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शिवसेना ने राम मंदिर बनाने की वकालत की, भाजपा से गठबंधन का किया बचाव

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Published : Oct 9, 2019, 11:43 AM IST

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर राम मंदिर का मुद्दा उठाया है. उन्होंने राम मंदिर को बनवाने के के मार्ग प्रशस्त करने की बात कही. साथ ही सरकार को एक सुझाव दिया, जिसमें बताया की अगला एजेंडा क्या होना चाहिए. विस्तार से जानने के लिए, पढ़ें...

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे.

मुंबई: शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अयोध्या के विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाने की मंगलवार को पुरजोर हिमायत की और इसका मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक विशेष कानून बनाने की भी मांग की. उद्धव ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 के बाद अब सरकार का अगला एजेंडा 'समान नागरिक संहिता' होना चाहिए.

उन्होंने 21 अक्टूबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के साथ गठबंधन के अपने फैसले को सही बताया. उन्होंने आगे कहा कि पार्टी के लिए राम मंदिर का मुद्दा राजनीति से ऊपर है और इसका आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से कोई संबंध नहीं है.

मुंबई के शिवाजी पार्क में मंगलवार रात शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर पर नहीं बोलने की सलाह दी थी क्योंकि मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है.

उद्धव ने कहा, 'यह मामला पिछले 35 साल से लंबित है. अदालतों में उस दिन अवकाश रहता है जिस दिन राम ने रावण का वध किया था और उस दिन भी जब राम अयोध्या लौटे थे, लेकिन वहां मुद्दा यह है कि क्या राम ने अयोध्या में जन्म लिया था?'

पढ़ें: हरियाणा में गरजेंगे शाह, तीन विधानसभा क्षेत्रों में करेंगे रैलियां

उन्होंने कहा, 'कहा जा रहा है कि इस महीने अदालत फैसला दे देगी, अगर ऐसा नहीं होता है तो हम अपनी मांग पर अडिग हैं कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए एक विशेष कानून बनाया जाए.'

बता दें, आने 21 अक्टूबर को महराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हैं, जिसके परिणाम 24 अक्टूबर तक आ जाएंगे. चुनाव प्रचार के दौरान इस तरह के बयान आना लाजमी हैं.

पार्टी अध्यक्ष ने कहा, 'शिवसेना राम मंदिर की मांग राजनीति के लिए नहीं कर रही है. हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं और जब हमें धनुष और बाण चुनाव चिह्न मिला था तब राम मंदिर का मामला भी नहीं था.'

भाजपा से गठबंधन का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निष्प्रभावी किया गया जो शिवसेना की कई सालों से मांग थी.

महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों में से भाजपा 164 और शिवसेना 124 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.

उन्होंने अपने 35 मिनट के भाषण में कहा, 'अगर हम भाजपा के साथ नहीं जाते तो क्या मुझे कांग्रेस के पास जाना चाहिए था, जिसने अनुच्छेद-370 को निष्प्रभावी करने और देशद्रोह के कानूनों का विरोध किया.'

ठाकरे ने इस बात से इनकार किया कि शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन करते हुए 'आत्मसमर्पण' कर दिया. उन्होंने कहा, 'शिवसेना छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठी मानुष को छोड़कर किसी के आगे नहीं झुकती.'

उन्होंने कहा, 'भाजपा के साथ गठबंधन राज्य के हित में किया गया है. हमें कुछ समझौता करना था. मैं उन शिवसैनिकों से माफी मांगता हूं जिनकी सीट गठबंधन के सहयोगियों को गईं.'

ठाकरे ने भाजपा की ओर संकेत करते हुए कहा कि शिवसैनिकों को धोखा देने की हिम्मत किसी को नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि शिवसेना-भाजपा गठबंधन और उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन में बहुत अंतर है.

ठाकरे ने कहा, 'हमारा गठबंधन वास्तविक है, जबकि सपा-बसपा ने केवल सत्ता के लालच में गठबंधन किया इसलिए लोगों ने उसे खारिज कर दिया.' इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस-राकांपा गठबंधन पर भी निशाना साधा.

