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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 70 हजार करोड़ रुपये की पूंजी देगी सरकार

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Published : Aug 24, 2019, 12:12 AM IST

Updated : Sep 28, 2019, 1:38 AM IST

देश की अर्थव्यवस्था इस समय पांचवें स्थान से सातवें स्थान पर आ गई है. अर्थव्यवस्था को लेकर पूरे भारत में हल्ला मचा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की अर्थव्यस्था को लेकर आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की. पढ़ें पूरी खबर...

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को घोषणा की कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शुरुआत में ही 70 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी. बैंक में पूंजी की उपलब्धता को सुधारने और कर्ज देने की क्षमता को बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है.

सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस कदम से बैंक वित्तीय प्रणाली में पांच लाख करोड़ रुपये तक की नकदी जारी करने में सक्षम हो सकेंगे.

वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों ने रिजर्व बैंक की ओर से रेपो दर में कटौती का फायदा ग्राहकों को पहुंचाने का फैसला किया है. इसके लिए बैंकों ने अपनी सीमांत लागत आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) में कटौती की है.

सीतारमण ने कहा कि बैंक रेपो दर और बाहरी मानक से जुड़ी दर पर कर्ज उत्पाद पेश करेंगे. इससे आवास , वाहन और अन्य खुदरा कर्ज की मासिक किस्त (ईएमआई) में कमी आएगी.

उन्होंने कहा कि उद्योगों के लिए कार्यशील पूंजी ऋण भी सस्ता हो जाएगा.

पढ़ेंः मंदी को थामने के लिए वित्त मंत्री ने किए कई ऐलान, अर्थव्यवस्था को मिलेगी राहत

वित्त मंत्री ने बताया कि ग्राहकों का उत्पीड़न कम करने के लिए सरकारी बैंक कर्ज समाप्त होने के 15 दिन के भीतर ऋण दस्तावेजों की वापसी सुनिश्चित करेंगे. इससे उन लेनदारों को फायदा मिलेगा जो अपनी संपत्ति गिरवी रखते हैं.

(पीटीआई इनपुट)

नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को घोषणा की कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शुरुआत में ही 70 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी. बैंक में पूंजी की उपलब्धता को सुधारने और कर्ज देने की क्षमता को बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है.

सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस कदम से बैंक वित्तीय प्रणाली में पांच लाख करोड़ रुपये तक की नकदी जारी करने में सक्षम हो सकेंगे.

वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों ने रिजर्व बैंक की ओर से रेपो दर में कटौती का फायदा ग्राहकों को पहुंचाने का फैसला किया है. इसके लिए बैंकों ने अपनी सीमांत लागत आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) में कटौती की है.

सीतारमण ने कहा कि बैंक रेपो दर और बाहरी मानक से जुड़ी दर पर कर्ज उत्पाद पेश करेंगे. इससे आवास , वाहन और अन्य खुदरा कर्ज की मासिक किस्त (ईएमआई) में कमी आएगी.

उन्होंने कहा कि उद्योगों के लिए कार्यशील पूंजी ऋण भी सस्ता हो जाएगा.

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वित्त मंत्री ने बताया कि ग्राहकों का उत्पीड़न कम करने के लिए सरकारी बैंक कर्ज समाप्त होने के 15 दिन के भीतर ऋण दस्तावेजों की वापसी सुनिश्चित करेंगे. इससे उन लेनदारों को फायदा मिलेगा जो अपनी संपत्ति गिरवी रखते हैं.

(पीटीआई इनपुट)

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Last Updated : Sep 28, 2019, 1:38 AM IST
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