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विश्व भारती यूनिवर्सिटी : SFI के प्रदर्शन से भाजपा सांसद को कमरे में होना पड़ा बंद - कुलपति विद्युत चक्रवर्ती

कोलकाता में भाजपा सांसद स्वप्न दासगुप्ता, विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती और कई अन्य लोगों को एक भवन में बंद कर सैंकड़ों छात्र धरने पर बैठ गए. देर रात भाजपा सांसद बाहर निकल सके. पढ़ें विस्तार से...

घटनास्थल की तस्वीर
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Published : Jan 9, 2020, 8:12 AM IST

Updated : Jan 9, 2020, 6:27 PM IST

कोलकाता: भाजपा सांसद स्वप्न दासगुप्ता, विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती और कई अन्य लोग विश्वविद्यालय के एक भवन के भीतर बंद रहे, जिसके बाहर वामपंथ की ओर झुकाव रखने वाले सैंकड़ों छात्र धरने पर बैठे हुए थे. विश्वविद्यालय के सूत्रों ने बताया छात्रों का धरना खत्म होने के बाद रात करीब दस बजे वे दोनों बाहर आए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

छात्रों ने राजनीतिक नेताओं पर समुदायों के बीच घृणा उत्पन्न करने का आरोप लगाया है. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने हालात पर चिंता जताते हुए राज्य सरकार से दासगुप्ता की सुरक्षा का प्रबंधन करने की मांग की.

घटनास्थल का वीडियो

बता दें कि दासगुप्ता को विश्वविद्यालय में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया गया था.

दासगुप्ता ने ट्वीट किया, 'विश्वविद्यालय द्वारा सीएए पर आयोजित मेरे आधिकारिक व्याख्यान में शिरकत करने के जुर्म में विश्व भारती, शांतिनिकेतन के एक कमरे के अंदर लगभग 70 लोगों को बंद कर दिया गया है. इनमें कुलपति भी शामिल हैं. बाहर टकराव के लिए बेताब भीड़ है.'

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दासगुप्ता को कुछ हुआ तो उसके गंभीर परिणाम होंगे.

कैलाश विजयवर्गीय

विजयवर्गीय ने वीडियो संदेश में कहा, 'स्वप्न दासगुप्ता का एसएफआई और तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने घेराव किया. वह अंदर हैं. पुलिस कहीं नजर नहीं आ रही. स्वपन दासगुप्ता का जीवन और सम्मान बहुत महत्वपूर्ण है.' उन्होंने कहा, 'मैं (मुख्यमंत्री) ममता बनर्जी और राज्य प्रशासन से उनकी सुरक्षा का प्रबंध करने का आग्रह करता हूं. अन्यथा इसके परिणाम गंभीर होंगे.'

वहीं राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह घटना राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को दर्शाती है.

वहीं इस बारे में भाजपा के राज्यसभा सांसद स्वप्न दासगुप्ता ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस पूरी घटना में पुलिस का कोई हस्तक्षेप नहीं रहा. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने के लिए छात्रों को उकसाया जाता है.

उन्होंने कहा कि ये भी नहीं कहा जा सकता कि इस घटना में केवल विश्वविद्यालय के छात्र ही शामिल हो. उन्होंने कहा कि क्या पता वह कहीं और से आए हुए लोग या गुंडे हो या फिर कुछ राजनीतिक पार्टियों के सदस्य हो.

स्वप्न दासगुप्ता से हुई बातचीत

आईटी कंपनी में 'जिहादी' वाले ट्वीट पर भड़के ओवैसी

धनखड़ ने कहा, 'राज्यसभा सदस्य डॉ स्वप्न दासगुप्ता, विश्व भारती के कुलपति और कई अन्य लोगों को कई घंटों तक बंद रखने की गंभीर स्थिति को लेकर पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र कुमार से बात की और उनसे तुरंत आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया. कानून-व्यवस्था की ऐसी अराजकता और विफलता चिंताजनक है.'