इसके साथ ही कई वादे करते हुए उन्होंने कहा कि सत्ता में आने पर शिवसेना किसानों की कर्ज माफी, गरीबों के लिए 10 रुपए में भोजन की पोषक थाली, 300 यूनिट तक बिजली खर्च करने पर बिजली दरों में कटौती, एक रुपए में स्वास्थ्य जांच और महिलाओं के लिए विशेष बस सेवाएं शुरू करना सुनिश्चित करेगी.

मुंबई: शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अयोध्या के विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाने की मंगलवार को पुरजोर हिमायत की और इसका मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक विशेष कानून बनाने की भी मांग की. उद्धव ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 के बाद अब सरकार का अगला एजेंडा 'समान नागरिक संहिता' होना चाहिए.

उन्होंने 21 अक्टूबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के साथ गठबंधन के अपने फैसले को सही बताया. उन्होंने आगे कहा कि पार्टी के लिए राम मंदिर का मुद्दा राजनीति से ऊपर है और इसका आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से कोई संबंध नहीं है.

मुंबई के शिवाजी पार्क में मंगलवार रात शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर पर नहीं बोलने की सलाह दी थी क्योंकि मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है.

उद्धव ने कहा, 'यह मामला पिछले 35 साल से लंबित है. अदालतों में उस दिन अवकाश रहता है जिस दिन राम ने रावण का वध किया था और उस दिन भी जब राम अयोध्या लौटे थे, लेकिन वहां मुद्दा यह है कि क्या राम ने अयोध्या में जन्म लिया था?'

पढ़ें: हरियाणा में गरजेंगे शाह, तीन विधानसभा क्षेत्रों में करेंगे रैलियां

उन्होंने कहा, 'कहा जा रहा है कि इस महीने अदालत फैसला दे देगी, अगर ऐसा नहीं होता है तो हम अपनी मांग पर अडिग हैं कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए एक विशेष कानून बनाया जाए.'

बता दें, आने 21 अक्टूबर को महराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हैं, जिसके परिणाम 24 अक्टूबर तक आ जाएंगे. चुनाव प्रचार के दौरान इस तरह के बयान आना लाजमी हैं.

पार्टी अध्यक्ष ने कहा, 'शिवसेना राम मंदिर की मांग राजनीति के लिए नहीं कर रही है. हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं और जब हमें धनुष और बाण चुनाव चिह्न मिला था तब राम मंदिर का मामला भी नहीं था.'

भाजपा से गठबंधन का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निष्प्रभावी किया गया जो शिवसेना की कई सालों से मांग थी.

महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों में से भाजपा 164 और शिवसेना 124 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.

उन्होंने अपने 35 मिनट के भाषण में कहा, 'अगर हम भाजपा के साथ नहीं जाते तो क्या मुझे कांग्रेस के पास जाना चाहिए था, जिसने अनुच्छेद-370 को निष्प्रभावी करने और देशद्रोह के कानूनों का विरोध किया.'

ठाकरे ने इस बात से इनकार किया कि शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन करते हुए 'आत्मसमर्पण' कर दिया. उन्होंने कहा, 'शिवसेना छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठी मानुष को छोड़कर किसी के आगे नहीं झुकती.'

उन्होंने कहा, 'भाजपा के साथ गठबंधन राज्य के हित में किया गया है. हमें कुछ समझौता करना था. मैं उन शिवसैनिकों से माफी मांगता हूं जिनकी सीट गठबंधन के सहयोगियों को गईं.'

ठाकरे ने भाजपा की ओर संकेत करते हुए कहा कि शिवसैनिकों को धोखा देने की हिम्मत किसी को नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि शिवसेना-भाजपा गठबंधन और उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन में बहुत अंतर है.

ठाकरे ने कहा, 'हमारा गठबंधन वास्तविक है, जबकि सपा-बसपा ने केवल सत्ता के लालच में गठबंधन किया इसलिए लोगों ने उसे खारिज कर दिया.' इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस-राकांपा गठबंधन पर भी निशाना साधा.

