नई दिल्ली : दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने जेएनयू के छात्र शरजील इमाम को दिल्ली हिंसा के मामले में दर्ज यूएपीए के तहत 1 अक्टूबर तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने ये आदेश दिया.
शरजील इमाम को दिल्ली हिंसा के मामले में पिछले 25 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ यूएपीए के तहत दाखिल चार्जशीट में कहा कि शरजील इमाम ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को अखिल भारतीय स्तर पर ले जाने के लिए बेताब था और ऐसा करने की जी तोड़ कोशिश कर रहा था.
शरजील को भड़काऊ भाषण देने के मामले में गिरफ्तार किया गया था.
चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों में से एक के संपर्क में था. पीएफआई के सदस्य ने शरजील पीएफआई के सदस्य के रूप में विरोध करने का सुझाव दिया था. चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील ने न सिर्फ एक समुदाय को जुटाया, बल्कि दिल्ली और देश के दूसरे हिस्सों में चक्का जाम कराने की भी कोशिश की.
यूएपीए के तहत दर्ज किए गए हैं आरोप
शरजील इमाम को दिल्ली पुलिस असम से दिल्ली लेकर आई थी. दिल्ली हिंसा में साजिश रचने के मामले में जिन आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत आरोप दर्ज किया गया है उनमें शरजील इमाम के अलावा पिंजरा तोड़ संगठन की कार्यकर्ता देवांगन कलीता, नताशा नरवाल, जामिया युनिवर्सिटी के छात्र आसिफ इकबाल तान्हा, गुलफिशा फातिमा, पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां, सफूरा जरगर, मीरान हैदर, शिफा उर रहमान, ताहिर हुसैन, खालिद सैफी और उमर खालिद के नाम शामिल है. इस मामले में उमर खालिद को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है.
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शाहीन बाग में भाषण देने के मामले में गिरफ्तार किया गया था
शरजील इमाम को शाहीन बाग में आपत्तिजनक भाषण देने के मामले में बिहार से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के मुताबिक जामिया हिंसा की जांच के दौरान एक आरोपी ने कहा कि उसने शरजील इमाम के भाषण से प्रभावित होकर हिंसा को अंजाम दिया. दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले 10 जुलाई को शरजील इमाम की उसके खिलाफ जांच की अवधि 90 दिनों से बढ़ाकर 180 दिन करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दिया था.