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गणतंत्र दिवस पर सुरक्षा में 48 कंपनी केंद्रीय बल, 22 हजार पुलिस जवान होंगे तैनात

गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी के सुरक्षा इंतजाम की जिम्मेदारी निभाने वाली दिल्ली पुलिस सतर्क हो गई है. सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने नई दिल्ली, मध्य दिल्ली और उत्तरी दिल्ली की बहुमंजिला निजी-राजकीय इमारतों को खाली कराके उसे सील करने का निर्णय लिया है.

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Published : Jan 25, 2020, 2:44 PM IST

Updated : Feb 18, 2020, 9:02 AM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार विध्वंसकारी ताकतें गणतंत्र-दिवस की पूर्व संध्या पर मौके की तलाश में हैं. उनके निशाने पर भीड़ भरे बाजार और सरकारी इमारतें हो सकती हैं. इस मद्देनजर राजधानी के सुरक्षा इंतजाम की जिम्मेदारी निभाने वाली दिल्ली पुलिस सतर्क हो गई है.

पुलिस ने शनिवार से ही नई दिल्ली, मध्य दिल्ली और उत्तरी दिल्ली की बहुमंजिला निजी-राजकीय इमारतों को खाली कराके उसे सील करने का निर्णय लिया है, ताकि विध्वंसकारी ताकतों को छिपकर मंसूबे पूरे करने का मौका ही हाथ न लगे.

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और अपराध शाखा के अधिकारी हालांकि संवेदनशील विषय होने के चलते खुफिया जानकारियों पर बात करने से कतरा रहे हैं.

दिल्ली पुलिस मुख्यालय के मुताबिक, 'इस बार 48 कंपनी केंद्रीय अर्धसैनिक बल गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली के चप्पे-चप्पे पर तैनात रहेंगे. इसके लिए सबंधित विभागों से भी लिखित स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, जबकि दिल्ली पुलिस के 22 हजार जवान गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान और उससे पूर्व यानी शनिवार दोपहर बाद से ही तैनात कर दिए जाएंगे.'

दिल्ली पुलिस मुख्यालय द्वारा तमाम विशेष आयुक्तों (कानून एवं व्यवस्था), परिक्षेत्रों के संयुक्त आयुक्तों, जिलों के डीसीपी को भी बेहद सतर्क रहने की हिदायत दे दी गई है. पुलिस आयुक्त ने बेहद सख्त लहजे में आला-अफसरों को समझा दिया है कि कहीं भी आपसी सामंजस्य में कमी आई तो इसका इस्तेमाल विध्वंसकारी ताकतें करने से बाज नहीं आएंगी.

गणतंत्र दिवस परेड के दौरान जो भी स्थान और इमारतें संवेदनशील मानी गई हैं, वहां दिल्ली पुलिस के ब्लैककैट कमांडो तैनात किए जाएंगे. परेड के बाद राष्ट्रपति भवन में आयोजित 'एटहोम' तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम बने रहेंगे. दिल्ली की सीमाओं पर चौकसी की रणनीति भी संबंधित राज्यों की पुलिस के साथ बनाई जा चुकी है.

आपात स्थिति में संचार की मदद के लिए चलते-फिरते 'मोबाइल-कंट्रोल-रूम' भी बनाए गए हैं. इन विशेष किस्म के मोबाइल कंट्रोल-रूम के खुफिया कॉल-साइन भी निर्धारित कर दिए गए हैं, जो आपात स्थिति में सिर्फ दिल्ली पुलिस ही सुन व समझ पाएगी.

परेड के दौरान भीड़ रोकने का भी ख्याल रखा जाएगा. इसके लिए बाकायदा दिल्ली यातायात पुलिस के 2000 से ज्यादा जवान सड़क पर तैनात रहेंगे.

उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले जय सिंह रोड पर मौजूद नवनिर्मित पुलिस मुख्यालय भवन सभागार में दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने एक गोपनीय बैठक बुलाई थी. तीन दशक के दिल्ली पुलिस के इतिहास में यह पहला मौका था जब दिल्ली पुलिस आयुक्त ने गणतंत्र दिवस सुरक्षा इंतजाम के मद्देनजर पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर और मध्य प्रदेश के आला पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक बुलाई हो.

