अलवर : अलवर की जिला अदालत ने पहलू खान मॉब लिंचिंग के मामले में फैसला सुना दिया है. अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. फैसले की जानकारी देते हुए वकील ने बताया कि फैसले का अवलोकन करने के बाद हाईकोर्ट में अपील किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अदालत ने आरोपियों को संदेह का लाभ दिया है.
जानकारी देने वाले वकील योगेंद्र सिंह खटाना ने बताया कि वे राज्य सरकार की पैरवी कर रहे थे. उन्होंने कहा कि उन्होंने सर्वश्रेष्ठ सबूत पेश किए.
वकील ने कहा कि अभी फैसले की कॉपी नहीं मिली है. पूरी कॉपी पढ़ने के बाद अपील करने पर फैसला लिया जाएगा.
एक अन्य वकील हुकमचंद शर्मा ने इस फैसले को ऐतिहासिक करार दिया. उन्होंने कहा कि पूरा देश इसका सम्मान करेगा. उन्होंने कहा कि ये फैसला उनके चेहरे पर करारा तमाचा है, जो इस मुद्दे पर हिंदू- मुस्लिम की राजनीति कर रहे थे.
वकील हुकमचंद ने बताया का पुलिस ने गलत तथ्यों के आधार पर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा कि छह लोगों के खिलाफ ट्रायल के बाद अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है.
हुकमचंद ने बताया कि ये हिंदुस्तान में एक बड़ा फैसला आया है. राजनीति करने वालों के लिए ये एक सबक है.
बता दें कि अलवर के बहरोड़ में साल 2017 में गोवंश के मामले में कथित तौर से मॉब लिंचिग हुई थी. इसमें पहलू खान नाम के शख्स की मौत हुई थी.
फैसले को देखते हुए अलवर न्यायालय में बुधवार को भारी पुलिस बल तैनात किया गया. बड़ी संख्या में लोग भी न्यायालय में जमा हुए. मामले में कुल 5 एफआईआर दर्ज हुई थी. इनमें से पहलू खान की हत्या के मामले में बहस और गवाहों के बयान पूरे हो चुके हैं. जिसमें न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
क्या था मामला
हरियाणा मेवात के रहने वाले कुछ लोग साल 2017 में अलवर के बहरोड़ से दो गाड़ियों में गायों को लेकर जा रहे थे. लोगों ने उनको रोका और गायों के बारे में पूछताछ की. उनके पास पर्याप्त दस्तावेज नहीं था. इस पर लोगों ने उनको जमकर पीटा. घटना में पहलू खान नाम के व्यक्ति की मौत हो गई थी.
इस मामले में पुलिस ने पांच एफआईआर दर्ज की थी. इनमें से एक एफआईआर पहलू खान की हत्या के मामले में थी. शुरुआत में इस मामले की सुनवाई बहरोड़ के न्यायालय में चल रही थी. लेकिन, पहलू खान के परिजनों की मांग पर उच्च न्यायालय में इस मामले की सुनवाई अलवर की विशेष न्यायालय में करने के आदेश दिए थे. उसके बाद से लगातार अलवर की विशेष न्यायालय संख्या 1 में इस मामले की सुनवाई चल रही थी.