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CAA के जरिए भारत ने खुद को अलग-थलग कर लिया है : पूर्व विदेश सचिव

पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि इस कदम से भारत ने खुद को अलग-थलग कर लिया है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर.

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शिवशंकर मेनन
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Published : Jan 3, 2020, 5:04 PM IST

Updated : Jan 3, 2020, 6:08 PM IST

नई दिल्ली : पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने नागरिकता संशोधन कानून( सीएए) के लिए सरकार की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि इस कदम से भारत ने खुद को अलग-थलग कर लिया है और देश एवं विदेश में इसके विरुद्ध आवाज उठाने वालों की सूची काफी लंबी है.

मेनन ने एक कार्यक्रम में कहा कि कानून पारित होने के बाद भारत को लेकर नजरिया बदला है. इस कार्यक्रम में कई विद्वानों ने विवादित कानून के लागू होने के बाद इसके प्रतिकूल असर पर चर्चा की.

मेनन ने कहा, 'इस कदम से भारत ने खुद को अलग-थलग कर लिया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी इसके आलोचकों की सूची लंबी है. पिछले कुछ महीने में भारत के प्रति नजरिया बदला है. यहां तक कि हमारे मित्र भी हैरान हैं.'

पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा, 'हाल के दिनों में हमने जो हासिल किया वह हमारी (भारत की) मौलिक छवि को पाकिस्तान से जोड़ता है, जो एक असहिष्णु देश है.'

उन्होंने कहा कि दुनिया पहले क्या सोचती थी इसके बजाय हमारे लिए वह अधिक मायने रखता है कि जो अब सोचती है उन्होंने कहा कि भागीदारी नहीं करना या अकेले जाना कोई विकल्प नहीं है.

उन्होंने कहा, 'लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि इस तरह के (सीएए जैसे) कदम से हम खुद को दुनिया से काटने और अलग-थलग करने की ठान चुके हैं.'

ये भी पढ़ें- गृहमंत्री अमित शाह की दो टूक, नहीं लेंगे CAA को वापस

प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में व्याख्यान देने वाले अन्य विद्वानों में जोया हसन, नीरजा जयाल और फैजान मुस्तफा एवं अन्य शामिल थे.

नई दिल्ली : पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने नागरिकता संशोधन कानून( सीएए) के लिए सरकार की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि इस कदम से भारत ने खुद को अलग-थलग कर लिया है और देश एवं विदेश में इसके विरुद्ध आवाज उठाने वालों की सूची काफी लंबी है.

मेनन ने एक कार्यक्रम में कहा कि कानून पारित होने के बाद भारत को लेकर नजरिया बदला है. इस कार्यक्रम में कई विद्वानों ने विवादित कानून के लागू होने के बाद इसके प्रतिकूल असर पर चर्चा की.

मेनन ने कहा, 'इस कदम से भारत ने खुद को अलग-थलग कर लिया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी इसके आलोचकों की सूची लंबी है. पिछले कुछ महीने में भारत के प्रति नजरिया बदला है. यहां तक कि हमारे मित्र भी हैरान हैं.'

पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा, 'हाल के दिनों में हमने जो हासिल किया वह हमारी (भारत की) मौलिक छवि को पाकिस्तान से जोड़ता है, जो एक असहिष्णु देश है.'

उन्होंने कहा कि दुनिया पहले क्या सोचती थी इसके बजाय हमारे लिए वह अधिक मायने रखता है कि जो अब सोचती है उन्होंने कहा कि भागीदारी नहीं करना या अकेले जाना कोई विकल्प नहीं है.

उन्होंने कहा, 'लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि इस तरह के (सीएए जैसे) कदम से हम खुद को दुनिया से काटने और अलग-थलग करने की ठान चुके हैं.'

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प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में व्याख्यान देने वाले अन्य विद्वानों में जोया हसन, नीरजा जयाल और फैजान मुस्तफा एवं अन्य शामिल थे.

Intro:New Delhi: Former National Security Advisor (NSA) Shivshankar Menon on Friday said that government recent actions, including the Citizenship Amendment Act (CAA) and National Register of Citizens (NRC) process is increasingly isolating India at the international level.


Body:Speaking at a press conference and public briefing on the 'Citizenship Amendment Act (CAA), National Population Register of Citizens (NRC) : Unconstitutional, Naturally Divisive and International Disgrace', Menon said those who think that international laws cannot be imposed they must consider political and other consequences of being perceived as violators of international conventions.

The former NSA said what we have achieved in the recent past is to hyphenate our image with Pakistan in a fundamental way, which is an intolerant state.


Quoting Bangladesh Home Minister Asaduzzaman Khan's statement "let them fight among themselves" over CAA and NRC, Menon said global opinion has shifted if you see the international press. It is self inflicted goal. If this is how our neighbour friends feel, what must our adversaries feel.

"Even the Kashmir issue that was dormant at the United Nations since 1971 had been revived. The issue has been discussed in the United Nations Security Council for the first time in 40 years," said Menon.



Conclusion:"What world thinks matters more to us now than ever before is that more than half of GDP is in external sector. We depend on the world for technology, energy, capital, essential raw materials, fertilizers. So, disengagement or going it alone is not an option but we seem determined with actions like these to cut ourselveses off and isolate ourselves," added former NSA Shivshankar Menon.
Last Updated : Jan 3, 2020, 6:08 PM IST
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