राज्यसभा सदस्य दासगुप्ता को विश्वविद्यालय के शांतिनिकेतन के लिपिका सभागार में व्याख्यान श्रृंखला के तहत 'सीएए 2019: समझ और व्याख्या' पर बोलना था.

स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन के बाद, समारोह को विश्वभारती के दूसरे लेकिन सन्निहित परिसर श्रीनिकेतन में सामाजिक कार्य विभाग के एक अन्य सभागार में स्थानांतरित कर दिया गया.

विश्व भारती विश्वविद्यालय फैकल्टी एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो सुदीप्ता भट्टाचार्य ने कहा, 'दासगुप्ता छात्रों के विरोध के कारण व्याख्यान पूरा नहीं कर सके. वह वर्तमान में वीसी के साथ श्रीनिकेतन में सामाजिक कार्य विभाग के भीतर हैं. छात्र बाहर नारे लगा रहे थे. हम उन्हें अंदर मौजूद लोगों को छोड़ने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं.'

इससे पहले जैसे ही दासगुप्ता विश्वविद्यालय परिसर में दाखिल हुए, छात्रों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया.

एसएफआई की विश्वविद्यालय इकाई के नेता सोमनाथ साउ ने कहा कि छात्र 'समुदायों के बीच नफरत को बढ़ाना देने वालों' को उनके दुष्प्रचार के प्रसार के लिए विश्व भारती की जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देंगे जो रवीन्द्रनाथ टैगोर के आदर्शों पर स्थापित है.

भारत बंद : देशभर में दिखा मिला जुला असर, दिल्ली में भी प्रदर्शन

उन्होंने कहा, 'हम भाजपा और हिंदुत्व शक्तियों के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखेंगे.'

इससे पहले भाजपा नेता दासगुप्ता ने ट्वीट किया, 'सीएए पर आयोजित शांतिपूर्ण बैठक पर भीड़ हमले और छात्रों को डराए जाने पर कैसा अनुभव होता है? ऐसा ही कुछ विश्व भारती में हो रहा है जहां मैं संबोधन दे रहा हूं. फिलहाल कमरे में बंद हूं और बाहर भीड़ जमा है.'

कोलकाता: भाजपा सांसद स्वप्न दासगुप्ता, विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती और कई अन्य लोग विश्वविद्यालय के एक भवन के भीतर बंद रहे, जिसके बाहर वामपंथ की ओर झुकाव रखने वाले सैंकड़ों छात्र धरने पर बैठे हुए थे. विश्वविद्यालय के सूत्रों ने बताया छात्रों का धरना खत्म होने के बाद रात करीब दस बजे वे दोनों बाहर आए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

छात्रों ने राजनीतिक नेताओं पर समुदायों के बीच घृणा उत्पन्न करने का आरोप लगाया है. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने हालात पर चिंता जताते हुए राज्य सरकार से दासगुप्ता की सुरक्षा का प्रबंधन करने की मांग की.

घटनास्थल का वीडियो

बता दें कि दासगुप्ता को विश्वविद्यालय में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया गया था.

दासगुप्ता ने ट्वीट किया, 'विश्वविद्यालय द्वारा सीएए पर आयोजित मेरे आधिकारिक व्याख्यान में शिरकत करने के जुर्म में विश्व भारती, शांतिनिकेतन के एक कमरे के अंदर लगभग 70 लोगों को बंद कर दिया गया है. इनमें कुलपति भी शामिल हैं. बाहर टकराव के लिए बेताब भीड़ है.'

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दासगुप्ता को कुछ हुआ तो उसके गंभीर परिणाम होंगे.

कैलाश विजयवर्गीय

विजयवर्गीय ने वीडियो संदेश में कहा, 'स्वप्न दासगुप्ता का एसएफआई और तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने घेराव किया. वह अंदर हैं. पुलिस कहीं नजर नहीं आ रही. स्वपन दासगुप्ता का जीवन और सम्मान बहुत महत्वपूर्ण है.' उन्होंने कहा, 'मैं (मुख्यमंत्री) ममता बनर्जी और राज्य प्रशासन से उनकी सुरक्षा का प्रबंध करने का आग्रह करता हूं. अन्यथा इसके परिणाम गंभीर होंगे.'

