब बिल्डर के घर गए थे तो उनके साथ स्थानीय पुलिस, एसएचओ और एसीपी मौजूद थे.

नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 2015 में एक बिल्डर के घर में घुसकर हमला करने और उत्पात मचाने के आरोप में दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को 6 महीने की सजा सुनाई है. कोर्ट ने रामनिवास गोयल समेत सभी पांच आरोपियों को हाईकोर्ट में अपील करने तक के लिए जमानत भी दे दी.

आरोप को नकारते रहे गोयल
एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने सभी आरोपियों को 11 अक्टूबर को दोषी करार दिया था. सुनवाई के दौरान रामनिवास गोयल ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया था. गोयल के वकील मोहम्मद इरशाद ने कहा था कि ये एक अनोखा मामला है जहां आरोपियों को छोड़ दिया गया और जिन्होंने शिकायत की उन्हें आरोपी बना दिया गया.

उन्होंने कहा कि असल में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य शराब को नष्ट कर रहे थे और गोयल ने पुलिस से इसकी शिकायत की थी. पुलिस को कई बार कॉल किया गया लेकिन उसने एक बार भी जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा था कि हमारा मकसद था कि शराब को बांटने से रोका जाए. मौके पर पुलिस और एसडीएम मौजूद थे. यहां तक कि घर के सदस्य भी मौजूद थे. तब ये अनाधिकृत प्रवेश कैसे हुआ. मौके से शराब की बोतलों के अलावा बीजेपी की चुनाव प्रचार सामग्री भी मिली है. इससे साबित होता है कि चुनाव के दौरान गलत काम किए गए.

2015 में हुई थी FIR
पुलिस ने विवेक विहार के स्थानीय बिल्डर मनीष घई की शिकायत पर 6 फरवरी 2015 को AAP के शाहदरा के विधायक और वर्तमान विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल और उनके समर्थकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.बता दें कि 7 फरवरी 2015 को दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए थे. एफआईआर के मुताबिक गोयल ने घई को शराब और कंबल रखने के आरोप में घर में अवैध रुप से छापा मारा था. इन आरोपों को गोयल ने ये कहते हुए खारिज किया था कि वे जब बिल्डर के घर गए थे तो उनके साथ स्थानीय पुलिस, एसएचओ और एसीपी मौजूद थे.

Intro:नई दिल्ली । दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 2015 में एक बिल्डर के घर में अनाधिकृत रुप से घुसकर हमला करने और उत्पात मचाने के मामले में दोषी करार दिए गए दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल को छह महीने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने रामनिवास गोयल समेत सभी पांच आरोपियों को हाईकोर्ट में अपील करने तक के लिए जमानत भी दे दी।



Body:एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने सभी आरोपियों को 11 अक्टूबर को दोषी करार दिया था। सुनवाई के दौरान रामनिवास गोयल ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया था। 
गोयल के वकील मोहम्मद इरशाद ने कहा था कि ये एक अनोखा मामला है जहां आरोपियों को छोड़ दिया गया और जिन्होंने शिकायत की उन्हें आरोपी बना दिया गया। उन्होंने कहा कि असल में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य शराब को नष्ट कर रहे थे और गोयल ने पुलिस से इसकी शिकायत की थी। पुलिस को कई बार कॉल किया गया लेकिन उसने एक बार भी जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा था कि हमारा मकसद था कि शराब को बांटने से रोका जाए। मौके पर पुलिस और एसडीएम मौजूद थे। यहां तक कि घर के सदस्य भी मौजूद थे। तब ये अनाधिकृत प्रवेश कैसे हुआ।  मौके से शराब की बोतलों के अलावा बीजेपी के चुनाव प्रचार सामग्री मिली। इससे साबित होता है कि चुनाव के दौरान गलत काम किए गए।



Conclusion:पुलिस ने विवेक विहार के स्थानीय बिल्डर मनीष घई की शिकायत पर 6 फरवरी 2015 को आप के शाहदरा के विधायक और वर्तमान विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल और उनके समर्थकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। आपको बता दें कि 7 फरवरी 2015 को ही दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए थे। एफआईआर के मुताबिक गोयल ने घई के शराब और कंबल रखने के आरोप में घर में अवैध रुप से छापा मारा था । इन आरोपों को गोयल ने ये कहते हुए खारिज किया था कि वे जब बिल्डर के घर गए थे तो उनके साथ स्थानीय पुलिस, एसएचओ और एसीपी मौजूद थे ।
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