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सीतारमण ने छोटे राजनीतिक कार्यकाल में हासिल की बड़ी उपलब्धि

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Published : Jul 7, 2019, 1:53 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छोटे राजनीतिक कार्यकराल में बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है. आइये जानते हैं देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री के बारे में कुछ खास बातें......

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपेक्षाकृत अपने छोटे राजनीतिक कार्यकाल में ऐसी मंजिलें हासिल की हैं जहां पहुंचने में अनेक दिग्गज राजनीतिज्ञों को लंबा जीवन खपाना पड़ता है. थोड़े समय में भारत जैसे देश के लिए रक्षा (शक्ति) और वित्त (ऐश्वर्य) के प्रबंध की जिम्मेदारी मिलना किसी भी व्यक्ति के लिये बड़ी उपलब्धि है.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)

सीतारमण से पहले 1970-71 में प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी ने वित्त मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाली थी.

अपने पहले बजट में नई सोच और साहस का परिचय देते हुए सीतारमण ने पहली बार भारत सरकार के ट्रेजरी बांड को विदेशों में बेचकर धन जुटाने की घोषणा की है.

उन्होंने शालीनता का परिचय देते हुए परंपरा से हटकर चमड़े के बैग के बजाए लाल रंग के कपड़े से बने बस्ते में ही बजट दस्तावेज लाना बेहतर समझा. उन्होंने इस बारे में कहा, 'यह अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही परंपरा है. इसके बजाए हमें भारतीय तौर-तरीकों को अपनाना चाहिए. भारतीय परंपरा में बही-खातों की भी पूजा की जाती है.'

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में बतौर उनके रक्षा मंत्री रहते पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर जवाबी हमले हों या रक्षा उपकरणों की खरीद, सीतारमण ने राजनीति में महिला सशक्तिकरण की नयी परिभाषा गढ़ी और मोदी सरकार के ओजस्वी, कार्यकुशल और साहसी केंद्रीय मंत्रियों में अपनी जगह बनाई है.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)

पढ़ें: 6 दिनों में 81,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने की अमरनाथ यात्रा

तमिलनाडु के मदुरै में 18 अगस्त 1959 को जन्मीं सीतारमण को ऐसे नाजुक समय में वित्त मंत्री बनाया गया जब वैश्विक स्तर पर अमेरिका- चीन के बीच व्यापार युद्ध के कारण सुस्ती और नव-संरक्षणवाद पर जोर बढ़ रहा है.

अर्थशास्त्र की छात्रा रही निर्मला सीतारमण ने अपने पहले बजट में नई सोच और साहस का परिचय दिया है। उन्होंने पहली बार भारत सरकार के ट्रेजरी बांड को विदेशों में बेचकर धन जुटाने का साहस दिखाकर देश के वित्तीय क्षेत्र में भी 'बालाकोट' जैसा इतिहास जोड़ा है. यह निर्णय दिखाता है कि वित्त मंत्री व्यापार युद्ध और नव-संरक्षणवाद के वर्तमान दौर में भी रुपये की वैश्विक स्थिरता को लेकर आत्मविश्वास से भरी हैं.

उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में सीतारमण के रक्षा मंत्री रहते हुए जम्मू कश्मीर में पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादियों के खिलाफ हवाई हमले किये थे.

सीतारमण ने तिरुचिरपल्ली के सीतालक्ष्मी रामस्वामी कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक और देश के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से अर्थशास्त्र में एम.फिल की डिग्री हासिल की है.

उन्होंने महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा जैसे भाजपा शासित राज्यों में आसन्न चुनाव के बावजूद डीजल और पेट्रोल पर बजट में शुल्क बढ़ाकर राजकोषीय अनुशासन को प्राथमिकता दी है.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)
बजट बाद एक साक्षात्कार में सीतारमण ने कहा, 'मैं हूं तो नियमों का पूर्ण अनुपालन किया जाएगा... राजकोषीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) कानून है और मुझे उसका अनुपालन करना ही है. बजट में राजकोषीय घाटे को 3.3 प्रतिशत पर सीमित रखने का लक्ष्य है.'

वित्त मंत्री ने उद्योगों की मांग और अनुमानों के विपरीत सोने पर शुल्क 10 से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया. उन्होंने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से पहले के उत्पाद एवं सेवा कर से जुड़े मुकदमों में फंसे करीब 4 लाख करोड़ रुपये के कर की वसूली के लिये विरासती विवाद समाधान योजना पेश की है. इसके अलावा एक तरफ धनाढ्यों पर कर बढ़ाकर तथा दूसरी तरफ व्यापारियों एवं कृषकों के लिये कल्याणकारी योजनाओं पर व्यय में वृद्धि कर गांव, गरीब एवं किसान की मोदी सरकार की छवि को और निखारा है.

उन्हें तीन सितंबर 2017 को नरेंद्र मोदी की सरकार में रक्षा मंत्री बनाया गया था। इससे पहले 2014 में उन्होंने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभाला था. यह प्रभार संभालने से पहले वह सुषमा स्वराज के बाद पार्टी की दूसरी महिला प्रवक्ता रहीं.

कर्नाटक से राज्यसभा की सदस्य सीतारमण 2008 में भाजपा में शामिल हुई थीं और उन्हें 2014 में नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में कनिष्ठ मंत्री के तौर पर जगह दी गई. इसके अलावा वह 2003 से 2005 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रह चुकी हैं.