वहीं राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह घटना राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को दर्शाती है.

वहीं इस बारे में भाजपा के राज्यसभा सांसद स्वप्न दासगुप्ता ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस पूरी घटना में पुलिस का कोई हस्तक्षेप नहीं रहा. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने के लिए छात्रों को उकसाया जाता है.

उन्होंने कहा कि ये भी नहीं कहा जा सकता कि इस घटना में केवल विश्वविद्यालय के छात्र ही शामिल हो. उन्होंने कहा कि क्या पता वह कहीं और से आए हुए लोग या गुंडे हो या फिर कुछ राजनीतिक पार्टियों के सदस्य हो.

स्वप्न दासगुप्ता से हुई बातचीत

आईटी कंपनी में 'जिहादी' वाले ट्वीट पर भड़के ओवैसी

धनखड़ ने कहा, 'राज्यसभा सदस्य डॉ स्वप्न दासगुप्ता, विश्व भारती के कुलपति और कई अन्य लोगों को कई घंटों तक बंद रखने की गंभीर स्थिति को लेकर पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र कुमार से बात की और उनसे तुरंत आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया. कानून-व्यवस्था की ऐसी अराजकता और विफलता चिंताजनक है.'

राज्यसभा सदस्य दासगुप्ता को विश्वविद्यालय के शांतिनिकेतन के लिपिका सभागार में व्याख्यान श्रृंखला के तहत 'सीएए 2019: समझ और व्याख्या' पर बोलना था.

स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन के बाद, समारोह को विश्वभारती के दूसरे लेकिन सन्निहित परिसर श्रीनिकेतन में सामाजिक कार्य विभाग के एक अन्य सभागार में स्थानांतरित कर दिया गया.

विश्व भारती विश्वविद्यालय फैकल्टी एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो सुदीप्ता भट्टाचार्य ने कहा, 'दासगुप्ता छात्रों के विरोध के कारण व्याख्यान पूरा नहीं कर सके. वह वर्तमान में वीसी के साथ श्रीनिकेतन में सामाजिक कार्य विभाग के भीतर हैं. छात्र बाहर नारे लगा रहे थे. हम उन्हें अंदर मौजूद लोगों को छोड़ने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं.'

इससे पहले जैसे ही दासगुप्ता विश्वविद्यालय परिसर में दाखिल हुए, छात्रों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया.

एसएफआई की विश्वविद्यालय इकाई के नेता सोमनाथ साउ ने कहा कि छात्र 'समुदायों के बीच नफरत को बढ़ाना देने वालों' को उनके दुष्प्रचार के प्रसार के लिए विश्व भारती की जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देंगे जो रवीन्द्रनाथ टैगोर के आदर्शों पर स्थापित है.

भारत बंद : देशभर में दिखा मिला जुला असर, दिल्ली में भी प्रदर्शन

उन्होंने कहा, 'हम भाजपा और हिंदुत्व शक्तियों के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखेंगे.'

इससे पहले भाजपा नेता दासगुप्ता ने ट्वीट किया, 'सीएए पर आयोजित शांतिपूर्ण बैठक पर भीड़ हमले और छात्रों को डराए जाने पर कैसा अनुभव होता है? ऐसा ही कुछ विश्व भारती में हो रहा है जहां मैं संबोधन दे रहा हूं. फिलहाल कमरे में बंद हूं और बाहर भीड़ जमा है.'