बैठक का उद्देश्य दिल्ली में शांतिपूर्ण चुनाव और गणतंत्र दिवस पर सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा करने का था.

नई दिल्ली : केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार विध्वंसकारी ताकतें गणतंत्र-दिवस की पूर्व संध्या पर मौके की तलाश में हैं. उनके निशाने पर भीड़ भरे बाजार और सरकारी इमारतें हो सकती हैं. इस मद्देनजर राजधानी के सुरक्षा इंतजाम की जिम्मेदारी निभाने वाली दिल्ली पुलिस सतर्क हो गई है.

पुलिस ने शनिवार से ही नई दिल्ली, मध्य दिल्ली और उत्तरी दिल्ली की बहुमंजिला निजी-राजकीय इमारतों को खाली कराके उसे सील करने का निर्णय लिया है, ताकि विध्वंसकारी ताकतों को छिपकर मंसूबे पूरे करने का मौका ही हाथ न लगे.

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और अपराध शाखा के अधिकारी हालांकि संवेदनशील विषय होने के चलते खुफिया जानकारियों पर बात करने से कतरा रहे हैं.

दिल्ली पुलिस मुख्यालय के मुताबिक, 'इस बार 48 कंपनी केंद्रीय अर्धसैनिक बल गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली के चप्पे-चप्पे पर तैनात रहेंगे. इसके लिए सबंधित विभागों से भी लिखित स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, जबकि दिल्ली पुलिस के 22 हजार जवान गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान और उससे पूर्व यानी शनिवार दोपहर बाद से ही तैनात कर दिए जाएंगे.'

दिल्ली पुलिस मुख्यालय द्वारा तमाम विशेष आयुक्तों (कानून एवं व्यवस्था), परिक्षेत्रों के संयुक्त आयुक्तों, जिलों के डीसीपी को भी बेहद सतर्क रहने की हिदायत दे दी गई है. पुलिस आयुक्त ने बेहद सख्त लहजे में आला-अफसरों को समझा दिया है कि कहीं भी आपसी सामंजस्य में कमी आई तो इसका इस्तेमाल विध्वंसकारी ताकतें करने से बाज नहीं आएंगी.

गणतंत्र दिवस परेड के दौरान जो भी स्थान और इमारतें संवेदनशील मानी गई हैं, वहां दिल्ली पुलिस के ब्लैककैट कमांडो तैनात किए जाएंगे. परेड के बाद राष्ट्रपति भवन में आयोजित 'एटहोम' तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम बने रहेंगे. दिल्ली की सीमाओं पर चौकसी की रणनीति भी संबंधित राज्यों की पुलिस के साथ बनाई जा चुकी है.

आपात स्थिति में संचार की मदद के लिए चलते-फिरते 'मोबाइल-कंट्रोल-रूम' भी बनाए गए हैं. इन विशेष किस्म के मोबाइल कंट्रोल-रूम के खुफिया कॉल-साइन भी निर्धारित कर दिए गए हैं, जो आपात स्थिति में सिर्फ दिल्ली पुलिस ही सुन व समझ पाएगी.

परेड के दौरान भीड़ रोकने का भी ख्याल रखा जाएगा. इसके लिए बाकायदा दिल्ली यातायात पुलिस के 2000 से ज्यादा जवान सड़क पर तैनात रहेंगे.

उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले जय सिंह रोड पर मौजूद नवनिर्मित पुलिस मुख्यालय भवन सभागार में दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने एक गोपनीय बैठक बुलाई थी. तीन दशक के दिल्ली पुलिस के इतिहास में यह पहला मौका था जब दिल्ली पुलिस आयुक्त ने गणतंत्र दिवस सुरक्षा इंतजाम के मद्देनजर पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर और मध्य प्रदेश के आला पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक बुलाई हो.

बैठक का उद्देश्य दिल्ली में शांतिपूर्ण चुनाव और गणतंत्र दिवस पर सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा करने का था.

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Last Updated : Feb 18, 2020, 9:02 AM IST
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