अमरावती : आंध्र प्रदेश सरकार ने विशेष जांच दल (एसआईटी) की 10 सदस्यीय टीम का गठन किया है. इस टीम का गठन तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के शासन के दौरान अमरावती राजधानी क्षेत्र में कथित अनियमितताओं, विशेष रूप से भूमि सौदों की व्यापक जांच करने के लिए किया गया है.
सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव (राजनीतिक), प्रवीण प्रकाश ने कहा कि एसआईटी की टीम की कैबिनेट उप-समिति की रिपोर्ट को आधार बनाएगी. जिसमें सीआरडीए क्षेत्र में भूमि से संबंधित मुद्दों सहित विभिन्न परियोजनाओं से संबंधित 'प्रक्रियात्मक, कानूनी और वित्तीय अनियमितताओं और धोखाधड़ी के लेनदेन का जिक्र है.
इस टीम का नेतृत्व आईपीएस स्तर के पुलिस उप महारीक्षक द्वारा किया जाएगा. यह टीम क्रिमिनम प्रोसीजर कोड के तहत पूछताछ करेगी.
एसआईटी की दस सदस्यीय टीम मेंं दो अन्य आईपीएस अधिकारी और एक अन्य पुलिस अधिकारी हैं. इनका काम जांच में मदद करना होगा, साथ ही राज्य और केंद्रीय जांच एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए और जानकारी साझा करने का काम करेंगे.
कैबिनेट उप-समिति का गठन वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार द्वारा जून 2019 में किया गया. यह समिति 02 जून 2014 को आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद से राज्य के विकास पर असर डालने वाली प्रमुख नीतियों, परियोजनाओं, कार्यक्रमों, स्थापित संस्थानों (निगमों, समितियों, आदि) और प्रमुख प्रशासनिक कार्यों की समीक्षा करने के लिए गठित की गई थी.
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उप समिति ने अपनी रिपोर्ट का पहला भाग पिछले दिसंबर में सरकार को सौंपा था, जिसमें सीआरडीए क्षेत्र में भूमि से संबंधित मुद्दों सहित विभिन्न परियोजनाओं से संबंधित विभिन्न प्रक्रियात्मक, कानूनी और वित्तीय अनियमितताओं और धोखाधड़ी को उजागर किया गया था.
मंत्रिमंडल द्वारा इसे स्वीकार किए जाने के बाद रिपोर्ट को राज्य विधानसभा में पेश किया गया और चर्चा की गई. इसके बाद, सरकार ने इस मुद्दे पर एक विशेष एजेंसी द्वारा मामले की जांच कराने का फैसला किया और इस तरह एसआईटी का गठन किया.
इंटेलिजेंस डीआईजी कोल्ली रघुराम रेड्डी एसआईटी का प्रमुख होंगे, जिसमें एसपी रैंक के आईपीएस अधिकारी बाबूजी अताडा और वी अपाला नायडू भी होंगे.
एसआईटी को जांच पूरी करने और चार्जशीट दाखिल करने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है.
इनपुट-पीटीआई