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पंजाब बंद को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने जारी किया अलर्ट - पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह

एसएफजे के पंजाब बंद को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है. समूह ने अपने एक हालिया संदेश के जरिए दिलावर सिंह की 25वीं पुण्यतिथि मनाने के लिए 31 अगस्त को पंजाब बंद का आह्वान किया है. दिलावर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह का हत्यारा है.

security agencies issue an alert
एसएफजे के पंजाब बंद पर अलर्ट जारी
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Published : Aug 25, 2020, 6:21 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय खुफिया एजेंसियों को सूचना मिली है कि अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने इस महीने के अंत में पंजाब बंद का आह्वान किया है, जिसके बाद अलर्ट जारी किया गया है.

खालिस्तान समर्थक समूह एसएफजे को अलगाववादी नीतियों के कारण पिछले साल जुलाई में गृह मंत्रालय द्वारा गैरकानूनी घोषित किया गया था. समूह ने अपने एक हालिया संदेश के जरिए दिलावर सिंह की 25वीं पुण्यतिथि मनाने के लिए 31 अगस्त को पंजाब बंद का आह्वान किया है. दिलावर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह का हत्यारा है. कांग्रेस नेता बेअंत सिंह 1992 से 1995 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे थे. 31 अगस्त 1995 को तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह को चंडीगढ़ के केंद्रीय सचिवालय के बाहर एक बम धमाके में उड़ा दिया गया था. उनके साथ इस आतंकी हमले में 16 अन्य लोगों की जान भी गई थी. इस हमले में पंजाब पुलिस के कर्मचारी दिलावर सिंह ने मानव बम की भूमिका निभाई थी.

एसएफजे ने अपने बंद के आह्वान में अमृतसर से उन सिखों की वापसी यात्रा के लिए यात्रा खर्च की प्रतिपूर्ति की पेशकश की है जो 31 अगस्त को अकाल तख्त में अरदास करेंगे. इस पर एक हाई अलर्ट जारी किया गया है और पंजाब पुलिस को राज्य में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पूर्ण व्यवस्था करने के लिए कहा गया है. न्यूयॉर्क में रहने वाले एसएफजे के मुख्य प्रचारक और वकील गुरपतवंत पन्नू ने बंद का आह्वान किया है.

वर्ष 1992-95 के दौरान पन्नू ने कहा कि भाई शहीद दिलावर सिंह ने वास्तव में बेअंत के शासन के तहत सिखों के नरसंहार को रोक दिया था. हम 31 अगस्त को कौमी शहीद दिलावर सिंह को आदर देने के तौर पर पंजाब के लोगों से क्लीनिक और फार्मेसी जैसी आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी व्यवसायों को बंद करने का आग्रह करते हैं. पंजाब की स्थिति पर एमनेस्टी इंटरनेशनल की 1995 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए पन्नू ने कहा पंजाब में खालिस्तान नामक राज्य में सिख मातृभूमि की स्थापना के लिए अक्सर हिंसक अभियान को दबाने के उनके प्रयासों में पंजाब में मानवाधिकारों का हनन किया गया है.

उन्होंने दावा किया कि इन उल्लंघनों में लोगों के गायब होने, हत्याएं, व्यापक अत्याचार और हिरासत में लिए जाने जैसी प्रताड़ना शामिल हैं. भारतीय एजेंसियों का कहना है कि अमेरिका स्थित एसएफजे संगठन का पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध है.

पढ़ें : भारत में कमजोर हुई खालिस्तान की रणनीति, वैश्विक परिदृश्य में अब भी मजबूत

नई दिल्ली : भारतीय खुफिया एजेंसियों को सूचना मिली है कि अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने इस महीने के अंत में पंजाब बंद का आह्वान किया है, जिसके बाद अलर्ट जारी किया गया है.

खालिस्तान समर्थक समूह एसएफजे को अलगाववादी नीतियों के कारण पिछले साल जुलाई में गृह मंत्रालय द्वारा गैरकानूनी घोषित किया गया था. समूह ने अपने एक हालिया संदेश के जरिए दिलावर सिंह की 25वीं पुण्यतिथि मनाने के लिए 31 अगस्त को पंजाब बंद का आह्वान किया है. दिलावर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह का हत्यारा है. कांग्रेस नेता बेअंत सिंह 1992 से 1995 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे थे. 31 अगस्त 1995 को तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह को चंडीगढ़ के केंद्रीय सचिवालय के बाहर एक बम धमाके में उड़ा दिया गया था. उनके साथ इस आतंकी हमले में 16 अन्य लोगों की जान भी गई थी. इस हमले में पंजाब पुलिस के कर्मचारी दिलावर सिंह ने मानव बम की भूमिका निभाई थी.

एसएफजे ने अपने बंद के आह्वान में अमृतसर से उन सिखों की वापसी यात्रा के लिए यात्रा खर्च की प्रतिपूर्ति की पेशकश की है जो 31 अगस्त को अकाल तख्त में अरदास करेंगे. इस पर एक हाई अलर्ट जारी किया गया है और पंजाब पुलिस को राज्य में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पूर्ण व्यवस्था करने के लिए कहा गया है. न्यूयॉर्क में रहने वाले एसएफजे के मुख्य प्रचारक और वकील गुरपतवंत पन्नू ने बंद का आह्वान किया है.

वर्ष 1992-95 के दौरान पन्नू ने कहा कि भाई शहीद दिलावर सिंह ने वास्तव में बेअंत के शासन के तहत सिखों के नरसंहार को रोक दिया था. हम 31 अगस्त को कौमी शहीद दिलावर सिंह को आदर देने के तौर पर पंजाब के लोगों से क्लीनिक और फार्मेसी जैसी आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी व्यवसायों को बंद करने का आग्रह करते हैं. पंजाब की स्थिति पर एमनेस्टी इंटरनेशनल की 1995 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए पन्नू ने कहा पंजाब में खालिस्तान नामक राज्य में सिख मातृभूमि की स्थापना के लिए अक्सर हिंसक अभियान को दबाने के उनके प्रयासों में पंजाब में मानवाधिकारों का हनन किया गया है.

उन्होंने दावा किया कि इन उल्लंघनों में लोगों के गायब होने, हत्याएं, व्यापक अत्याचार और हिरासत में लिए जाने जैसी प्रताड़ना शामिल हैं. भारतीय एजेंसियों का कहना है कि अमेरिका स्थित एसएफजे संगठन का पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध है.

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