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उत्तर प्रदेश में 7 पुलिस उपाधीक्षक, सहायक सेनानायक अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त - seven cops

UP सरकार के निर्देशानुसार सात पुलिस उपाधीक्षकों तथा सहायक सेनानायकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान कर दी गई है. पिछले दो वर्षों में अलग-अलग विभागों के 200 से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है. पढ़ें पूरा विवरण...

सीएम योगी आदित्यनाथ
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Published : Nov 7, 2019, 6:19 PM IST


लखनऊः सरकारी सेवाओं में दक्षता तथा पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार सात पुलिस उपाधीक्षकों तथा सहायक सेनानायकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान कर दी गई है.

अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि स्क्रीनिंग कमेटी की सिफारिश पर शासन ने प्रान्तीय पुलिस सेवा संवर्ग के 50 वर्ष या उससे अधिक आयु के सात पुलिस उपाधीक्षकों/ सहायक सेनानायकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान की.

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उत्तर प्रदेश में 7 पुलिस उपाधीक्षक, सहायक सेनानायक अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त

अवस्थी के अनुसार, प्रान्तीय पुलिस सेवा संवर्ग के जिन सात पुलिस उपाधीक्षकों/ सहायक सेनानायकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान की गई वह क्रमश: अरुण कुमार (सहायक सेनानायक 15वीं वाहिनी पीएसी, जनपद आगरा), विनोद कुमार राना (पुलिस उपाधीक्षक जनपद अयोध्या), नरेन्द्र सिंह राना (पुलिस उपाधीक्षक जनपद आगरा), रतन कुमार यादव (सहायक सेनानायक 33वीं वाहिनी पीएसी, झांसी), तेजवीर सिंह यादव (सहायक सेनानायक 27वीं वाहिनी पीएसी, सीतापुर), संतोष कुमार सिंह (मण्डलाधिकारी मुरादाबाद) तथा तनवीर अहमद खां (सहायक सेनानायक 30वीं वाहिनी पीएसी, गोण्डा) हैं.

एक सरकारी बयान में बताया गया कि प्रदेश सरकार 'भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं की नीति पर काम कर रही है. इसके तहत पिछले दो वर्षों में अलग-अलग विभागों के 200 से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है.

पढ़ें : अयोध्या टाइटल सूट पर SC के फैसले से पहले, अंबेडकर नगर में आठ जेलों की स्थापना

इन दो वर्षों में योगी सरकार ने 400 से ज्यादा अफसरों, कर्मचारियों को निलंबन और पदावनति जैसे दंड भी दिए हैं.

राज्य सरकार ऊर्जा विभाग में 169 अधिकारियों, गृह विभाग के 51 अधिकारियों, परिवहन विभाग के 37 अधिकारियों, राजस्व विभाग के 36 अधिकारियों, बेसिक शिक्षा विभाग के 26 अधिकारियों, पंचायतीराज विभाग के 25 अधिकारियों, लोक निर्माण विभाग के 18 अधिकारियों, श्रम विभाग के 16 अधिकारियों, संस्थागत वित्त विभाग के 16 अधिकारियों, वाणिज्यिक कर विभाग के 16 अधिकारियों, मनोरंजन कर विभाग के 16 अधिकारियों, ग्राम्य विकास के 15 अधिकारियों और वन विभाग के 11 अधिकारियों पर कार्रवाई कर चुकी है.


लखनऊः सरकारी सेवाओं में दक्षता तथा पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार सात पुलिस उपाधीक्षकों तथा सहायक सेनानायकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान कर दी गई है.

अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि स्क्रीनिंग कमेटी की सिफारिश पर शासन ने प्रान्तीय पुलिस सेवा संवर्ग के 50 वर्ष या उससे अधिक आयु के सात पुलिस उपाधीक्षकों/ सहायक सेनानायकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान की.

