कोलकाता: भाजपा सांसद स्वप्न दासगुप्ता, विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती और कई अन्य लोग विश्वविद्यालय के एक भवन के भीतर बंद रहे, जिसके बाहर वामपंथ की ओर झुकाव रखने वाले सैंकड़ों छात्र धरने पर बैठे हुए थे. विश्वविद्यालय के सूत्रों ने बताया छात्रों का धरना खत्म होने के बाद रात करीब दस बजे वे दोनों बाहर आए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
छात्रों ने राजनीतिक नेताओं पर समुदायों के बीच घृणा उत्पन्न करने का आरोप लगाया है. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने हालात पर चिंता जताते हुए राज्य सरकार से दासगुप्ता की सुरक्षा का प्रबंधन करने की मांग की.
बता दें कि दासगुप्ता को विश्वविद्यालय में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया गया था.
दासगुप्ता ने ट्वीट किया, 'विश्वविद्यालय द्वारा सीएए पर आयोजित मेरे आधिकारिक व्याख्यान में शिरकत करने के जुर्म में विश्व भारती, शांतिनिकेतन के एक कमरे के अंदर लगभग 70 लोगों को बंद कर दिया गया है. इनमें कुलपति भी शामिल हैं. बाहर टकराव के लिए बेताब भीड़ है.'
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दासगुप्ता को कुछ हुआ तो उसके गंभीर परिणाम होंगे.
विजयवर्गीय ने वीडियो संदेश में कहा, 'स्वप्न दासगुप्ता का एसएफआई और तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने घेराव किया. वह अंदर हैं. पुलिस कहीं नजर नहीं आ रही. स्वपन दासगुप्ता का जीवन और सम्मान बहुत महत्वपूर्ण है.' उन्होंने कहा, 'मैं (मुख्यमंत्री) ममता बनर्जी और राज्य प्रशासन से उनकी सुरक्षा का प्रबंध करने का आग्रह करता हूं. अन्यथा इसके परिणाम गंभीर होंगे.'
वहीं राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह घटना राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को दर्शाती है.
वहीं इस बारे में भाजपा के राज्यसभा सांसद स्वप्न दासगुप्ता ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस पूरी घटना में पुलिस का कोई हस्तक्षेप नहीं रहा. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने के लिए छात्रों को उकसाया जाता है.
उन्होंने कहा कि ये भी नहीं कहा जा सकता कि इस घटना में केवल विश्वविद्यालय के छात्र ही शामिल हो. उन्होंने कहा कि क्या पता वह कहीं और से आए हुए लोग या गुंडे हो या फिर कुछ राजनीतिक पार्टियों के सदस्य हो.
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धनखड़ ने कहा, 'राज्यसभा सदस्य डॉ स्वप्न दासगुप्ता, विश्व भारती के कुलपति और कई अन्य लोगों को कई घंटों तक बंद रखने की गंभीर स्थिति को लेकर पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र कुमार से बात की और उनसे तुरंत आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया. कानून-व्यवस्था की ऐसी अराजकता और विफलता चिंताजनक है.'
राज्यसभा सदस्य दासगुप्ता को विश्वविद्यालय के शांतिनिकेतन के लिपिका सभागार में व्याख्यान श्रृंखला के तहत 'सीएए 2019: समझ और व्याख्या' पर बोलना था.
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन के बाद, समारोह को विश्वभारती के दूसरे लेकिन सन्निहित परिसर श्रीनिकेतन में सामाजिक कार्य विभाग के एक अन्य सभागार में स्थानांतरित कर दिया गया.
विश्व भारती विश्वविद्यालय फैकल्टी एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो सुदीप्ता भट्टाचार्य ने कहा, 'दासगुप्ता छात्रों के विरोध के कारण व्याख्यान पूरा नहीं कर सके. वह वर्तमान में वीसी के साथ श्रीनिकेतन में सामाजिक कार्य विभाग के भीतर हैं. छात्र बाहर नारे लगा रहे थे. हम उन्हें अंदर मौजूद लोगों को छोड़ने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं.'
इससे पहले जैसे ही दासगुप्ता विश्वविद्यालय परिसर में दाखिल हुए, छात्रों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया.
एसएफआई की विश्वविद्यालय इकाई के नेता सोमनाथ साउ ने कहा कि छात्र 'समुदायों के बीच नफरत को बढ़ाना देने वालों' को उनके दुष्प्रचार के प्रसार के लिए विश्व भारती की जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देंगे जो रवीन्द्रनाथ टैगोर के आदर्शों पर स्थापित है.
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उन्होंने कहा, 'हम भाजपा और हिंदुत्व शक्तियों के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखेंगे.'
इससे पहले भाजपा नेता दासगुप्ता ने ट्वीट किया, 'सीएए पर आयोजित शांतिपूर्ण बैठक पर भीड़ हमले और छात्रों को डराए जाने पर कैसा अनुभव होता है? ऐसा ही कुछ विश्व भारती में हो रहा है जहां मैं संबोधन दे रहा हूं. फिलहाल कमरे में बंद हूं और बाहर भीड़ जमा है.'