श्रीनगर: उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने आज अपने बीमार कॉमरेड मोहम्मद युसूफ तारिगामी से भेंट की. बता दें, तारिगामी पांच अगस्त से हिरासत में हैं.
आपको बता दें, येचुरी दोपहर को यहां पहुंचे. उन्हें पुलिस तारिगामी से मिलाने के लिए श्रीनगर में सिविल लाइंस इलाके में गुपकर रोड पर उनके निवास पर लेकर गई. अधिकारियों ने बताया कि माकपा नेता तारिगामी के साथ करीब तीन घंटे तक रहे.
येचुरी नौ अगस्त को भी श्रीनगर पहुंचे थे लेकिन राज्य प्रशासन ने उन्हें हवाईअड्डे से ही लौटा दिया था. उससे चार दिन पहले ही केंद्र ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने की घोषणा की थी.
बुधवार को उच्चतम न्यायालय ने केंद्र की यह दलील खारिज कर दी थी कि येचुरी की यात्रा से राज्य में स्थिति खतरे में पड़ सकती है. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने येचुरी को अपने सहयोगी से मिलने की इजाजत दी.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने येचुरी की यात्रा का विरोध करने पर सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता से पूछा था, 'यदि इस देश कोई नागरिक वहां जाना चाहता है और अपने मित्र एवं पार्टी सहयोगी से मिलना चाहता है तो आपको क्या दिक्कत है?'
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शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया था कि येचुरी को बस अपने पार्टी सहयोगी से मिलने के लिए जम्मू-कश्मीर जाने की इजाजत दी जाती है. तारिगामी को इलाज के लिए दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में लाने के लिए अदालत की इजाजत की मांग संबंधी अंतरिम आवेदन की ओर ध्यान आकृष्ट किया गया था.
पीठ ने कहा कि यदि येचुरी किसी अन्य काम में संलिप्त पाये जाते हैं तो यह अदालत के आदेश का उल्लंघन माना जाएगा. शीर्ष अदालत के निर्देशानुसार येचुरी इस बात पर हलफनामा देंगे कि जम्मू कश्मीर में उनकी यात्रा के दौरान क्या क्या हुआ.
गौरतलब है कि तारिगामी मुख्यधारा के उन नेताओं में हैं, जिन्हें चार अगस्त की रात को हिरासत में ले लिया गया था.
वहीं येचुरी ने कहा था कि वह तारिगामी से मिल कर लौटने के बाद न्यायालय में शपथपत्र दाखिल करेंगे. बता दें कि माकपा नेता इस महीने जम्मू-कश्मीर जाने की दो बार कोशिश कर चुके हैं.
उन्होंने एक बार भाकपा महासचिव डी राजा और दूसरी बार विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल के साथ वहां जाने का प्रयास किया था. उन्हें जम्मू-कश्मीर प्रशासन के आदेश पर दोनों बार श्रीनगर हवाईअड्डे से लौटना पड़ा था. उन्हें सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए प्रवेश नहीं करने दिया गया था.