इसके साथ ही कई वादे करते हुए उन्होंने कहा कि सत्ता में आने पर शिवसेना किसानों की कर्ज माफी, गरीबों के लिए 10 रुपए में भोजन की पोषक थाली, 300 यूनिट तक बिजली खर्च करने पर बिजली दरों में कटौती, एक रुपए में स्वास्थ्य जांच और महिलाओं के लिए विशेष बस सेवाएं शुरू करना सुनिश्चित करेगी.

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Print Printपीटीआई-भाषा संवाददाता 23:34 HRS IST

शिवसेना ने राम मंदिर बनाने की वकालत की, भाजपा से गठबंधन का किया बचाव

मुंबई, आठ अक्टूबर (भाषा) शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अयोध्या के विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाने की मंगलवार को पुरजोर हिमायत की और इसका मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक विशेष कानून बनाने की भी मांग की।



उद्धव ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 के बाद अब सरकार का अगला एजेंडा ‘‘समान नागरिक संहिता’’ होना चाहिए।



उन्होंने 21 अक्टूबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के साथ गठबंधन के अपने फैसले को सही बताया।



उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए राम मंदिर का मुद्दा राजनीति से ऊपर है और इसका आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से कोई संबंध नहीं है।



मुंबई के शिवाजी पार्क में मंगलवार रात शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर पर नहीं बोलने की सलाह दी थी क्योंकि मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है।



उद्धव ने कहा, ‘‘लेकिन यह मामला पिछले 35 साल से लंबित है। अदालतों में उस दिन अवकाश रहता है जिस दिन राम ने रावण का वध किया था और उस दिन भी जब राम अयोध्या लौटे थे, लेकिन वहां मुद्दा यह है कि क्या राम ने अयोध्या में जन्म लिया था?’’



उन्होंने कहा, ‘‘ कहा जा रहा है कि इस महीने अदालत फैसला दे देगी, अगर ऐसा नहीं होता है तो हम अपनी मांग पर अडिग हैं कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए एक विशेष कानून बनाया जाए।’’



पार्टी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘शिवसेना राम मंदिर की मांग राजनीति के लिए नहीं कर रही है। हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं और जब हमें धनुष और बाण चुनाव चिह्न मिला था तब राम मंदिर का मामला भी नहीं था।’’



भाजपा से गठबंधन का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निष्प्रभावी किया गया जो शिवसेना की कई सालों से मांग थी।



महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों में से भाजपा 164 और शिवसेना 124 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।



उन्होंने अपने 35 मिनट के भाषण में कहा, ‘‘अगर हम भाजपा के साथ नहीं जाते तो क्या मुझे कांग्रेस के पास जाना चाहिए था, जिसने अनुच्छेद-370 को निष्प्रभावी करने और देशद्रोह के कानूनों का विरोध किया।’’



ठाकरे ने इस बात से इनकार किया कि शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन करते हुए ‘‘आत्मसमर्पण’’ कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठी मानुष को छोड़कर किसी के आगे नहीं झुकती।’’



उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के साथ गठबंधन राज्य के हित में किया गया है। हमें कुछ समझौता करना था। मैं उन शिवसैनिकों से माफी मांगता हूं जिनकी सीट गठबंधन के सहयोगियों को गईं।’’



ठाकरे ने संभवत: भाजपा का जिक्र करते हुए कहा कि शिवसैनिकों को धोखा देने की हिम्मत किसी को नहीं करनी चाहिए।



उन्होंने कहा कि शिवसेना-भाजपा गठबंधन और उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन में बहुत अंतर है।



ठाकरे ने कहा, ‘‘हमारा गठबंधन वास्तविक है, जबकि सपा-बसपा ने केवल सत्ता के लालच में गठबंधन किया इसलिए लोगों ने उसे खारिज कर दिया।’’



उन्होंने कांग्रेस-राकांपा गठबंधन पर भी निशाना साधा।





उन्होंने कहा कि सत्ता में आने पर शिवसेना किसानों की कर्ज माफी, गरीबों के लिए 10 रुपए में भोजन की पोषक थाली, 300 यूनिट तक बिजली खर्च करने पर बिजली दरों में कटौती, एक रुपए में स्वास्थ्य जांच और महिलाओं के लिए विशेष बस सेवाएं शुरू करना सुनिश्चित करेगी।


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