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उत्तर प्रदेश में 7 पुलिस उपाधीक्षक, सहायक सेनानायक अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त

अवस्थी के अनुसार, प्रान्तीय पुलिस सेवा संवर्ग के जिन सात पुलिस उपाधीक्षकों/ सहायक सेनानायकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान की गई वह क्रमश: अरुण कुमार (सहायक सेनानायक 15वीं वाहिनी पीएसी, जनपद आगरा), विनोद कुमार राना (पुलिस उपाधीक्षक जनपद अयोध्या), नरेन्द्र सिंह राना (पुलिस उपाधीक्षक जनपद आगरा), रतन कुमार यादव (सहायक सेनानायक 33वीं वाहिनी पीएसी, झांसी), तेजवीर सिंह यादव (सहायक सेनानायक 27वीं वाहिनी पीएसी, सीतापुर), संतोष कुमार सिंह (मण्डलाधिकारी मुरादाबाद) तथा तनवीर अहमद खां (सहायक सेनानायक 30वीं वाहिनी पीएसी, गोण्डा) हैं.

एक सरकारी बयान में बताया गया कि प्रदेश सरकार 'भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं की नीति पर काम कर रही है. इसके तहत पिछले दो वर्षों में अलग-अलग विभागों के 200 से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है.

पढ़ें : अयोध्या टाइटल सूट पर SC के फैसले से पहले, अंबेडकर नगर में आठ जेलों की स्थापना

इन दो वर्षों में योगी सरकार ने 400 से ज्यादा अफसरों, कर्मचारियों को निलंबन और पदावनति जैसे दंड भी दिए हैं.

राज्य सरकार ऊर्जा विभाग में 169 अधिकारियों, गृह विभाग के 51 अधिकारियों, परिवहन विभाग के 37 अधिकारियों, राजस्व विभाग के 36 अधिकारियों, बेसिक शिक्षा विभाग के 26 अधिकारियों, पंचायतीराज विभाग के 25 अधिकारियों, लोक निर्माण विभाग के 18 अधिकारियों, श्रम विभाग के 16 अधिकारियों, संस्थागत वित्त विभाग के 16 अधिकारियों, वाणिज्यिक कर विभाग के 16 अधिकारियों, मनोरंजन कर विभाग के 16 अधिकारियों, ग्राम्य विकास के 15 अधिकारियों और वन विभाग के 11 अधिकारियों पर कार्रवाई कर चुकी है.

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UP: Seven cops given compulsory retirement for not doing duties properly
(Eds: Updates with background)
         Lucknow, Oct 7 (PTI) As part of its 'zero-tolerance' policy against corruption, the Uttar Pradesh government on Thursday gave compulsory retirement to seven police officers for not performing their duties effectively, officials said.
         The officers are from the Provincial Police Service (PPS) and of 50 years of age or above, an official statement said.
         "Following orders of Chief Minister Yogi Adityanath, the state government has given compulsory retirement to seven police officials on recommendations of a screening committee set up for the purpose," Additional Chief Secretary, Home, Awanish Awasthi said.
         They were not effectively discharging their duties and a number of probes were pending against them, the statement said.
         Those given compulsory retirement are Assistant Commandant, PAC Agra Arun Kumar, Deputy SP Ayodhya - Vinod Kumar Rana, Deputy SP Agra - Narendra Singh Rana, Assistant Commandant PAC, Jhansi - Ratan Kumar Yadav, Assistant Commandant, PAC Sitapur - Tejvir Singh Yadav, Divisional officer Moradabad - Santosh Kumar Singh and Assistant Commandant, PAC Gonda - Tanveer Ahmad Khan.
         The Adityanath government has in the last two years forcibly retired more than 200 officials and employees of various departments.
         The government has also punished more than 400 officers and employees by suspending and demoting them.
         The state government took action against 169 officers of power department, 51 of home department, 37 of transport department, 36 of revenue department, 26 officers of basic education, 25 of panchayati raj, 18 of PWD, 16 of labour department, 16 of institutional finance department, 16 of commercial tax, 16 of entertainment tax department, 15 of rural development and 11 officers of forest department. PTI ABN SMI
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