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येचुरी का केंद्र पर आरोप- एमएसपी में मामूली वृद्धि, अन्नदाताओं के साथ धोखा

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव सीताराम येचुरी ने किसानों को राहत देने वाले सरकार के फैसले पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में मामूली वृद्धि की गई है, लॉकडाउन और कोरोना के कारण पहले से ही किसान परेशान है. ऐसे में यह उनके साथ धोखा है.

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Published : Jun 2, 2020, 12:24 PM IST

sitaram yechury
सीताराम येचुरी

नई दिल्ली : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव सीताराम येचुरी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने दावा किया कि 14 खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में मामूली वृद्धि हुई है, जो किसानों के हितों को और नुकसान पहुंचाएगा.

येचुरी ने कहा, 'मेरे पास एक आंकड़ा है, पिछले साल घोषित एमएसपी क्या थी और आज की एमएसपी घोषणा क्या है. धान के लिए यह वृद्धि महज 53 रुपये प्रति क्विंटल है. पिछले साल और इस वर्ष के बीच उत्पादन की लागत आज घोषित एमएसपी की तुलना में बहुत अधिक हो गई है. उन्होंने बताया कि कोविड-19 और लॉकडाउन के कारण किसान पहले से ही आत्महत्या कर रहे हैं, उनकी स्थिति पहले से ही सबसे खराब है.

येचुरी ने कहा, 'किसान सरकार को फसल बेच रहे हैं और अब सरकार कह रही है कि उसके पास बंपर खरीद है क्योंकि लॉकडाउन के कारण वे कहीं और फसलों को नहीं बेच सकते. यह अन्नदाताओं के साथ सीधा धोखा है.'

पढ़ें- शिवसेना की दो टूक, पीएम मोदी 'सक्षम' नेता लेकिन गलतियों को कौन सुधारेगा

उन्होंने कहा कि किसानों की मदद करने वाले एक कदम में केंद्र ने 14 खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में 50-83 प्रतिशत की वृद्धि की है. सरकार ने धान के लिए 2020-21 के एमएसपी को 53 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1,868 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है. जबकि कपास का एमएसपी 260 रुपये बढ़ाकर 5,515 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है.

नई दिल्ली : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव सीताराम येचुरी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने दावा किया कि 14 खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में मामूली वृद्धि हुई है, जो किसानों के हितों को और नुकसान पहुंचाएगा.

येचुरी ने कहा, 'मेरे पास एक आंकड़ा है, पिछले साल घोषित एमएसपी क्या थी और आज की एमएसपी घोषणा क्या है. धान के लिए यह वृद्धि महज 53 रुपये प्रति क्विंटल है. पिछले साल और इस वर्ष के बीच उत्पादन की लागत आज घोषित एमएसपी की तुलना में बहुत अधिक हो गई है. उन्होंने बताया कि कोविड-19 और लॉकडाउन के कारण किसान पहले से ही आत्महत्या कर रहे हैं, उनकी स्थिति पहले से ही सबसे खराब है.

येचुरी ने कहा, 'किसान सरकार को फसल बेच रहे हैं और अब सरकार कह रही है कि उसके पास बंपर खरीद है क्योंकि लॉकडाउन के कारण वे कहीं और फसलों को नहीं बेच सकते. यह अन्नदाताओं के साथ सीधा धोखा है.'

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उन्होंने कहा कि किसानों की मदद करने वाले एक कदम में केंद्र ने 14 खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में 50-83 प्रतिशत की वृद्धि की है. सरकार ने धान के लिए 2020-21 के एमएसपी को 53 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1,868 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है. जबकि कपास का एमएसपी 260 रुपये बढ़ाकर 5,515 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है.

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