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URG GEN NAT
.KOLKATA CAL46
WB-VISVA-BHARATI LD PROTEST
SFI protests force BJP MP, Visva-Bharati VC to remain confined
in building
         (Eds: with the latest development)
         Kolkata, Jan 8 (PTI) BJP MP Swapan Dasgupta, Visva-
Bharati Vice-Chancellor Bidyut Chakraborty and several others
on Wednesday had to remain confined to a building of the
central university outside which hundreds of Left leaning
students staged a sit-in, accusing the politician of promoting
hatred among communities, officials said.
         West Bengal Governor Jagdeep Dhankhar and senior BJP
leader Kailash Vijayvargiya expressed concern over the
situation and asked the state government to arrange for the
safety of Dasgupta who was invited by the varsity to deliver a
lecture on the contentious Citizenship (Amended) Act (CAA).
         "There are nearly 70 people locked inside a room in
Vishwa Bharati, Santiniketan, for the crime of attending an
official, university-convened lecture by me on CAA. This
includes the VC. There is a howling mob outside itching for
confrontation," Dasgupta said in a tweet.
         BJP national general secretary Kailash Vijayvargiya
threatened the TMC government in the state that if anything
happens to Dasgupta, the consequences would be serious.
         "Swapan Dasgupta has been gheraoed by the goons of the
SFI and TMC. He is inside. The police is nowhere to be seen.
The life and honour of Swapan Dasgupta are very important,"
Vijayvargiya said in a video message.
         "I urge (Chief Minister) Mamata Banerjee and the state
administration to arrange for his safety and security.
Otherwise the consequences will be grave," the senior BJP
leader said in the video which has been retweeted by Dasgupta.
         Governor Jagdeep Dhankhar said the incident is
reflective of the worsening situation of law and order in the
State.
         "Talked to DG Police Virendra Kumar about serious
situation of confinement of Rajya Sabha MP Dr. Swapan Dasgupta
along with VC Viswa Bharati and many others for several hours,
and urged him to take swiftly necessary steps. Such anarchy
and failure of law and order is worrisome," Dhankhar said.
         "It is of serious concern that Governance is taking a
back seat. Time to take a serious look at this," he said in a
tweet.
         The journalist-turned lawmaker was innvited to speak
on "The CAA-2019: Understanding and Interpretation" as a part
of the Visva-Bharati Lecture Series at the Lipika Auditorium
of Santiniketan.
         Following protests by the Students Federation of India
(SFI) workers, the venue was shifted to another auditorium of
Social Work department at Sriniketan, the second but
contiguous campus of the Visva-Bharati.
         However, around 45 minutes after the lecture started,
agitating students reached the department, shouted slogans and
the programme was disrupted, the officials said.
         "Dasgupta could not complete the lecture due to
protests by students. He is currently inside the Social Work
department at Sriniketan along with the VC. The students were
shouting slogans outside. We are trying to persuade them to
allow them to leave," Prof Sudipta Bhattacharyya, President of
the Visva-Bharati University Faculty Association, said.
         Dasgupta, Visva-Bharati VC or its spokesperson Anirban
Sarkar could not be contacted for their comments.
         Earlier, after the journalist-turned politician
reached the Santiniketan campus, students started protesting
against him.
         The varsity's SFI unit leader Somnath Sau said the
students were opposed to allow anyone who "promotes hatred
among communities" to spread propaganda on the soil of Visva
Bharati, which stands for the ideals of Rabindranath Tagore.
         Visva Bharati, founded by Nobel laureate Rabindranath
Tagore in 1921, is now a central university.
         "We will continue our protests against the BJP and
forces of the Hindutva," he added.
         At that time, Dasgupta said in a tweet, "How does it
feel to have a mob attack a peaceful meeting on CAA and
intimidation students? This is what is happening to a meeting
I am addressing at Vishwa Bharati now. Locked into room now
with mob outside (sic)."
         Vice-Chancellor Chakraborty then informed the
agitating students that the lecture series was part of the
academic exercise and there should not be any controversy, a
senior professor said.
         However, the students did not pay heed to it. PTI SUS
SOM
NN
NN
01082203
NNNN
Last Updated : Jan 9, 2020, 6:27 PM IST
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