नई दिल्ली : घाटी में सोमवार को सभी नेटवर्क की पोस्टपेड मोबाइल सेवाएं बहाल कर दी गई हैं. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उम्मीद जताई है कि इस फैसले से घाटी में सामान्य स्थिति हासिल करने में मदद मिलेगी. हालांकि समाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने कहा कि सरकार को यह निर्णय बहुत पहले लेना चाहिए था.
गौरतलब है कि बीते पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मोबाइल सेवाओं पर पाबंदी लगा दी गयी थी. हालांकि इंटरनेट सेवा अब तक शुरू नहीं की गयी है.
बता दें कि शबनम हाशमी ने कश्मीर में रहने वाले लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की है. शबनम ने कहा, 'सभी संचार सेवाएं बंद होने के कारण आपातकाल के समय लोगों को पर्याप्त चिकित्सा सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं.'
शबनम ने कहा, 'जिला अस्पताल को कहा गया है कि वे किसी भी मामले को श्रीनगर के लिए रेफर न करें. दूर दराज के इलाके में रहने वाले लोगों को अस्पताल की सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. संचार की कमी के कारण आशा कार्यकर्ता लोगों तक दवाएं नहीं पहुंचा पा रही हैं. इसलिए यदि एक बार संचार बहाल हो जाता है तो हम हताहतों की संख्या के बारे में जानकारी पा सकेंगे और ये ऐसे लोग होंगे, जिनकी मौत पर्याप्त दवा न मिलने से हुई है.'
उन्होंने कहा, 'संवादहीनता की अनिश्चितता ने कश्मीर के लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया है. इससे चिंता का स्तर बढ़ गया है. जब मोबाइल सेवाएं बहाल हो जाएंगी, तब हम सहीं मामलों की सही संख्या जान सकेंगे.'