नई दिल्ली/पटना : भड़काऊ भाषण देने और देशद्रोह का आरोपी शरजील इमाम को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने साकेत कोर्ट में पेश की. इसके पहले दिल्ली पुलिस ने पटना से उसे दिल्ली ले आई.
इससे पहले मंगलवार को जहानाबाद जिले के काको थाना क्षेत्र से दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने बिहार पुलिस के सहयोग से उसे गिरफ्तार किया. बता दें, शरजील जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) का छात्र है.
शरजील की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसका स्वस्थ्य परीक्षण जहानाबाद में कराया था. जहां सिविल सर्जन विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि शरजील इमाम पूरी तरह से स्वस्थ्य है. इसके बाद क्राइम ब्रांच ने उससे पूछताछ की.
काको थाना क्षेत्र से गिरफ्तार शरजील
जहानाबाद के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शरजील को पुलिस ने मंगलवार को काको थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है. इसके बाद पुलिस ने उसे जहानाबाद के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया, जहां से ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद उसे पटना लाया गया, जहां से उसे दिल्ली ले जाया जा रहा है.
बिहार पुलिस से मांगा था सहयोग
भाई मुजम्मिल इमाम को हिरासत में लिया था
ये भी पढ़ें : देशद्रोह के आरोपी शरजील को कोर्ट ने ट्रांजिट रिमांड पर भेजा, दिल्ली लाया जाएगा
शरजील के नेपाल भागने की आशंका व्यक्त की गई थी
शरजील की तलाश में कई और जिलों में दबिश डाली जा रही थी. पटना हवाईअड्डे समेत राज्य के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर निगरानी बढ़ा दी गई थी. बिहार और नेपाल सीमा पर भी पुलिस को चौकस रहने का निर्देश दिया गया था. शरजील के नेपाल भागने की भी आशंका व्यक्त की गई थी. शरजील के खिलाफ अरुणाचल, असम, उत्तर प्रदेश और दिल्ली पुलिस ने देशद्रोह सहित कई धाराओं में केस दर्ज किए थे, तभी से शरजील फरार चल रहा था.
'मेरे बेटे को फंसाया जा रहा है'
शरजील की मां अफशां परवीन ने सोमवार को आरोप लगाया था कि उनके बेटे के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है. उन्होंने दावा किया कि उनका बेटा जैसा दिखाया जा रहा है, वैसा नहीं है. उन्होंने कहा था, 'मेरे बेटे को फंसाया जा रहा है. वह केवल एनआरसी का विरोध कर रहा था.' परवीन ने कहा कि कई दिनों से उनकी अपने बेटे से बातचीत नहीं हो रही है, लेकिन वह कोई चोर-उचक्का नहीं है कि वह फरार है, वह जल्द ही सामने आएगा.
शरजील के परिवार का राजनीति से गहरा नाता
शरजील के परिवार के सदस्यों का राजनीति से गहरा नाता रहा है. उसके पिता मोहम्मद अकबर इमाम का इंतकाल करीब चार साल पहले हो गया था. वे जेडीयू के टिकट पर 2005 का विधानसभा चुनाव भी जहानाबाद से लड़े थे. हालांकि, चुनाव हार गए थे. अकबर इमाम इससे पहले कांग्रेस पार्टी में थे.