नई दिल्ली : भाजपा ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मेनिफेस्टो में जब से वीर सावरकर को 'भारत रत्न' देने का वायदा किया है, तब से विपक्षी पार्टियां इसकी आलोचना कर रही थीं. लेकिन अब इस मुद्दे पर कांग्रेस में नेता दो फाड़ नजर आ रहे हैं. पहले जहां कांग्रेस ने भाजपा का मेनिफेस्टो आते ही इस बात का घोर विरोध किया था, अब वहीं कांग्रेस के नेता और प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने वीर सावरकर को देशभक्त बताया है.दे
देखा जाए तो वीर सावरकर के मुद्दे पर एक बार फिर गेम भाजपा के पाले में आ गया है. महाराष्ट्र विस चुनाव के मेनिफेस्टो में जैसे ही भाजपा ने वीर सावरकर को 'भारत रत्न' देने की घोषणा की थी, AIMIM सहित कांग्रेस के तमाम नेताओं ने इसका विरोध किया था और वीर सावरकर को देशद्रोही तक करार दे दिया था.
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एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने तो केंद्र सरकार से यहां तक कहा था कि यदि केंद्र वीर सावरकर को 'भारत रत्न' देना चाहती है तो उन्हें नाथूराम गोडसे को भी 'भारत रत्न' देना चाहिए. फिलहाल अब धीरे-धीरे कांग्रेस के नेता इस पर दो फाड़ नजर आ रहे हैं.
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा वीर सावरकर एक देशभक्त थे और उन्होंने अंग्रेजों की काफी यातनाएं सहीं.
ईटीवी भारत से बातचीत में बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन का कहना है कि महाराष्ट्र में वोटिंग परसेंटेज को देखते हुए कांग्रेस को एहसास हो रहा है कि उसने वीर सावरकर की देशभक्त के नाम पर जो आलोचना कर बहुत बड़ी गलती कर दी है. यही वजह है कि कांग्रेस अब अपनी चाल बदल रही है और अब उसे वीर सावरकर में देशभक्ति नजर आ रही है.
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शाहनवाज ने यहां तक कहा कि कांग्रेस में कोई अनुशासन नहीं है, वहां नेता 'अपनी डफली, अपनी राग' अलाप रहे हैं. सोनिया जी कुछ कहती हैं तो बाकी नेता अब कुछ कहते हैं और जिस पार्टी में एकता नहीं, उस पार्टी के भविष्य की कल्पना की जा सकती है.