नई दिल्ली : दिल्ली हिंसा को लेकर सरकार संसद में विपक्षी पार्टियों के सामने बुरी तरह घिरी नजर आई. विपक्षी पार्टियों ने गृहमंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग की. हालांकि इस दौरान शिवसेना सरकार के समर्थन में खड़ी प्रतीत हुई और पूर्व मंत्री व शिवसेना सांसद अरविंद सांवत ने कहा कि यदि इस्तीफे से हल निकलता तो उनकी पार्टी इसकी मांग करती.
अरविंद सांवत ने कहा, 'गृहमंत्री के इस्तीफे के मांग से भी ज्यादा मैं दिल्ली दंगे से व्यथित हूं. यह दंगा देश के लिए एक कदम है. दिल्ली हमारी राजधानी है. वहां पर यह सब उस दौरान हुआ, जब अमेरिका के राष्ट्रपति भारत दौरे पर आए थे. क्या यह शोभा देता है?'
प्रदर्शन के बारे में उन्होंने कहा, 'संविधान ने हमें अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार दिया है न कि हमे देश की सेवा को खंडित करने का अधिकार दिया है.'
शिवसेना नेता ने कहा, 'आंदोलन जितना देर चलता है, उसका दर्द उतना ही बढ़ता है. यदि आंदोलन में सच्चाई है तो हम उसमें भी विफल हैं. प्रदर्शन को हम रोक नहीं सकते, लेकिन उन्हें एक जगह करने के लिए कह सकते हैं, जिससे कार्यों में रुकावट न आए. शाहीन बाग प्रदर्शन से रोड बंद है.'
उन्होंने कहा कि देश में यह सब गलत हो रहा है. सभी पार्टी के नेताओं को सोचना चाहिए कि देश कहां जा रहा है.
सावंत ने कहा कि गृहमंत्री का इस्तीफा सुनश्चित नहीं होता. इस्तीफे की मांग करना विरोध व्यक्त करने का एक तरीका है.
उन्होंने कहा, 'राजधानी हिंसा में 46 लोगों की मौत हो गई है. कई लोगों के घर जल गए हैं, व्यापार खत्म हो गए हैं. पक्ष-विपक्ष दोनों तरफ से राजनीति की जा रही है. हमें देश के बारे में सोचना चाहिए.'
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उन्होंने कहा, 'यदि गृहमंत्री का इस्तीफा मांगने से मामला खत्म हो जाता है तो हम भी इस्तीफा मांग लेते. क्या इस्तीफे से सब सही हो जाएगा. इस्तीफा विरोध व्यक्त करने का मात्र एक तरीका है.'
उन्होंने कहा कि देश के विघटन के लिए जो भी नेता काम करे, उसे सजा मिलनी चाहिए, वह चाहे जिस पार्टी का हो.