नई दिल्ली: देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपेक्षाकृत अपने छोटे राजनीतिक कार्यकाल में ऐसी मंजिलें हासिल की हैं जहां पहुंचने में अनेक दिग्गज राजनीतिज्ञों को लंबा जीवन खपाना पड़ता है. थोड़े समय में भारत जैसे देश के लिए रक्षा (शक्ति) और वित्त (ऐश्वर्य) के प्रबंध की जिम्मेदारी मिलना किसी भी व्यक्ति के लिये बड़ी उपलब्धि है.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)

सीतारमण से पहले 1970-71 में प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी ने वित्त मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाली थी.

अपने पहले बजट में नई सोच और साहस का परिचय देते हुए सीतारमण ने पहली बार भारत सरकार के ट्रेजरी बांड को विदेशों में बेचकर धन जुटाने की घोषणा की है.

उन्होंने शालीनता का परिचय देते हुए परंपरा से हटकर चमड़े के बैग के बजाए लाल रंग के कपड़े से बने बस्ते में ही बजट दस्तावेज लाना बेहतर समझा. उन्होंने इस बारे में कहा, 'यह अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही परंपरा है. इसके बजाए हमें भारतीय तौर-तरीकों को अपनाना चाहिए. भारतीय परंपरा में बही-खातों की भी पूजा की जाती है.'

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में बतौर उनके रक्षा मंत्री रहते पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर जवाबी हमले हों या रक्षा उपकरणों की खरीद, सीतारमण ने राजनीति में महिला सशक्तिकरण की नयी परिभाषा गढ़ी और मोदी सरकार के ओजस्वी, कार्यकुशल और साहसी केंद्रीय मंत्रियों में अपनी जगह बनाई है.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)

पढ़ें: 6 दिनों में 81,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने की अमरनाथ यात्रा

तमिलनाडु के मदुरै में 18 अगस्त 1959 को जन्मीं सीतारमण को ऐसे नाजुक समय में वित्त मंत्री बनाया गया जब वैश्विक स्तर पर अमेरिका- चीन के बीच व्यापार युद्ध के कारण सुस्ती और नव-संरक्षणवाद पर जोर बढ़ रहा है.

अर्थशास्त्र की छात्रा रही निर्मला सीतारमण ने अपने पहले बजट में नई सोच और साहस का परिचय दिया है। उन्होंने पहली बार भारत सरकार के ट्रेजरी बांड को विदेशों में बेचकर धन जुटाने का साहस दिखाकर देश के वित्तीय क्षेत्र में भी 'बालाकोट' जैसा इतिहास जोड़ा है. यह निर्णय दिखाता है कि वित्त मंत्री व्यापार युद्ध और नव-संरक्षणवाद के वर्तमान दौर में भी रुपये की वैश्विक स्थिरता को लेकर आत्मविश्वास से भरी हैं.

उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में सीतारमण के रक्षा मंत्री रहते हुए जम्मू कश्मीर में पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादियों के खिलाफ हवाई हमले किये थे.

सीतारमण ने तिरुचिरपल्ली के सीतालक्ष्मी रामस्वामी कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक और देश के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से अर्थशास्त्र में एम.फिल की डिग्री हासिल की है.

उन्होंने महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा जैसे भाजपा शासित राज्यों में आसन्न चुनाव के बावजूद डीजल और पेट्रोल पर बजट में शुल्क बढ़ाकर राजकोषीय अनुशासन को प्राथमिकता दी है.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)
बजट बाद एक साक्षात्कार में सीतारमण ने कहा, 'मैं हूं तो नियमों का पूर्ण अनुपालन किया जाएगा... राजकोषीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) कानून है और मुझे उसका अनुपालन करना ही है. बजट में राजकोषीय घाटे को 3.3 प्रतिशत पर सीमित रखने का लक्ष्य है.'

वित्त मंत्री ने उद्योगों की मांग और अनुमानों के विपरीत सोने पर शुल्क 10 से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया. उन्होंने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से पहले के उत्पाद एवं सेवा कर से जुड़े मुकदमों में फंसे करीब 4 लाख करोड़ रुपये के कर की वसूली के लिये विरासती विवाद समाधान योजना पेश की है. इसके अलावा एक तरफ धनाढ्यों पर कर बढ़ाकर तथा दूसरी तरफ व्यापारियों एवं कृषकों के लिये कल्याणकारी योजनाओं पर व्यय में वृद्धि कर गांव, गरीब एवं किसान की मोदी सरकार की छवि को और निखारा है.

उन्हें तीन सितंबर 2017 को नरेंद्र मोदी की सरकार में रक्षा मंत्री बनाया गया था। इससे पहले 2014 में उन्होंने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभाला था. यह प्रभार संभालने से पहले वह सुषमा स्वराज के बाद पार्टी की दूसरी महिला प्रवक्ता रहीं.

कर्नाटक से राज्यसभा की सदस्य सीतारमण 2008 में भाजपा में शामिल हुई थीं और उन्हें 2014 में नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में कनिष्ठ मंत्री के तौर पर जगह दी गई. इसके अलावा वह 2003 से 2005 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रह चुकी हैं.

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